नगालैंड के मोन ज़िले में चार से पांच दिसंबर के दौरान एक असफल उग्रवाद विरोधी अभियान के दौरान सेना की गोलीबारी में कम से कम 14 नागरिकों की जान चली गई थी. ऐसी ख़बरें थीं कि दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने और आफ़स्पा हटाने तक मुआवज़ा स्वीकार नहीं किया जाएगा. हालांकि ओटिंग ग्राम परिषद ने स्पष्ट किया है कि मुआवज़ा स्वीकार करना है या नहीं, यह फ़ैसला परिषद का नहीं पीड़ित परिवारों का है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर को हुई हिंसा मामले में आरोप है कि केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने इस दौरान किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. मामले की जांच कर रही एसआईटी ने आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत चार और आपराधिक आरोप लगाने की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर की है.
गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के तहत मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी के वडोदरा में संचालित एक शेल्टर होम के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, संगठन ने धर्मांतरण के आरोपों से इनकार किया है. आरोप है कि संगठन के शेल्टर होम में रह रहीं लड़कियों को ईसाई धर्म के ग्रंथों को पढ़ने और इसकी प्रार्थनाओं में भाग लेने को मजबूर किया जा रहा था.
जल संसाधन पर संसदीय समिति ने चिंता ज़ाहिर की है कि इस स्थिति के बावजूद जल संसाधन विभाग ‘चुप’ बैठा हुआ है, जबकि यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है कि स्वच्छ पेयजल इन घरों तक पहुंचाया जाए. समिति की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आर्सेनिक, फ्लोराइड, आयरन, नाइट्रेट, भारी धातुओं और उच्च खारापन के कारण जल आपूर्ति प्रदूषित हुई है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान पिछले साल अप्रैल से इस साल सात दिसंबर तक 9,800 से अधिक बच्चे अनाथ हो गए, 508 बच्चों को छोड़ दिया गया और 1.32 लाख से अधिक बच्चों ने अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया.
सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ़स्पा) के ख़िलाफ़ 16 सालों तक भूख हड़ताल करने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने कहा कि नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में नागरिकों की मौत की घटना आंख खोलने वाली साबित होनी चाहिए. आफ़स्पा न सिर्फ़ दमनकारी क़ानून है, बल्कि मूलभूत मानवाधिकारों का व्यापक उल्लंघन करने जैसा है.
भारत ने इस क़दम का विरोध करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन पर चर्चा का उचित मंच ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ यानी यूएनएफसीसीसी है, न कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद. भारत के अलावा वीटो का अधिकार रखने वाले रूस ने इस प्रस्ताव के विपक्ष में वोट किया, जबकि चीन ने मतदान में भाग नहीं लिया.
वीडियो: हाल ही में जाने-माने लेखक, पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई की पहली हिंदी किताब प्रकाशित होकर आई है, जिसका नाम है, भारत के प्रधानमंत्रीः देश, दशा, दिशा. इसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की एक विवेचना पेश की गई है. इस किताब के ज़रिये रशीद किदवई से बातचीत.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने विशेष लोक अभियोजक की अनुपलब्धता के चलते फरवरी 2020 के सांप्रदायिक दंगों के एक मामले में सुनवाई के दौरान स्थगन अनुरोध के बाद 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया. न्यायाधीश ने कहा कि मामले में 30 जनवरी 2021 को आरोप-पत्र दाख़िल किए जाने के बाद से लोक अभियोजक एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुए हैं.
बिहार के औरंगाबाद ज़िले के अंबा थाना क्षेत्र का मामला है. आरोपी बलवंत सिंह ने डुमरी पंचायत के मुखिया पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आरोपी कथित तौर पर कुछ लोगों को ज़मीन पर थूकने और चाटने के लिए मजबूर करते, जूतों से पीटते हुए जातिसूचक अपशब्द कहते नज़र आ रहे हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,47,03,644 हो गई है और इस महामारी की चपेट में आकर 4,75,888 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 27.08 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और मृतक संख्या 53.12 लाख से अधिक हो गई है.
जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने आरोप लगाया था कि पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए मौखिक परीक्षा में शामिल हुए कई उम्मीदवारों को संवैधानिक रूप से अनिवार्य आरक्षण नीति का उल्लंघन करते हुए कम अंक दिए गए, ख़ासतौर पर उन विद्यार्थियों को जो हाशिये पर रहने वाले वर्गों से आते हैं.
वीडियो: देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के मामले में जांच शुरू हो गई है. देश भर में एक तरफ़ जहां उनको श्रद्धांजलि दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर उनकी आलोचना करने वालों पर मुक़दमे भी दायर किए जा रहे हैं.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज का शिकार आंगनबाड़ी की महिलाएं हाल ही में मथुरा में हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में पहुंची थीं. उन्होंने बताया कि उन्हें नौकरी से निकाले जाने की धमकी देकर यहां लाया गया है. द वायर से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान ड्यूटी की मगर सरकार ने उनकी मांगों को एक बार भी नहीं सुना है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने वाले हैं. इसके मद्देनज़र द वायर की टीम ने बुलंदशहर ज़िले के बरैना गांव में रहने वालीं गीता नाम की एक महिला से बातचीत की, जो भाजपा विधायक अनीता राजपूत से सवाल पूछने को लेकर चर्चा में आ गई थीं. गीता ने क्या सवाल पूछे और बाकी गांववालों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बता रहे हैं शेखर तिवारी.