जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने यह भी कहा कि एम्स निदेशक द्वारा नियुक्त बोर्ड जेल रिकॉर्ड और याचिकाकर्ता प्रबीर पुरकायस्थ की पूरी मेडिकल हिस्ट्री पर भी विचार करेगा.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बीते 20 फरवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा एक टीवी रिपोर्टर से यह पूछने पर कि क्या उनके चैनल का मालिक दलित है, विवाद खड़ा हो गया था. एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि एक जीवंत लोकतंत्र को हमेशा पत्रकारों को ख़तरे में डाले बिना निडर होकर रिपोर्ट करने की स्वतंत्रता देनी चाहिए.
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके से रिपब्लिक बांग्ला समाचार चैनल के पत्रकार संतू पैन को बीते 19 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. पत्रकार पर एक स्थानीय महिला के घर में घुसने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. कोलकाता प्रेस क्लब ने भी उनकी गिरफ़्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की.
फ्रांसीसी पत्रकार वेनेसा डॉनेक 25 साल से भारत में थीं. वह चार फ्रांसीसी प्रकाशनों की दक्षिण एशियाई संवाददाता थीं. गृह मंत्रालय के नोटिस में उन पर लगाए गए आरोपों में भारत के बारे में ‘नकारात्मक धारणा’ बनाने वाली ‘दुर्भावनापूर्ण’ रिपोर्टिंग से लेकर अव्यवस्था भड़काना, प्रतिबंधित क्षेत्रों की यात्रा के लिए अनुमति न लेना और पड़ोसी देशों पर रिपोर्टिंग करना शामिल है.
‘कारवां’ पत्रिका को आईटी अधिनियम के तहत मिले एक नोटिस में कहा गया है कि अगर वह 24 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट से जम्मू कश्मीर में सेना द्वारा आम नागरिकों की कथित हत्या से संबंधित लेख नहीं हटाती है, तो पूरी वेबसाइट हटा दी जाएगी. पत्रिका ने इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है.
महाराष्ट्र के पुणे शहर की घटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने के बाद उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद वागले निशाने पर आ गए हैं. वागले ने सोशल साइट एक्स पर इस संबंध में टिप्पणी की थी. इसके लेकर उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा प्रशासन के एक फैसले में कहा गया है कि जिस सेंट्रल हॉल से पत्रकार दशकों तक सदन की कार्यवाही की कवरेज करते आए हैं, उन्हें अब वहां प्रवेश नहीं मिलेगा. पत्रकारों का कहना है कि इससे उनकी मंत्रियों, विधायकों तक पहुंच ख़त्म होगी और उन्हें केवल सरकारी विज्ञप्ति से ही ख़बरें लिखनी पड़ेंगी.
बीते 31 जनवरी को एंकर सुधीर चौधरी ने ‘आज तक’ पर प्रसारित होने वाले अपने प्राइम टाइम शो ‘ब्लैक एंड ह्वाइट’ में ये टिप्पणी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ़्तारी को लेकर की थी. आदिवासी सेना नामक संगठन ने रांची में उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि अब तक कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है.
नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और आंध्र प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्ट्स फेडरेशन ने कहा है कि प्रसारण सेवा विधेयक टीवी चैनलों से लेकर सभी प्रकार के मीडिया जैसे फिल्म, ओटीटी, यूट्यूब, रेडियो सोशल मीडिया के साथ-साथ समाचार वेबसाइटों और पत्रकारों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने की दिशा में एक क़दम है.
नए आईटी नियम केंद्र सरकार को सोशल मीडिया पोस्ट का आकलन करने और पोस्ट को ‘फ़र्ज़ी, ग़लत या भ्रामक’ क़रार देने के लिए ‘फैक्ट-चेक इकाई’ स्थापित करने की शक्ति देते हैं. जहां जस्टिस गौतम पटेल ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश पारित किया, वहीं जस्टिस नीला गोखले ने नियमों में किए गए संशोधन को बरक़रार रखा.
30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बहुप्रचारित यात्रा के दौरान ‘अचानक’ अयोध्या के राजघाट स्थित कंधरपुर की निवासी उज्ज्वला योजना की दस करोड़वीं लाभार्थी मीरा मांझी के घर जाकर चाय पी थी. मीडिया ने इससे जुड़ी छोटी-बड़ी ढेरों ख़बरें दिखाईं लेकिन उनकी ‘असुविधाजनक’ बातों और मांगों को ‘गोल’ कर गए.
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने प्रिंट मीडिया संगठनों को एक एडवाइज़री जारी कर कहा है कि यह सुनिश्चित करना ‘अख़बार का कर्तव्य’ है कि किसी लेख का लहजा, भावना और भाषा ‘आपत्तिजनक, उत्तेजक, देश की एकता-अखंडता, संविधान की भावना के ख़िलाफ़, प्रकृति में देशद्रोही न हो या इसे सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए न बनाया गया हो’.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल क्षेत्र के लहार निर्वाचन क्षेत्र में चुनावों पर संदेह व्यक्त करने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि लोकतंत्र का लक्ष्य बहुलवादी और सहिष्णु समाज बनाना है. इसे सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए नागरिकों को स्वतंत्र रूप से बोलने में सक्षम होना चाहिए.
हिंदुत्व वॉच भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के ख़िलाफ़ हमलों और हेट स्पीच पर रिपोर्ट करता है. इसके संस्थापक रक़ीब अहमद नाइक ने बताया कि इस संबंध में उन्हें मंगलवार को एक ईमेल मिला था, जिसमें कहा गया था कि भारत सरकार ने एकाउंट को आईटी अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन करते पाया है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर कहा है कि नया विधेयक ‘संविधान द्वारा गारंटीकृत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता की भावना के प्रतिकूल’ साबित होगा. गिल्ड को डर है कि विधेयक प्रसारण सलाहकार परिषद के माध्यम से ‘व्यापक सेंसरशिप ढांचे’ के निर्माण के लिए आधार तैयार करेगा.