त्रिपुरा: पत्रकार हत्या मामले में कमांडेंट गिरफ़्तार

संपादक का आरोप है कि सुदीप की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने कमांडेंट का पर्दाफ़ाश करने के लिए 11 ख़बरें लिखी थीं.

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(फोटो साभार: फ़ेसबुक)

संपादक का आरोप है कि सुदीप की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने कमांडेंट का पर्दाफ़ाश करने के लिए 11 ख़बरें लिखी थीं.

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पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक. (फोटो साभार: फ़ेसबुक)

अगरतला: त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) की दूसरी बटालियन के कमांडेंट तपन देबबर्मा को त्रिपुरा के पत्रकार की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किया गया और स्थानीय अदालत ने उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

पुलिस अधीक्षक पुलिस कंट्रोल हरकुमार देबबर्मा ने बताया कि उग्रवाद-रोधी अर्द्धसैनिक बल के कमांडेंट को बटालियन के मुख्यालय के भीतर पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक की हत्या की साजिश रचने के लिए मंगलवार को राधाकिशोर नगर से गिरफ्तार किया गया.

पत्रकार को कथित तौर पर गोली मारने वाले टीएसआर के कॉन्स्टेबल नंदलाल रेंग को भी मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया और 10 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. उसे और देबबर्मा को बुधवार सुबह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शर्मिष्ठा मुखर्जी के समक्ष पेश किया गया जिन्होंने यह आदेश दिया.

स्थानीय बांग्ला समाचारपत्र स्यंदन पत्रिका में संवाददाता के तौर पर काम करने वाले सुदीप दत्ता भौमिक की मंगलवार को दो बजे गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.

राज्य में पिछले दो महीनों में पत्रकार की हत्या का यह दूसरा मामला है. जीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम होने के बाद उनके शव को राज्य के पत्रकारों और समाचारपत्र के कर्मियों द्वारा अपने कब्जे में ले लिया गया.

उनके शव को अगरतला प्रेस क्लब और स्यांदन पत्रिका के कार्यालय ले जाया गया. संपादकों, पत्रकारों और त्रिपुरा के भाजपा अध्यक्ष बिप्लव देब, भाजपा विधायक सुदीप बर्मन और माकपा सांसद शंकर प्रसाद दत्ता जैसे वरिष्ठ राजनेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.

शव यात्रा मुख्यमंत्री मानिक सरकार के आधिकारिक आवास के पास रुकी और वहां वामपंथी सरकार पर पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराने में असफल होने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया.

स्यंदन पत्रिका के संपादक सुबल कुमार डे ने आरोप लगाया कि भौमिक की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने कमांडेंट के कई अवैध कार्यों और भ्रष्टाचार का खुलासा किया था.

उन्होंने कहा, यह एक निर्मम हत्या थी और सुदीप की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने कमांडेंट का पर्दाफाश करने के लिए 11 समाचार लिखे थे.