पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 30 अन्य गायें बीमार पड़ गई हैं जिनका इलाज चल रहा है.
वर्ष 2016-17 में देश के सात राष्ट्रीय दलों ने कुल 1,559.17 करोड़ रुपये की आय घोषित की. भाजपा की आय सबसे ज़्यादा 1,034.27 करोड़ रुपये रही, जो कुल राशि का 66.34 प्रतिशत है.
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर आयोजित मीटिंग में शामिल किसानों ने दावा किया कि बैठक का एजेंडा और उद्देश्य स्पष्ट नहीं है. अधिकारी इसे दूसरी बैठक बता रहे हैं जबकि किसी को पता ही नहीं है कि पहली मीटिंग कब हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सीबीआई जांच और पीड़िता को मुआवजा देने की मांग संबंधी याचिका दायर की गई है.
अगर लोकसभाध्यक्ष या पीठासीन अधिकारी किसी बहाने ऐसे वाजिब अविश्वास प्रस्ताव पर अमल करने से इनकार कर दे तो फिर संसदीय लोकतंत्र पर टिकी हमारी व्यवस्था पर कौन भरोसा करेगा?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक जांच में भोपाल सेंट्रल जेल में सिमी से जुड़े विचाराधीन कैदियों से साथ उत्पीड़न की शिकायतों को सही पाया है और इसके लिये जेल स्टाफ के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही की अनुशंसा की है.
एक जनवरी 2017 की स्थिति के अनुसार, केंद्र के विभागों में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग की 28713 रिक्तियां खाली रह गई थी.
कश्मीर में पिछले साल नौ अप्रैल को सेना ने फ़ारूक़ को पत्थरबाज़ बताते हुए जीप की बोनट से बांधकर कई गांवों में घुमाया था. घटना के एक साल बाद भी फ़ारूक़ अवसाद में हैं.
उन्नाव ज़िले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवती ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह करने का प्रयास किया था. थाना प्रभारी समेत 6 पुलिस वाले सस्पेंड.
बंगाल में राजनीतिक झड़पों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य तौर पर तीन वजहें मानी जा रही हैं- बेरोज़गारी, विधि-शासन पर सत्ताधारी दल का वर्चस्व और भाजपा का उभार.
एक महिला की तरफ से पति पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए दायर आपराधिक केस की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मिज़ोरम के प्रमुख समाचार.
मुख्य न्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा है कि न्यायपालिका की हर समस्या का जवाब महाभियोग नहीं है.
भारत बंद पर सोशल मीडिया के हाई वोल्टेज ड्रामा को देखते हुए ये महसूस हुआ कि पुलिस और सरकार की विफलता पर बात नहीं करने की होशियारी और हिंसा के नाम पर असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की चालाकी ज़्यादा ख़तरनाक हिंसा है.
आम चुनाव अब नज़दीक हैं, ऐसे में भाजपा के अंदर से ही उठ रहे दलित सांसदों के विरोध के स्वर पार्टी नेतृत्व के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं.