जामिया मिलिया इस्लामिया की वाइस चांसलर प्रोफेसर नजमा अख़्तर ने कहा कि हम कैंपस के भीतर पुलिस कार्रवाई को लेकर एफआईआर कराएंगे. कैंपस में पुलिस की मौजूदगी को विश्वविद्यालय बर्दाश्त नहीं करेगा.
दक्षिणी दिल्ली के ओखला, जामिया और कालिंदी कुंज इलाके में छात्रों एवं स्थानीय नागरिकों ने इस कानून के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की वजह से ओखला अंडरपास से सरिता विहार तक के रास्ते को बंद किया गया है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के 2017 के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में बलात्कार के मामलों की कुल संख्या 1,46,201 थी, लेकिन उनमें से केवल 5,822 लोगों को ही दोषी ठहराया जा सका.
केंद्रीय बैंक की ओर से किए गए आकलन के अनुसार 2018-19 में पीएनबी का सकल एनपीए 81,089.70 करोड़ रुपये था. यह बैंक द्वारा दिखाए गए 78,472.70 करोड़ रुपये के सकल एनपीए से 2,617 करोड़ रुपये अधिक है.
इस कानून के खिलाफ असम में प्रदर्शन आरंभ होने के बाद पहली बार पार्टी की राज्य इकाई की तरफ से याचिका दायर किए जाने की घोषणा की गई है. इससे पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपने स्तर से याचिक दायर की है.
कैग की रिपोर्ट से पता चला है कि सियाचिन और लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात जवानों के पास स्नो ग्लासेस और मल्टीपर्पज जूते नहीं हैं. उनके पास जरूरी भोजन भी उपलब्ध नहीं है. इन इलाकों में बेहद ठंड की वजह से जवानों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है.
देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में चल रहे नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के बीच इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं को जारी किए गए एक सर्कुलर में कहा गया है कि वे किसी धरना या प्रदर्शन में हिस्सा न लें.
सरकार द्वारा संचालित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने ये आंकड़ा दिया है, जहां पर घायलों को इलाज के लिए जाया गया था.
एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि देश में हो रही घटनाओं की ज़िम्मेदार कवरेज के लिए मीडिया की प्रतिबद्धता पर इस तरह के परामर्श से सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी टीवी चैनलों से कहा था कि वे ऐसी सामग्री दिखाने से परहेज करें जो ‘राष्ट्र विरोधी रवैये’ को बढ़ावा दे सकती है.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने शुक्रवार सुबह संसद तक मार्च निकाला था लेकिन उन्हें विश्वविद्यालय के पास ही रोक लिया गया. इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई, जिसमें छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए.
राज्य सरकारों से यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि लोगों को बाहर जाकर रोजी क्यों तलाशनी पड़ती है? लोग अपने परिवार के साथ अपने इलाके में गरिमामय जीवन और शांति का माहौल चाहते हैं. राज्य सरकारें उनके राज्यों में रहने-जीने की सही व्यवस्था और अपराधमुक्त माहौल क्यों नहीं मुहैया करा पातीं?
असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के बीच गुवाहाटी के एक निजी समाचार चैनल ने कहा कि पुलिस द्वारा बिना किसी उकसावे के उनके दफ़्तर में घुसकर स्टाफ को पीटा गया. चैनल ने पुलिस से बिना शर्त माफ़ी मांगने को कहा है.
पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है. कई इलाकों में कर्फ्यू है, साथ ही इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी है. कई देशों ने अपने नागरिकों को हिदायत दी है कि वे इन राज्यों की यात्रा के दौरान एहतियात बरतें.
अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने भारत से अनुरोध किया है कि वह अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे.
नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर असम में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच इंटरनेट पर पाबंदी 16 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है. वहीं मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का कहना है कि हिंसा के पीछे कांग्रेस और कुछ सांप्रदायिक ताकतें हैं.