मई 2020 में तिनसुकिया ज़िले के बाघजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक कुएं में गैस रिसाव के बाद लगी को क़रीब पांच महीने बाद बुझाया जा सका था. एनजीटी द्वारा इसके लिए गठित जांच समिति में कंपनी के प्रबंध निदेशक को शामिल किया गया था, जिस पर हैरानी जताते हुए शीर्ष अदालत ने इस निर्णय पर रोक लगा दी है.
असम के शिवसागर से विधायक अखिल गोगोई और उनके तीन साथियों को एनआईए अदालत ने चांदमारी मामले के संबंध में बरी कर दिया. इस मामले में उन पर माओवादियों से संबंध रखने का आरोप था. गोगोई ने इस फ़ैसले को भारत की क़ानूनी व्यवस्था की जीत बताया है.
मिज़ोरम ने असम पर सीमा से लगे कोलासिब ज़िले में उसकी ज़मीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है, तो दूसरी ओर असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर असम में हैलाकांडी के अंदर कथित तौर पर दस किलोमीटर की दूरी पर संरचनाओं के निर्माण और सुपारी तथा केले के पौधे लगाने के आरोप लगाए हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि उनके राज्य के मुस्लिम अल्पसंख्यकों में गरीबी और निरक्षरता को मिटाने का एकमात्र तरीका दो बच्चों की नीति है. उन्होंने कहा कि असम अपनी वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 1.6 प्रतिशत रखने में कामयाब रहा है, लेकिन जब हम सांख्यिकी की तह में जाते हैं तो पाते हैं कि मुस्लिम आबादी 29 प्रतिशत की दर (दशकीय) से बढ़ रही है, जबकि हिंदू आबादी 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही.
असम के डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के अंदर दो गांवों में बसे राज्य के दूसरे सबसे बड़े जातीय समुदाय मिसिंग के क़रीब बारह हज़ार लोग लगभग सत्तर बरसों से बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पुनर्वास की उम्मीद लिए जी रहे हैं. राज्य में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन इस समुदाय की दशा अब भी वैसी ही है.
असम के शिवसागर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई बीते 25 जून की दोपहर को पैरोल मिलने के बाद देर रात गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से बाहर निकले, जहां उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने गुवाहाटी में पत्नी और बेटे के साथ किराये के मकान में रात बिताई और शनिवार को अपनी मां से मुलाकात की. उन्हे सीएए विरोधी प्रदर्शनों के वक्त जोरहाट से दिसंबर 2019 में गिरफ़्तार किया गया था.
भाबेश कलीता असम के कामरूप ज़िले की रंगिया विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि शारदा देवी इससे पहले प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष और प्रशिक्षण विभाग की मुखिया थीं. कलीता, रंजीत कुमार दास की जगह लेंगे और शारदा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एस. टिकेंद्र सिंह की जगह लेंगी, जिनका निधन बीते मई महीने में कोविड-19 संबंधी परेशानियों से हो गया था.
ऑल अरुणाचल प्रदेश अबो तानी स्टूडेंट्स यूनियन ने 24 जून को दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश के किमिन-पोटिन हिस्से को असम को सौंपने के लिए सीमा सड़क संगठन के साथ मिलीभगत की. विभिन्न संगठनों ने सीमा सड़क संगठन द्वारा राज्य की राजधानी ईटानगर से 75 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर किमिन का नाम बदलकर बिलगढ़ करने और इसे असम के हिस्से के रूप में दिखाने पर आपत्ति जताई है.
मेघालय हाईकोर्ट ने कहा कि दुकानदारों, टैक्सी ड्राइवरों आदि को अपना व्यवसाय दोबारा शुरू करने के लिए टीका लगाने के लिए मजबूर करना इससे जुड़े भलाई के मूल उद्देश्य को प्रभावित करता है.
ग़ैर सरकारी संगठन असम पब्लिक वर्क्स ने आरोप लगाया है कि हजेला और उनके सहयोगियों ने प्रवासी पृष्ठभूमि वाले कुछ अधिकारियों, डेटा एंट्री ऑपरेटरों, कुछ अल्पसंख्यक नेताओं और कुछ राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथ मिलकर वेरिफिकेशन में गड़बड़ी कर अपडेटेड एनआरसी में कथित अवैध प्रवासियों का नाम जोड़ा.
असम के शिवसागर के विधायक अखिल गोगोई को फिलहाल जेल में ही रहना होगा क्योंकि यूएपीए के दूसरे मामले में उनके ख़िलाफ़ सुनवाई अभी चल रही है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने राज्य में हिंसक सीएए विरोधी प्रदर्शनों में कथित संलिप्तता के मामले में 2019 में उन्हें गिरफ़्तार किया था.
घटना खोवई ज़िले की है, जहां ग्रामीणों ने रविवार सुबह पांच मवेशी ले जा रहे एक मिनी ट्रक को अगरतला की तरफ जाते देखा और पीछा कर उसमें सवार तीनों लोगों की बेरहमी से पिटाई की, जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस के अनुसार जांच जारी है और अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
असम के कछार ज़िले का मामला. बीते 18 जून को कर्फ़्यू के दौरान दुकान खुली रखने के आरोप में दुकानदार बाबुल बानिक को गिरफ़्तार किया गया था. दुकानदार ने पुलिस हिरासत में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें सिलचर मेडिकल कॉलेज रिफ़र कर दिया था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई.
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति राज्य की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र द्वारा किया जाता है. इससे पहले अल्पसंख्यकों को उचित परिवार नियोजन की सलाह देने को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री की आलोचना की थी.
पेट्रोल-डीज़ल के रिकॉर्ड तोड़ दामों को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि मोदी सरकार अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों के साथ लोगों को मुफ़्त चावल और कोविड टीके देने के लिए बहुत कुछ कर रही है. इसकी एक क़ीमत है. मुफ़्त मदद आसमान से नहीं गिरती है. इससे पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल के बढ़ते दामों पर कहा था कि केंद्र सरकार लाभकारी योजनाओं के लिए धन बचा रही है.