भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 28,441,986 हो गई है और इस महामारी से मौत का आंकड़ा 337,989 हो गया है. विश्व में संक्रमण के मामले 17.16 करोड़ से ज़्यादा हैं और मृतक संख्या 36 लाख के पार चली गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दो चरणों में संबंधित समूहों (45 वर्ष से अधिक उम्र) को टीके की मुफ़्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है. अदालत ने यह भी जानना चाहा कि टीकाकरण के लिए निर्धारित 35,000 करोड़ रुपये अब तक कैसे ख़र्च किए गए हैं और इसका उपयोग 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण पर क्यों नहीं किया
वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी के माध्यम से ये बताया जा रहा है कि ये वैश्विक महामारी है और हर देश प्रभावित है, इसलिए मोदी जी बेचारे क्या कर सकते हैं. इस नरेटिव से सरकार की नाकामी पर पर्दा डालने का प्रयास जारी है, जबकि सच्चाई यह है कि दुनिया में कोविड के दूसरे लहर का सबसे ज़्यादा असर भारत पर ही पड़ा है. जिस देश का जन स्वास्थ्य तंत्र सुदृढ़ है, वहां इसका असर अपेक्षाकृत कम हुआ.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि टीकों की कमी से जान गंवाने वालों को आप क्या जवाब देंगे? अदालत ने केंद्र से कहा कि टीकों के निर्माण के लिए बहुत सारी गुंजाइश और बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. इस्तेमाल न की गई इस क्षमता का उपयोग करना होगा. आपके अधिकारियों को इसका एहसास नहीं हो रहा है.
महाराष्ट्र की विभिन्न जेलों में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य के गृह विभाग ने जेलों में क़ैदियों की संख्या को कम करने के अलावा कई अन्य फ़ैसले लिए थे. हालांकि जेल के अधिकारियों ने बताया कि जिन कैदियों को पैरोल दी गई है, उनका मानना है कि बाहर जाकर रोज़गार ढूंढने में अगर वे नाकाम रहे तो आर्थिक परेशानियों के इस दौर में अपने परिवार पर ही बोझ बन जाएंगे.
एलगार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू को मई में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें मुंबई के जीटी अस्पताल रेफर किया गया था और अब ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 28,307,832 हो चुकी है, जबकि मृतक संख्या 335,102 है. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 17.11 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 35.65 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 29 मई तक राज्यों की ओर से प्रदान किए गए आंकड़ों के मुताबिक 9,346 ऐसे बच्चे है, जो कोरोना महामारी के कारण बेसहारा और अनाथ हो गए हैं या फिर अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है. ऐसे सबसे ज़्यादा 2,110 बच्चे उत्तर प्रदेश में हैं.
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को पत्र लिखकर एंबुलेंस ख़रीददारी में पद का दुरुपयोग करते हुए सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सरकारी राशि की क्षति करने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि बिलिंग राशि बढ़ाने के लिए इंश्योरेंश और आरटीओ का ख़र्च दोगुना दर्शाया गया.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 28,175,044 हो गई है और मृतक संख्या 331,895 है. विश्व में संक्रमण के 17.07 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 35.5 लाख से अधिक लोग इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आकलन के अनुसार, बेरोज़गारी दर मई में 12 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 8 प्रतिशत थी. यानी इस दौरान क़रीब एक करोड़ भारतीयों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. इसका मुख्य कारण कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर है.
पुलिस ने बताया कि एक वीडियो में पिंपरी-चिंचवाड़ से विधायक महेश लांडगे समेत 60 से अधिक लोग उनकी बेटी की शादी संबंधी समारोह में जश्न मनाते दिख रहे हैं. रविवार शाम हुए समारोह के दौरान सामाजिक दूरी के विभिन्न मानदंडों, मास्क के नियम और 25 व्यक्तियों की निर्धारित सीमा का भी पालन नहीं किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के 21 मई के आदेश के ख़िलाफ़ वित्त मंत्रालय की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह रोक लगाई. दिल्ली हाईकोर्ट के व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए लोगों द्वारा आयातित ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए जा रहे एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) को असंवैधानिक क़रार दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि महामारी की पल-पल बदलती स्थिति से निपटने के लिए वे अपनी नीतियों में लचीनापन रखें. साथ ही अदालत ने केंद्र के टीकाकरण के लिए ‘कोविन’ पर पंजीयन अनिवार्य करने को लेकर कहा कि बार-बार डिजिटल इंडिया का नाम लिया जाता है पर ग्रामीण इलाकों में हालात अलग हैं.
अपनी छह सूत्रीय मांगों लेकर जूनियर डॉक्टर बीते 6 मई को भी हड़ताल पर चले गए थे, लेकिन राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिए जाने के बाद उसी दिन हड़ताल वापस ले ली गई थी. मध्य प्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि 24 दिन पहले उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया गया था, लेकिन तब से इस मामले में कुछ नहीं हुआ है.