जन गण मन की बात, एपिसोड 158: सरकार से सवाल और अयोध्या विवाद के 25 साल

जन गण मन की बात की 158वीं कड़ी में विनोद दुआ अपने इस कार्यक्रम में सरकार से सवाल पूछने के साहस और अयोध्या विवाद के 25 साल पूरे होने पर चर्चा कर रहे हैं.

मीडिया बोल, एपिसोड 26: यूपी निकाय चुनाव और मीडिया पर अदालती पाबंदी

मीडिया बोल की 26वीं कड़ी में उर्मिलेश, अधिवक्ता सारिम नावेद और मीडिया विजिल के फाउंडिंग एडिटर पंकज श्रीवास्तव के साथ यूपी निकाय चुनाव के नतीजों और मीडिया पर लगी अदालती पाबंदी पर चर्चा कर रहे हैं.

बैंकों ने पिछले छह महीने में 55,356 करोड़ रुपये का कर्ज़ माफ़ किया

पिछले नौ साल में बैंकों ने 2 लाख 28 हज़ार रुपये का लोन माफ़ कर दिया है. क्या इससे अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क पड़ा, सिर्फ़ किसानों के समय फ़र्क पड़ता है.

हाईकोर्ट ने अर्णब और रिपब्लिक टीवी से थरूर के चुप रहने के अधिकार का सम्मान करने को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले से जुड़ी ख़बरें प्रसारित करने पर रोक की मांग ख़ारिज की.

सोहराबुद्दीन मामला: सुनवाई की मीडिया रिपोर्टिंग पर अदालत की रोक

पत्रकारों ने इस पर एतराज़ जताते हुए कहा कि कार्यवाही की रिपोर्टिंग सही उद्देश्यों को लेकर है ताकि लोग मामले की प्रगति जान सकें.

मीडिया बोल, एपिसोड 25: जज लोया की मौत और मीडिया रिपोर्टिंग के विरोधाभास

मीडिया बोल की 25वीं कड़ी में उर्मिलेश, द कारवां के राजनीतिक संपादक हरतोष सिंह बल और आरटीआई कार्यकर्ता अं​जलि भारद्वाज के साथ जज लोया की मौत के मामले पर चर्चा कर रहे हैं.

त्रिपुरा: पत्रकार की हत्या के विरोध में अख़बारों ने ख़ाली छोड़े संपादकीय

हत्या के विरोध में भाजपा, कांग्रेस ने किया त्रिपुरा बंद का ऐलान, सत्तारूढ़ माकपा ने कहा सरकार की उचित कार्रवाई के बावजूद हत्या का राजनीतिकरण कर रही हैं पार्टियां.

मीडिया बोल, एपिसोड 24: प्यू सर्वे, मूडीज़ की रेटिंग और सियासत

मीडिया बोल की 24वीं कड़ी में उर्मिलेश प्यू सर्वे और मूडीज़ की रेटिंग के मीडिया कवरेज पर वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह और जेएनयू के प्रोफेसर प्रवीण झा से चर्चा कर रहे हैं.

राजस्थान पत्रिका के बाद मणिपुर के अख़बारों ने संपादकीय कॉलम ख़ाली छोड़ा

आरोप है कि इम्फाल के अख़बार ‘पोकनाफाम’ में कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी अपमानजनक सामग्री प्रकाशित की गई थी.

राष्ट्रीय प्रेस दिवस: राजस्थान पत्रिका ने संपादकीय कॉलम ख़ाली छोड़ा

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर राजस्थान की वसंधुरा सरकार के ‘काले क़ानून’ पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए राजस्थान पत्रिका अख़बार ने अपना संपादकीय ख़ाली छोड़ दिया.

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