भारत की सियासत में जब तक अलग से मुसलमानों की बात होती रहेगी तब तक हिंदुत्व ज़िंदा रहेगा.
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में राजनाथ सिंह, उमा भारती, मनोज सिन्हा, केशव मौर्या, योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नामों पर चर्चा चल रही है.
उत्तर प्रदेश में चुनाव पूर्व सपा और कांग्रेस में गठबंधन हुआ, जिसका नुकसान दोनों को हुआ. दरअसल, यह गठबंधन ही ग़लत था.
भले ही जनता ने मोदी को विधानसभा में प्रचंड बहुमत दे दिया है लेकिन लोकसभा की तरह उसे यहां भी निराश होना पड़ेगा. वजह साफ है कि न तो मोदी के पास कोई बड़ी दृष्टि है और न ही उनके पास स्थितियों को समझने का धैर्य.
हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा ऐसे माहौल में समाज में सांप्रदायिक भय खड़ा करता है. हिंसा का भय 1984 के चुनाव में राजीव गांधी के रणनीतिकारों ने भी खड़ा किया था. तब राजीव गांधी ने भी जीत का कीर्तिमान बनाया था. यह कीर्तिमान अब मोदी-शाह ने बनाया है.
अगर भाजपा जातियों के अंतर्विरोधों और संसाधनों में हिस्सेदारी की मार-काट को काबू में रख सकी तो जब तक मोदी का नाम चलेगा, ये वोट बैंक भी चलेगा.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणामों पर द वायर के डिप्टी एडिटर गौरव विवेक भटनागर से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
कुछ विश्लेषकों का मानना था कि बसपा इस चुनाव में डार्क हॉर्स साबित होगी. पार्टी का आधार वोट बैंक दलित और मुस्लिम मतदाता मिलकर उसे भारी जीत दिलाएंगे.
इरोम पीपुल्स रिइंसर्जेंस एंड जस्टिस अलाएंस नाम की पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरी थीं. इरोम से ज़्यादा वोट नोटा को मिले. इस बारे में द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरूआ पिशारोती से अमानत खुल्लर की बातचीत.
अखिलेश ने कहा, बसपा प्रमुख ने ईवीएम पर उठाए सवाल, सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए.
अमित शाह ने जीत के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस, नरेंद्र मोदी को बताया आज़ादी के बाद भारत का सबसे लोकप्रिय नेता.
इरोम पीपुल्स रिइंसर्जेंस एंड जस्टिस अलाएंस नाम की पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरी थीं. इरोम से ज़्यादा नोटा को मिले वोट.
मायावती ने आरोप लगाया, 'वोटिंग मशीन ने बीजेपी के सिवाय किसी दूसरी पार्टी के वोट को स्वीकार नहीं किया है. या फिर अन्य पार्टियों के वोट भी बीजेपी के खाते में चले गए हैं.'
देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजे की गिनती शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के साथ मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में भी वोटों की गिनती का काम चल रहा है. देश के राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से ये राज्य बेहद महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में इन पर सबकी निगाहें हैं. इन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम को आगामी आम चुनाव के लिहाज से सेमीफाइनल माना जा रहा है. एक्ज़िट पोल्स में पंजाब को छोड़कर
‘जन की बात’ की 16वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव पर चर्चा कर रहे हैं.