त्रिपुरा में कथित तौर पर कॉन्स्टेबल ने की पत्रकार की हत्या

बीते 20 सितंबर को एक राजनीतिक पार्टी के प्रदर्शन को कवर करने गए टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक की भी हत्या कर दी गयी थी.

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पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक. (फोटो साभार: फेसबुक)

बीते 20 सितंबर को एक राजनीतिक पार्टी के प्रदर्शन को कवर करने गए टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक की भी हत्या कर दी गयी थी.

पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक. (फोटो साभार: फेसबुक)
पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक. (फोटो साभार: फेसबुक)

अगरतला: त्रिपुरा में एक बंगाली समाचार पत्र में काम करने वाले पत्रकार की कथित रूप से त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के कॉन्स्टेबल नंदगोपाल रिआंग ने बहस के बाद मंगलवार को गोली मारकर हत्या कर दी.

पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक अभिजीत सप्तर्षि ने बताया, ‘पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक की आरके नगर में टीएसआर की दूसरी बटालियन के मुख्यालय के भीतर लगभग दो बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई. मौके पर पहुंचने के बाद हमने पाया कि पत्रकार खून से लथपथ पड़े हुए है. हम उन्हें अगरतला के जीबी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.’

उन्होंने बताया कि इस घटना में आरोपी कॉन्स्टेबल नंदगोपाल रिआंग को गिरफ्तार कर लिया गया है. भौमिक स्थानीय अखबार ‘स्यानदान पत्रिका’ में काम कर रहे थे.

इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस अधीक्षक अभिजीत सप्तर्षि के हवाले से लिखा है कि मामले की जांच के लिए फॉरेंसिक टीम भी पहुंच गई थी और पत्रकार का पोस्टमॉर्टम कैमरा की निगरानी में कराया गया. उन्होंने बताया कि इस बात की पड़ताल की जा रही है कि कॉन्स्टेबल ने गोली क्यों चलाई.

स्यंदन पत्रिका के संपादक सबल कुमार डे ने इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बात करते हुए बताया, ‘हमारे अख़बार के वरिष्ठ पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक आरके नगर स्थित दूसरी त्रिपुरा स्टेट राइफल के कमांडेंट से मिलने गए थे. लेकिन वहां पहुंचने पर उनकी कमांडेंट के पीएसओ से ऑफिस के बाहर झड़प हो गई, जिसके बाद पीएसओ ने सुदीप पर गोली चला दी. सुदीप की मौके पर ही मौत हो गई.’

सुबल डे ने आरोप लगाया कि भौमिक की टीएसआर की दूसरी बटालियन के कमांडेंट तपन देब्बारमा ने मरवाया क्योंकि उन्होंने अधिकारी की भ्रष्ट क्रियाकलापों के ख़िलाफ़ कई खबरें लिखी थीं. उन्होंने देब्बारमा की तत्काल गिरफ्तारी और निलंबन की मांग की है.

बता दें कि पत्रकार बीते सितंबर में टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक की मौत के बाद तकरीबन दो महीने में पत्रकारों की हत्या का यह दूसरा मामला है.

बीते 20 सितंबर को इंडीजिनस पीपुल्स फोरम ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के कार्यकर्ताओं द्वारा मंडई में प्रदर्शन को कवर करने गए  शांतनु भौमिक की हत्या कर दी गई थी.

इसके बाद राज्य में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने सितंबर में हुए शांतनु भौमिक की हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था. अभी इस मामले में लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)