बीते अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा में जान गंवाने वाले आठ लोगों में निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप भी शामिल थे. रमन के भाई ने एक याचिका में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा, उनके बेटे आशीष व अन्य के ख़िलाफ़ अलग से प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी.
मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 22 नवंबर को 65 लोगों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया था, जिसके बाद कई लोगों की दृष्टि चली गई थी या संक्रमण फैलने से रोकने के लिए आंखे निकालनी पड़ी. माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्ट के लिए भेजे गए नमूनों से पुष्टि हुई है कि ऑपरेशन थियेटर संक्रमित था.
अमेरिका और ब्रिटेन में रह रहे कई रोहिंग्या शरणार्थियों ने फेसबुक पर उनके ख़िलाफ़ हेट स्पीच फैलाने के आरोप में मुक़दमा दायर किया है. कैलिफोर्निया में दायर शिकायत में कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंटेंट की निगरानी में कंपनी के असफल रहने से हिंसा हुई, जिसका रोहिंग्या समुदाय ने सामना किया.
सुरक्षाबलों द्वारा फायरिंग की घटना नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच उस समय हुई, जब कुछ दिहाड़ी मज़दूर 4 दिसंबर की शाम पिकअप वैन से एक कोयला खदान से घर लौट रहे थे. घटना की शुरुआती पुलिस रिपोर्ट में संकेत है कि सुरक्षाबलों द्वारा इस कार्रवाई को संभावित रूप से छिपाने की कोशिश की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जनजातियों को गै़र-अधिसूचित किए जाने के लगभग 73 वर्षों बाद भी आदिवासी उत्पीड़न और क्रूरता के शिकार होते हैं. भले ही एक भेदभावपूर्ण क़ानून को न्यायालय असंवैधानिक ठहरा दे या संसद निरस्त कर दे, लेकिन भेदभावपूर्ण व्यवहार फ़ौरन नहीं बदलता है.
स्मृति शेष: विनोद दुआ का चालीस सालों का टीवी न्यूज़ का अनुभव और दर्शकों से उनका दुर्लभ जुड़ाव उनके पहले डिजिटल प्रयास में ही इतनी आसानी से घुल-मिल गया कि जल्द ही उन्होंने बड़े पैमाने पर दर्शकों को आकर्षित किया.
मामला बेंगलुरु का है, जहां तौसीफ़ पाशा नाम के एक युवक को पिछले सप्ताह झगड़ा करने के आरोप में थाने ले जाया गया था. उनका आरोप है कि वहां पुलिस ने उन्हें बर्बर तरीके से पीटा, उनकी दाढ़ी काट दी और उनकी रिहाई के लिए पैसे मांगे.
मुरादाबाद के ईदगाह इलाके के रहवासी हर रात अपने मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा होते हैं. इस दौरान राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही तरह के मसलों पर बात होती है.
अप्रैल 2020 से हिरासत में रखे गए एक छात्र पर दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए अभियोजन पक्ष ने सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए ज़मानत का विरोध किया था. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता महज़ बीस साल का छात्र है और उसके द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका दूर-दूर तक नज़र नहीं आती.
दंतेवाड़ा में 'लोन वर्राटू' के तहत पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले कथित पूर्व नक्सलियों के लिए बनाए गए डिटेंशन कैंप ‘शांति कुंज’ का अस्तित्व क़ानूनी दायरों से परे है.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सियालकोट ज़िले की एक कपड़ा फैक्टरी में महाप्रबंधक के तौर पर काम कर रहे श्रीलंका के प्रियंता कुमारा की ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी और फिर उसके शव को जला गया. आरोप है कि कुमारा ने कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के एक पोस्टर को कथित तौर पर फाड़ दिया था, जिसमें क़ुरान की आयतें लिखी थीं.
संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति प्रशासन को एक अल्टीमेटम जारी कर कहा कि अगले सप्ताह से वे शहर में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नमाज़ की अनुमति नहीं देंगे. बीते शुक्रवार को गुड़गांव के सेक्टर 37 में नमाज़ स्थल पर प्रदर्शनकारियों द्वारा नारेबाज़ी जारी रहने और शांति भंग होने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में ले लिया था और बाद में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने संसद में बताया कि सरकार की ओर से सिर पर मैला ढोने वालों की धर्म और जाति को लेकर कोई अध्ययन नहीं किया गया है. हालांकि इनकी पहचान करने के लिए मैनुअल स्केवेंजर अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार सर्वेक्षण किए गए हैं. इन सर्वेक्षणों के दौरान मैला ढोने वालों की पहचान की गई है.
वीडियो: राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके में बने एक चर्च में बीते दिनों कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की. बताया जा रहा है कि ये लोग कथित तौर पर बजरंग दल से जुड़े हुए हैं. पिछले 11 महीनों में हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े लोगों द्वारा ईसाई समुदाय के खिलाफ 300 से अधिक हमले हुए हैं. द वायर ने इन हमलों और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों के बारे में ईसाई समुदाय और दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के सदस्यों से बातचीत की.
राजस्थान पुलिस ने हाल ही में राज्य में दलित वर्ग के लोगों की बारात पर पथराव सहित कुछ घटनाएं सामने आने का बाद दिशानिर्देश जारी कर पुलिस अधिकारियों से कहा है कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने तथा ऐसी घटना के बाद क़ानूनी कार्रवाई करने के लिए विशेष सतर्कता बरतें.