अध्ययन में कहा गया है, सिंधु सभ्यता का विकास बहती नदी के आसपास नहीं हुआ बल्कि यह एक विलुप्त नदी के आसपास फली-फूली.
प्रदूषण के कारण ताज महल की रंगत फीकी पड़ने की वैज्ञानिक पुष्टि होने के बाद यह साबित हो चुका है कि प्रदूषण के कुप्रभावों से पुरातात्विक स्थल अछूते नहीं हैं.
प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. सोनकर ने कहा, लोगों में यह गलत धारणा है कि मास्क पहन लेने अथवा घर में एयर प्यूरीफायर लगा लेने से वे ख़ुद को सुरक्षित कर पा रहे हैं.
दक्षिणी स्पेन में तीन नये स्थलों की खुदाई में 37,000 साल पहले की विशेष निएंडरथल सामग्रियों के साक्ष्य बरामद.
माना जा रहा है कि पृथ्वी के आकार का यह ग्रह संयमित होगा और इसकी सतह भी पृथ्वी के समान हो सकती है.
मिशन के लिए पूरे विश्व से कुल 2,429,807 आवेदन मिले हैं. इन नामों को एक माइक्रोचिप पर उकेरा जाएगा. ये चिप हमेशा के लिए मंगल पर रहेगा.
‘प्राचीन तकनीक’ को अगर पाठ्यक्रम में शामिल करना ही है, तो इसके पीछे मक़सद मेहनत की भावना को जगाना होना चाहिए. आज किसी शिवकर बापूजी तलपड़े को कोशिश करने और नाकाम होने की छूट होनी चाहिए.
वैज्ञानिकों ने एक तारे आश्चर्यजनक तारे की खोज की है जिसने अपनी चमक फीकी नहीं पड़ने दी, जबकि 50 साल से भी अधिक समय तक इसमें कई बार विस्फोट हुआ.
प्रॉक्सिमा सेंचुरी सूर्य का सबसे करीबी तारा है. यह एक छोटा लाल बौना ग्रह है जो हमसे चार प्रकाश वर्ष की दूरी पर है.
वैज्ञानिकों ने एक शोध में गोमती के जल में हानिकारक भारी धातुओं के होने की पुष्टि की है. पहली बार गोमती में आर्सेनिक की उपस्थिति का भी पता चला है.
वैज्ञानिकों का कहना है, आधुनिक समय के लोग अपने पूर्वजों से कम हिंसक नहीं हैं. इसके उलट चिम्पैंजी मानवों से कम हिंसक हैं.
मंगल ग्रह को लेकर किए गए अध्ययन में पुर्तगाल के यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्टो और पेरिस की इकोल पॉलीटेक्निक के शोधकर्ताओं ने किया दावा.
रूस में बने 'द ब्लू व्हेल चैलेंज' सुसाइड गेम ने दुनियाभर में लगभग 300 जानें ली हैं और अब भारत में भी इसका असर दिखने लगा है.
प्रकृति विरोधी विकास हमें विनाश की और ले जा रहा है. पहाड़ों को काटने, नदियों को बांधने और जंगलों को मिटाने का मतलब विकास नहीं है, यह ख़ुद को मिटाने की भौतिक तैयारी है. हमारी शिक्षा ने हमें अपने परिवेश और पर्यावरण से बहुत दूर कर दिया है. ये जंगल, पर्वत और झरने हमें अध्यात्म का विषय लगते हैं, पर इससे पहले ये भूगोल का विषय हैं.
शोधकर्ताओं ने केरल में पाई गई नई प्रजातियों को द्राविडा पॉलीडाइवरटिकुलाटा और द्राविडा थॉमसी नाम दिया है.