निजता का अधिकार और समाज

निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सत्ता और समाज को ठहर के सामूहिक चिंतन करने का एक अवसर देता है.

गणाधिपति गणेश की गाथा

माघ कृष्ण चतुर्दशी को काशी में गणेश चतुर्थी का मेला भी लगने लगा जिसमें विघ्नहर्ता, बुद्धिनिधान और विद्या के रक्षक के रूप मे बड़े देवता बन कर स्थापित हो चुके थे.

‘बीसीसीआई मर्दवादी संस्था है, जो नहीं चाहती कि महिला क्रिकेट खिलाड़ी भी आगे बढ़ें’

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी के मुताबिक, पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने कहा था कि अगर उनका बस चलता तो महिला क्रिकेट बंद करवा देते.

‘वोट के समय नेताओं ने कहा कि झुग्गियां नहीं टूटेंगी, कार्रवाई हुई तो कोई मुंह दिखाने नहीं आया’

पूर्वी दिल्ली के शाहदरा पुल के नीचे बसे राजस्थान के गाड़िया लोहार समुदाय की लगभग 100 झुग्गियों को एमसीडी ने बिना सूचना दिए तोड़ डाला.

तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ क्यों है जमीयत उलेमा-ए-हिंद?

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक बार में तीन तलाक़ कहने पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए मानने से इनकार किया.

पितृसत्ता को चुनौती देने वाले समाज सुधार आंदोलनों को मज़बूत बनाना ज़रूरी

पितृसत्ता का प्रभाव देश के ज़्यादातर नागरिकों पर ही नहीं, बल्कि सरकार, प्रशासन और न्यायपालिका जैसे संस्थान भी इसके असर से बचे हुए नहीं हैं, जिन पर लैंगिक न्याय स्थापित कराने का दायित्व है.

तीन तलाक़ के अलावा इस्लाम में अलग होने के और भी तरीके हैं

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीन तलाक़ को असंवैधानिक घोषित कर दिया है. इस्लाम में तीन तलाक़ केे अलावा संबंध विच्छेद के और भी तरीके प्रचलन में हैं.

आठ सालों में देश में पांच साल की उम्र से पहले ही हुई 1.13 करोड़ बच्चों की मौत

वर्ष 2008 से 15 के बीच हर घंटे औसतन 89 नवजात शिशुओं की मृत्यु होती रही है. 62.40 लाख नवजात शिशुओं की मृत्यु जन्म के 28 दिनों के भीतर हुई.

‘जेल की स्थिति समाज से भी बदतर है इसलिए वहां से निकला हुआ व्यक्ति और बड़ा अपराधी बन जाता है’

हिरासत में होने वाली हिंसा और जेलों की स्थिति पर सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा और वर्णन गोंसाल्विस से बातचीत.

साढ़े चार आखर मनुष्यता का, पढ़े सो पंडित होय…

हजारी प्रसाद द्विवेदी सही मायने में पंडित थे. वैसे पंडित नहीं, जो शास्त्र और वेद को पढ़कर जड़ और हिंसक हो जाता है, बल्कि वैसे, जो कबीर की तरह प्रेम या मनुष्यता का ढाई आखर पढ़कर पंडित होता है.

कैसा है बरेली की बर्फी का स्वाद?

फिल्म बरेली की बर्फी प्रेम त्रिकोण पर आधारित एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जिसमें कृति सेनॉन, राजकुमार राव और आयुष्मान खुराना मुख्य भूमिकाओं में हैं.

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