मणिपुर: भाजपा विधायक ने कहा- सीएम बीरेन सिंह झूठे हैं, उनकी नीयत पर भरोसा नहीं

मणिपुर के भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने एक इंटरव्यू में सीएम बीरेन सिंह को हिंसा रोकने में विफल क़रार देते हुए कहा कि अगर सदन में विश्वासमत की जरूरत पड़ी, तो वे और उनके साथी अन्य छह भाजपा कुकी विधायक भी बीरेन सिंह सरकार का समर्थन नहीं करेंगे.

छत्तीसगढ़: भाजपा सरकार ने बस्तर के मूलवासी बचाओ मंच पर प्रतिबंध लगाया

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों सुरक्षा बलों के कैंप की ख़िलाफ़त करने वाले बस्तर के 'मूलवासी बचाओ मंच' पर पाबंदी लगाई है. आदिवासी नेताओं ने इस प्रतिबंध का विरोध करते हुए कहा कि सरकार को मंच के साथ संवाद करना चाहिए.

मुंबई की कोली मछुआरिनें पारंपरिक मछली बाज़ारों को बचाने के लिए लड़ रही हैं

मुंबई के मूल निवासी माने जाने वाले कोली समुदाय की महिलाएं कई पीढ़ियों से शहर के सौ से ज़्यादा बाज़ारों में मछली बेचने का काम करती रही हैं. हालांकि, अब शहरी विकास के नाम पर मछली बाज़ारों को शिफ्ट करने या गिराने की कवायद ने उनकी आजीविका संकट में ला दी है.

हॉर्मोन की दवाई और मेडिकल सर्जरी ने बदला लौंडा नाच और किन्नर परम्परा का स्वरूप

लौंडा नर्तक की अस्मिता सिर्फ नाच और आर्थिक पेशे से संबद्ध नहीं है. यह पुरुष के मन में औरत बनने की दबी आकांक्षा का साहसिक प्रकटीकरण है. एक लौंडा नर्तक अपने नाम, वेश-विन्यास, भाव और भंगिमाओं में पुरुष, औरत और किन्नर, तीनों लैंगिक पहचानों को एक साथ जीता है.

शती के अवसर पर मूर्धन्‍यों की स्मृति

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: 2024 मूर्धन्य चित्रकारों सूज़ा, रामकुमार, वासुदेव गायतोंडे और केजी सुब्रमण्यन का जन्मशती वर्ष हैं. उन्हें याद करना, उनके प्रति आलोचनात्म्क कृतज्ञता व्यक्त करना हमारी कलात्मक-नैतिक ज़िम्मेदारी है.

बंगनामा: लकड़ी की सीढ़ी चढ़ता विकास

दुमंजिला पंचायत भवन के निर्माण में जब सरकारी राशि पूरी खर्च हो गई और छत पर बने कमरों तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाने का पैसा नहीं बचा, तो लकड़ी की नसैनी टिका दी गई. बंगनामा स्तंभ की चौदहवीं क़िस्त.

मछली पालन ने ओडिशा की महिलाओं को आय तो दी ही, साथ में पोषण भी सुनिश्चित किया

कुपोषण से जूझ रहे ओडिशा में सरकार ने 2018 में एक योजना के तहत महिलाओं को घर के पास के तालाबों की सफाई के लिए सब्सिडी देते हुए मछली पालन में प्रशिक्षण दिया और मछली के बीज उपलब्ध कराए. आज वे महिलाएं मछली पालन से आजीविका के साथ-साथ पोषण का लाभ भी ले रही हैं.

यूपी: बरेली में नेहरू की प्रतिमा का अपमान उनके प्रति कुत्सा भरे अभियान का नतीजा है

आठ महीने पहले यूपी के बरेली में नगर निगम व ज़िला प्रशासन द्वारा शहर को 'स्मार्ट' बनाने के लिए पुनर्स्थापित करने के वादे पर जवाहरलाल नेहरू की एक प्रतिमा को उसकी जगह से उखाड़ा गया, जो पिछले दिनों मिशन अस्पताल परिसर में कूड़े के ढेर में मिली.

‘ऑर्बिटल’ को मिला बुकर साहित्य की दुनिया में बदलाव की बानगी है

हार्वे ने सृष्टि की असाधारण सुंदरता और वैचित्र्य से प्रभावित होकर यह उपन्यास रचा है. हार्वे चाहती थीं कि उनके इस उपन्यास को सुंदरता और प्रेम के साथ किसी नायाब चीज पर लिखी गयी किताब के रूप में पढ़ा जाए. बुकर समिति ने उनकी इस आकांक्षा को साकार कर दिया है.  

महाराष्ट्र: धारावी पुनर्विकास बना मुख्य चुनावी मुद्दा, विपक्ष ने अडानी के ‘ज़मीन हड़पने’ पर उठाए सवाल

मुंबई के धारावी में स्थानीय लोगों का दावा है कि पुनर्विकास योजना के बारे में जानकारी और पारदर्शिता की कमी के कारण सत्तारूढ़ और विपक्षी, दोनों दल उनका शोषण कर रहे हैं.

क्या साहित्य सियासत से पंजे लड़ा सकता है?

नासिरा शर्मा ने कई फ़िलिस्तीनी रचनाकारों का अनुवाद किया है. उनकी हालिया किताब, फ़िलिस्तीन: एक नया कर्बला, में उनके अनुवादों के साथ इस विषय पर राजनीतिक निबंध भी शामिल हैं. वे इस लेख में अनुवाद प्रक्रिया से जुड़े अपने अनुभव साझा कर रही हैं. उनके अनुसार ये रचनाएं समय की छाती पर लिखी इबारतें हैं जो हथियारों के सामने तनकर खड़ी हैं.

कला वर्तमान भारत का बेचैन अंत:करण है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी : कलाविद् शनय झावेरी के 'भारत का कल्पना-संस्थान’ नाम के संचयन से स्पष्ट होता है कि हमारी समकालीन कला में रंगबोध, संयोजन, दृष्टि, शैली, सामग्री आदि की अपार और अदम्य बहुलता है.

‘राष्ट्र और नैतिकता’ भारत के सामाजिक और राजनीतिक जीवन को समझने की नैतिक मार्गदर्शिका है

पुस्तक समीक्षा: राजीव भार्गव की ‘राष्ट्र और नैतिकता : नए भारत से उठते 100 सवाल ‘न केवल भारत के समकालीन नैतिक संकटों पर प्रकाश डालती है, बल्कि यह हर उस भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ है जो राष्ट्र के भविष्य को समझना और उसमें योगदान देना चाहता है.

अयोध्या विवाद: किन्हें, क्यों और कैसे याद आएंगे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

कई जानकारों का कहना है कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल में (खासकर अंतिम दिनों में) जो कुछ भी कहा व किया, उससे इस बात को ख़ुद अपने ही हाथों निर्धारित कर डाला कि इतिहास उनके प्रति कैसा सलूक करे.

बांग्लादेश के बारे में डोनाल्ड ट्रंप के दावे उनकी मौक़ापरस्ती का सबूत हैं

ट्रंप द्वारा बांग्लादेश को निशाना बनाना हिंदू-मुस्लिम के बीच की मौजूदा खाई को गहरा कर सकता है और दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों के बीच एक होने की भावना को मिटा सकता है.

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