हम भी भारत, एपिसोड 05: रोहिंग्या शरणार्थी और भारत

हम भी भारत की पांचवीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि रह चुके विजय नांबियार और आॅब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के वरिष्ठ फेलो मनोज जोशी से चर्चा कर रही हैं.

पनामा पेपर्स घोटाले का खुलासा करने वाली पत्रकार की हत्या

पत्रकार डेफ्ने कारुआना गालिज़िआ ने माल्टा में पनामा पेपर्स से जुड़े घोटाले को उजागर किया था. उनकी रिपोर्ट में माल्टा के प्रधानमंत्री की पत्नी, चीफ आॅफ स्टाफ और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री पर आरोप लगाया गया था.

विश्व खाद्य दिवस: दुनिया में भूखे लोगों की क़रीब 23 फ़ीसदी आबादी भारत में रहती है

तमाम योजनाओं के ऐलान और बहुत सारे वादों के बावजूद देश में भूख व कुपोषण से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ रही है.

ट्रंप ने बड़े मीडिया नेटवर्कों के लाइसेंस रद्द करने की धमकी दी

एनबीसी न्यूज़ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि ट्रंप अपने परमाणु हथियारों में दस गुना बढ़ोत्तरी चाहते हैं. ट्रंप ने इस ख़बर को फ़र्ज़ी बताया.

‘भारत में हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों के कारण मीडिया में सेल्फ सेंसरशिप की प्रवृत्ति बढ़ी’

अंतरराष्ट्रीय संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का कहना है कि 2015 से अब तक सरकार की आलोचना करने वाले नौ पत्रकारों की हत्या कर दी गई.

चे ग्वेरा की बेटी ने कहा, सत्ता में पागल व्यक्तियों के रहने से चीज़ें और जटिल हो जाती हैं

चे की बेटी एलीडा कहती हैं, ‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पागलपन से मानवता नष्ट हो सकती है.’

अडाणी की कोयला खान परियोजना के ख़िलाफ़ आॅस्ट्रेलिया में कई स्थानों पर प्रदर्शन

आॅस्ट्रेलिया में 16.5 अरब डॉलर की कारमाइकल कोयला खान परियोजना के ख़िलाफ़ सिडनी, ब्रिसबेन, मेलबर्न, उत्तरी क्वींसलैंड में हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे और रैलियां निकालीं.

आर्थिक सुस्ती के बाद भी अरबपतियों की संपत्ति में 26 प्रतिशत का इज़ाफ़ा

फोर्ब्स ने जारी की अमीरों की सूची, मुकेश अंबानी लगातार दसवें साल सबसे अमीर, फोर्ब्स ने कहा आर्थिक प्रयोगों का अरबपतियों पर नाममात्र का असर.

दुनिया में विकास का पैमाना युद्धों का ख़ात्मा क्यों नहीं है?

मानव समाज के 3400 सालों के लिखित इतिहास में केवल 268 साल शांति वाले रहे हैं यानी इस धरती ने बस आठ प्रतिशत समय शांति के साथ गुज़ारा है.

इस साल 20 लाख से अधिक लोग शरणार्थी बनने को विवश हुए: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग ने कहा, म्यांमार में हिंसा के कारण बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या शरणार्थियों को मदद की सख़्त ज़रूरत है.

म्यांमार के हिंसाग्रस्त रखाइन में स्कूल खुले, लेकिन अब भी इलाका छोड़ भाग रहे हैं रोहिंग्या

म्यांमार की सरकारी मीडिया में घोषणा की गई कि इलाके में स्थिरता लौट आई है. बीते अगस्त महीने से इलाके में हिंसा जारी ​है.

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