अली-बजरंगबली’ वाली टिप्पणी पर योगी आदित्यनाथ को चुनाव आयोग के नोटिस समेत आज की बड़ी ख़बरें.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अयोध्या में '67.7 एकड़ भूमि के अविवादित हिस्से’ पर पूजा करने की अनुमति देने की याचिका खारिज कर दी. इसके अलावा याचिकाकर्ताओं पर लगाए गए पांच लाख रुपये के जुर्माने के फैसले को भी बरकरार रखा.
चुनाव आयोग ने बसपा प्रमुख मायावती को भी देवबंद में एक रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं को कांग्रेस के बजाय सपा-बसपा और रालोद गठबंधन को वोट देने की अपील की शिकायत पर नोटिस जारी किया है.
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हम लोग महात्मा गांधी की छठी औलाद हैं कि हम देते ही जाएंगे और फिर चुनाव में मात खाएंगे. यह जीत मुसलमान के बिना भी होगी, उनके साथ भी होगी.'
कोर्ट ने गुजरात के टूना बंदरगाह से पशुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के फैसले को सत्ता का दुरुपयोग बताया.
घटना गुमला ज़िले के जुरमू गांव में हुई, जहां आदिवासी समुदाय के कुछ लोग एक मृत बैल का मांस निकाल रहे थे, जब पड़ोस के गांव के कुछ लोगों ने उन्हें देखा और गोहत्या के संदेह में उन पर हमला कर दिया. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल अस्पताल में भर्ती हैं.
गुजरात में बेरोज़गारी दर सबसे तेज़ी से बढ़ी है. यह दर साल 2011-12 में 0.5 फीसदी थी, जबकि 2017-18 में बढ़कर 4.8 फीसदी पर पहुंच गई.
नजमा दिल्ली की किसी केंद्रीय यूनिवर्सिटी की पहली महिला वाइस चांसलर हैं. वह इससे पहले एनआईईपीए में शैक्षणिक प्रशासन विभाग के प्रमुख के पद पर थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी दलों को निर्देश दिया है कि 30 मई तक वे चुनावी बॉन्ड की राशि और इसके दानकर्ताओं के नाम समेत सभी जानकारी सीलबंद लिफाफे में चुनाव आयोग को दें. अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला विस्तृत सुनवाई के बाद लिया जाएगा.
यह पहली बार है जब स्मृति ईरानी ने अपने चुनावी हलफनामे में स्पष्ट किया है कि उनका तीन साल का स्नातक डिग्री कोर्स पूरा नहीं हुआ था. काफी लंबे समय से ईरानी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर विवाद है.
पत्र लिखने वालों में तीनों सेनाओं के आठ पूर्व अध्यक्ष समेत 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील की गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सशस्त्र बलों का धर्मनिरपेक्ष और अराजनैतिक स्वरूप सुरक्षित रहे.
वन अधिकार क़ानून 2006 के तहत ख़ारिज दावा-पत्रों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासियों को जंगल से बेदख़ल करने का आदेश दिया था, जिस पर बाद में रोक लगा दी गई. पर दावा-पत्र खारिज क्यों हुए? केंद्र सरकार ने अदालत से कहा कि दावा-पत्र सही से नहीं भरे गए, जबकि हक़ीक़त यह है कि सरकारों की मिलीभगत से इन्हें ख़ारिज किया गया है ताकि जंगलों में खनिज संपदा के दोहन के लिए लीज़ देने में किसी तरह की परेशानी
भाजपा इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करे या ख़राब, अमित शाह पार्टी के भीतर एक अहम ताक़त होंगे.
वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ जस्टिस कर्णन के चुनाव लड़ने के ऐलान समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा क्षेत्र के कांधला के रसूलपुर गुजरान गांव का मामला. पुलिस ने बताया कि कुछ लोग बिना पहचान पत्र के जबरन वोट डालने की कोशिश कर रहे थे.