मोदी सरकार ने पिछले पांच सालों में एक करोड़ से ज़्यादा पेड़ काटने की अनुमति दी

लोकसभा में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बीते दिनों बताया था कि साल 2014 से 2019 के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने विकास कार्यों के लिए 1.09 करोड़ पेड़ काटने की अनुमति दी. कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार पेड़ कटवा कर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

मैन वर्सेस वाइल्ड के विशेष एपिसोड में नज़र आएंगे प्रधानमंत्री मोदी

पुलवामा आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यह आरोप लगा था कि जिस समय यह हमला हुआ, तब वे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में शूटिंग कर रहे थे.

कब तक भूख और गोली से मारे जाएंगे आदिवासी?

सोनभद्र में किसी ने उन आदिवासियों की भुखमरी के हालात की तह में जाने की कोशिश तक नहीं की, यह सवाल नहीं पूछा कि मौत का ख़तरा होते हुए भी वे इस अनउपजाऊ क्षेत्र में ज़मीन से क्यों चिपके हुए थे?

सड़क हादसे में उन्नाव रेप पीड़िता गंभीर रूप से घायल, भाजपा विधायक पर है रेप का आरोप

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ हादसा. हादसे में पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत. वकील गंभीर रूप से घायल. उन्नाव ज़िले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर युवती से बलात्कार का आरोप है. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

पहचान और हक़ के लिए लड़ती ‘मिया कविता’

मिया कविता, मिया समुदाय की अस्मिता की लड़ाई है, अपनी भाषा-संस्कृति, अपनी पहचान की लड़ाई है. वे अपनी कविताओं के माध्यम से इस भूखंड पर अपनी पहचान, अपने अस्तित्व और अपने हक़ की मांग कर रहे हैं.

कुलभूषण जाधव पर आईसीजे के फ़ैसले के मायने

आईसीजे और अंतरराष्ट्रीय क़ानून से फिलहाल बस थोड़ा-सा समय मिला है, जिसका उपयोग भारत और पाकिस्तान दोनों के ही राजनीतिक नेतृत्व को उस संकट से बाहर निकलने में करना चाहिए, जहां एक इंसान की ज़िंदगी पर तलवार न लटक रही हो.

बारिश से बेहाल मुंबई, महालक्ष्मी एक्सप्रेस फंसी, 17 घंटे बाद सभी 1050 यात्रियों को बचाया गया

मूसलाधार बारिश के कारण मुंबई हवाई अड्डे से जाने वाली 11 उड़ानें रद्द कर दी गई ​हैं और नौ उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. कल्याण के पास कई गांवों के घर डूबे. ठाणे में बाढ़ जैसे हालात. नासिक में तीन दिन से लगातार बारिश जारी.

कर्नाटक की सियासी उठापटक के बाद क्या अगला नंबर मध्य प्रदेश का है?

मध्य प्रदेश में जिस दिन से कांग्रेस की सरकार बनी, उस दिन से भाजपा इसे अल्पमत में बता रही है. कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने फिर कहा कि पार्टी हाईकमान का आदेश हो तो एक दिन में सरकार गिर जाएगी, लेकिन इसके बाद एक विधेयक को लेकर भाजपा के दो विधायकों के कांग्रेस के खेमे में खड़े नज़र आने से स्थितियां बदलती दिख रही हैं.

समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले को लेकर किए अमित शाह के दावों में कितनी सच्चाई है?

गृहमंत्री अमित शाह का दावा है कि पिछली सरकार ने हिंदू धर्म को आतंकवाद से जोड़ने के लिए असली दोषियों को छोड़ दिया था, यदि ऐसा है तो एनआईए उन्हें पकड़ने की दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है?

ट्रम्प के कश्मीर पर मध्यस्थता के दावे से नरेंद्र मोदी की राजनीतिक समझ पर सवाल उठते हैं

जहां सारी दुनिया को इस बात का एहसास जल्द ही हो गया था कि डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका एक भरोसेमंद साथी नहीं है, नरेंद्र मोदी ने इसके बावजूद भारत के वॉशिंगटन से संबंध प्रगाढ़ किए. यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि इसकी कीमत क्या होगी.

स्वच्छता के नाम पर जेएनयू की ‘बोलती दीवारों’ को चुप कराने का निर्णय कहां तक सही है?

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्वच्छता अभियान के तहत कैंपस की दीवारों पर पोस्टर लगाने पर रोक लगा दी है. प्रशासन के इस क़दम से छात्र-छात्राओं में रोष है.

ट्रम्प के कश्मीर मसले पर मध्यस्थता संबंधी बयान के क्या मायने हैं?

वीडियो: सोमवार को वॉशिंगटन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की मौजूदगी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने का अनुरोध किया था. भारत ने ट्रम्प के इस दावे को नकार दिया है. इस बारे में द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

केंद्रीय सूचना आयोग में करीब 32 हज़ार अपील और शिकायतें लंबित, पिछले दो सालों में सर्वाधिक

कार्यकर्ताओं का कहना है कि मोदी सरकार को सूचना का अधिकार क़ानून में संशोधन करने के बजाय सूचना आयोगों में आयुक्तों की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि आरटीआई क़ानून और मज़बूत बने.

सुप्रीम कोर्ट ने असम में एनआरसी के अंतिम प्रकाशन की समयसीमा बढ़ाकर 31 अगस्त की

केंद्र और असम सरकार ने एनआरसी में गलत तरीके से शामिल किए गए और उससे बाहर रखे गए नामों का पता लगाने के लिए 20 फीसदी नमूने का फिर से सत्यापन करने की अनुमति न्यायालय से मांगी थी, जिसे उसने ठुकरा दिया.

सोनभद्र में जिस ज़मीन के लिए 10 लोगों को मार दिया गया, उसका कोई राजस्व रिकॉर्ड नहीं

अपर ज़िलाधिकारी ने बताया कि उम्भा गांव की उक्त विवादित भूमि से संबंधित 1955 के रिकॉर्ड नष्ट किए जा चुके हैं. एक निर्धारित अवधि के बाद कुछ रिकॉर्ड नियमानुसार नष्ट कर दिए जाते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि उनके रखने के लिए स्थान की समस्या हो जाती है.

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