संविधान दिवस के उपलक्ष्य में हुए एक कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम के सभी न्यायाधीश संविधान को लागू करने वाले वफ़ादार सैनिक हैं. जब हम ख़ामियों की बात करते हैं, तो हमारा समाधान है- मौजूदा व्यवस्था के भीतर काम करना.
जामा मस्जिद के प्रशासन द्वारा गुरुवार को इसके मुख्य द्वारों पर लगाए गए नोटिस में कहा गया था कि मस्जिद में लड़कियों के अकेले या समूह में प्रवेश पर रोक है. इस निर्णय के व्यापक विरोध के बाद मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बताया कि उपराज्यपाल के अनुरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया है.
एक निचली अदालत द्वारा एक शव को 'एससी/एसटी के लिए तय ज़मीन' पर न दफनाए जाने पर उसे बाहर निकालने के आदेश दिए गए थे. उसे रद्द करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि कम से कम किसी इंसान के अंतिम समय में तो समानता बरती जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी व्यवस्था बनाने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं सुन रही है. कोर्ट ने हाल ही में हुई निवार्चन आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर कहा कि इसमें ‘बहुत तेज़ी’ दिखाई गई और उनकी फाइल 24 घंटे भी विभागों के पास नहीं रही.
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिकाओं में निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों के लिए कॉलेजियम जैसा तंत्र बनाने की मांग की गई है. पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी ने इससे सहमति जताते हुए कहा कि यह मांग पिछले दो दशकों से उठाई जा रही है लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोहराया कि शरणार्थियों के मतों के बल पर सरकार में चुने जाने के बाद उन्हें इस देश का नागरिक नहीं माना जा रहा. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने देश के प्रधानमंत्री को चुनने के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, उन्हें नागरिकता का प्रमाण देने की आवश्यकता क्यों है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 4,46,70,483 मामले सामने आए हैं और मृतक संख्या 5,30,601 है. विश्व में संक्रमण के 63.95 करोड़ से ज़्यादा केस दर्ज किए गए हैं और अब तक इस महामारी के कारण 66.25 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
एक अमेरिकी एनजीओ द्वारा प्रकाशित ‘भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक’ नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ घृणा अपराध की ज़्यादातर घटनाएं भाजपा शासित राज्यों में हुई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कई मामलों में राजनीतिक प्रभाव में आकर पुलिस पीड़ितों की मनमानी गिरफ़्तारी करती है या उनकी शिकायत दर्ज करने से मना कर देती है.
केंद्र द्वारा राज्य में 41 कोयला ब्लॉकों की नीलामी के बाद अडानी समूह ने नवंबर 2020 में गोंदलपुरा कोयला ब्लॉक का नियंत्रण लिया था. स्थानीयों का कहना है कि परियोजना में 513.18 हेक्टेयर भूमि का खनन प्रस्तावित है, जिसमें से 200 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि है, बाकी ज़मीन का एक बड़ा हिस्सा उपजाऊ कृषि भूमि है.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक जज को कथित तौर पर बदनाम करने के लिए दो वकीलों समेत अन्य को अवमानना नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संभव है कि जज ने ग़लत आदेश दिया हो, जिसे बाद में रद्द किया जा सकता है, लेकिन उन्हें बदनाम करने के प्रयास की अनुमति नहीं दी जा सकती.
कोविड-19 लॉकडाउन में देश में भुखमरी की स्थिति देखने के बाद इसे नकारना अमानवीय है. वैश्विक भुखमरी सूचकांक ने भारत की दुर्दशा बताई, तो केंद्र सरकार ने रिपोर्ट को ही ख़ारिज कर दिया. सवाल उठता है कि मोदी सरकार ने पिछले आठ सालों में भुखमरी और कुपोषण कम करने के लिए क्या किया है.
सूचना का अधिकार क़ानून के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में भारतीय स्टेट बैंक ने बताया कि 2018 में चुनावी बॉन्ड की शुरुआत से बेचे गए कुल बॉन्ड में लगभग 93.5 प्रतिशत एक करोड़ रुपये मूल्यवर्ग के थे.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष पद से हटने की घोषणा करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला कहा कि अब नई पीढ़ी को ज़िम्मेदारी सौंपने का समय आ गया है. अध्यक्ष पद के लिए चुनाव पांच दिसंबर को होगा.
एनआईए ने सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा के माओवादियों के साथ संबंधों का हवाला देते हुए उन्हें जेल के बजाय घर में नज़रबंद करने के सुप्रीम कोर्ट के 10 नवंबर के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था. 70 वर्षीय नवलखा एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में अप्रैल 2020 से जेल में बंद हैं और अनेक रोगों से जूझ रहे हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में श्रद्धा वाकर की उनके लिव-इन पार्टनर आफ़ताब पूनावाला द्वारा की गई निर्मम हत्या ने बहुत दर्द और गुस्सा पैदा किया है. पुलिस का कर्तव्य है कि वह सुनिश्चित करे कि आफ़ताब को इस नृशंस हत्या की सज़ा मिले. लेकिन आगे महिलाओं के प्रति हिंसा न हो, उसके लिए बतौर समाज हमें क्या करना चाहिए?