आंबेडकर जयंती के मौके पर लेखक तेलतुम्बड़े ने कहा, 'आंबेडकर को हर कोई अपने अपने ढंग से समझता है. आज के समय में हर राजनीतिक दल उन्हें अपना बताने की कोशिश में हैं लेकिन आंबेडकर के विचारों पर कोई नहीं चलना चाहता.'
मोदी की बची-खुची राजनीतिक कामयाबी यही है कि विपक्ष के नेता और उनकी सरकारें भी फेल रही हैं. फेल होने वाला हमेशा घर में बताता है कि सब फेल हुए हैं मगर मोहल्ले को बताता है कि वह पास हुआ है, पर रिज़ल्ट किसी को नहीं दिखाता. देश के 50 फीसदी से अधिक छात्रों की यही कहानी आज नरेंद्र मोदी की भी कहानी है.
असम के बिश्वनाथ जिले में पिछले सप्ताह एक मुस्लिम शख्स के साथ मारपीट की गई थी और उसे जबरन सुअर का मांस खिलाया गया था.
गुजरात के जल आपूर्ति मंत्री कुंवरजी बावलिया ने कहा कि मेरे पास पूरा जल संसाधन मंत्रालय है, मैं सरकार में हूं. अगर जरूरत पड़ी तो मैं गांव में पानी की सप्लाई के लिए करोड़ों रुपये मंजूर कर सकता हूं. जब इस बार मैंने चुनाव लड़ा तो मुझे केवल 55 फीसदी वोट मिले. आप सब लोगों ने मुझे वोट क्यों नहीं दिया.
मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का है. कुल्लू के उपायुक्त यूनुस ने कहा कि हम सही सूचना हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. मनाली के एसडीएम और डीसीपी से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है.
जब कोई फल पक जाता है, तब उसे तोड़ने के लिए सभी लपक पड़ते हैं. उसी तरह आज राजनीति में आंबेडकर चहेते हो गए हैं, लेकिन आंबेडकर दिखने में चाहे जितने आकर्षक हों, अपनाने में उतने ही कठिन हैं. वर्तमान राजनीतिक दल इस बात को जानते हैं इसीलिए वे 14 अप्रैल और 6 दिसंबर पर उनका नाम तो लेते हैं लेकिन उनकी वैचारिक तेजस्विता से डरते हैं.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी आज़म ख़ान से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पुलिस के अनुसार, शनिवार शाम जब रामनवमी का जुलूस सिलनी गांव से होकर गुजर रहा था उसी समय दूसरे संप्रदाय के लोगों ने यह सोचकर कि जुलूस में शामिल लोग अपना रास्ता बदल रहे हैं उन पर पथराव शुरू कर दिया जबकि जुलूस अपने निर्धारित मार्ग पर ही था.
मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले का मामला. सोशल मीडिया पर घटना से संबंधित वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर दो लोगों को गिरफ़्तार किया है.
मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान भाजपा विधायक राकेश बघेल और सांसद शरद चंद त्रिपाठी के समर्थकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. सांसद शरद चंद त्रिपाठी ने हाल में जिला योजना की बैठक के दौरान विधायक बघेल को जूते से मारा था.
पुस्तक समीक्षा: अपनी किताब ‘बदलता गांव बदलता देहात: नयी सामाजिकता का उदय’ में सत्येंद्र कुमार ग्रामीण भारतीय जीवन को देखने की बनी-बनाई समझ और उससे पैदा हुई बहसों से परे जाकर उसे उसके रोज़मर्रा के जीवन में समझने की कोशिश करते हैं.
जमैका की सरकार ने 2017 में राष्ट्रीय पहचान प्रणाली विकसित की थी. इसका उद्देश्य जमैका के नागरिकों की बायोमेट्रिक जानकारी इकट्ठा करनी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है.
ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश में वाराणसी के कचनार गांव में जुलाई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक रैली के लिए तकरीबन 10 एकड़ की ज़मीन का इस्तेमाल किया गया था. इस ज़मीन की फसल बर्बाद होने की वजह से प्रशासन ने स्थानीय किसानों को मुआवज़ा देने की बात कहीं थी.
चुनाव आयोग नमो टीवी के कंटेंट के प्रमाणन की बात तो कर रहा है, लेकिन जनप्रतिनिधि क़ानून का उल्लंघन करने के लिए इसके मालिकों/लाभार्थियों के ख़िलाफ़ अब तक कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है.
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि चूंकि नमो टीवी भाजपा चला रही है, ऐसे में प्रसारित किए जाने वाले सभी रिकॉर्डेड कार्यक्रमों को मीडिया प्रमाणन और दिल्ली की निगरानी समिति द्वारा पूर्व प्रमाणित किया जाना चाहिए और पूर्व प्रमाणन के बिना प्रदर्शित सभी राजनीतिक प्रचार सामग्री को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए.