एक महिला की तरफ से पति पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए दायर आपराधिक केस की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मिज़ोरम के प्रमुख समाचार.
मुख्य न्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा है कि न्यायपालिका की हर समस्या का जवाब महाभियोग नहीं है.
भारत बंद पर सोशल मीडिया के हाई वोल्टेज ड्रामा को देखते हुए ये महसूस हुआ कि पुलिस और सरकार की विफलता पर बात नहीं करने की होशियारी और हिंसा के नाम पर असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की चालाकी ज़्यादा ख़तरनाक हिंसा है.
आम चुनाव अब नज़दीक हैं, ऐसे में भाजपा के अंदर से ही उठ रहे दलित सांसदों के विरोध के स्वर पार्टी नेतृत्व के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं.
उत्तर प्रदेश में मुज़फ़्फ़रनगर के फ़िरज़ापुर गांव में सरकारी राशन की दुकान पर हुई थी बहस. पुलिस ने तीन लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की. अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई.
उत्तराखंड में शराब बेचने का लाइसेंस पाने के लिए पांच लाख रुपये फीस भरनी होगी और इसके लिए दुकान का सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये होना चाहिए.
लावा कंपनी के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उनसे 12 घंटे काम कराया जाता है, इसके बावजूद उनके वेतन से पैसे काट लिए जाते हैं.
विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक दामोदर तुरी की गिरफ़्तारी के बाद उनकी पत्नी ने जेल में उनके साथ अमानवीय रुख़ अपनाए जाने का आरोप लगाया है.
विपक्ष को गाली देने के जोश में अमित शाह को शेर रूप मोदी को उस पेड़ पर नहीं चढ़ाना चाहिए था, जहां दूसरे जानवर भी बैठे हैं. मोदी तो विकास के प्रतीक हुआ करते थे, विनाश के पर्याय कब बन गए?
9 अप्रैल 2017 को सेना द्वारा जीप पर बांधकर घुमाए गए फ़ारूक़ अहमद डार साल भर बाद भी अपनी सामान्य ज़िंदगी में लौटने के लिए जूझ रहे हैं.
राजस्थान में ज़िला एवं सत्र न्यायालय के 87 जजों का तबादला किया गया. काला हिरण शिकार मामले में सलमान को पांच साल की सज़ा सुनाने वाले जज देव कुमार खत्री का नाम भी शामिल.
बेबस व लाचार लोग बिना इलाज के दम तोड़ रहे हैं. ऐसे में अगर मेडिकल की पढ़ाई का रेट एक करोड़ कर देंगे तो जिस धन पशु के पास दौलत होगी, वही पैसा देकर अपनी संतान को डॉक्टर बनाएगा. जब पर्वतीय बच्चे डॉक्टर बनने के अधिकार से वंचित कर दिए जाएंगे तो दुर्गम क्षेत्रों में बिना डॉक्टरों के जिन अस्पतालों में ताले पड़े हैं, उनमें कौन झांकने जाएगा.
जन गण मन की बात की 222वीं कड़ी में विनोद दुआ अरुण जेटली और सदन में गतिरोध पर चर्चा कर रहे हैं.
वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व क़ानून मंत्री शांति भूषण ने प्रधान न्यायाधीश के प्रशासनिक अधिकार के बारे में स्पष्टीकरण हेतु उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दाख़िल की है.