इस साल की शुरुआत में आईआईएम बेंगलुरु के मार्केटिंग के एसोसिएट प्रोफेसर गोपाल दास ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखकर संस्थान में उनके प्रति हो रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार के बारे में बताया था. इस पत्र में संस्थान द्वारा उनकी जाति सार्वजनिक करने और उन्हें पदोन्नति देने से इनकार करने की शिकायत भी की गई थी, जिसके बाद राज्य सरकार के डीसीआरई ने इस मामले की जांच की.
संसद में एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि साल 2019 में विदेश में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या 5,86,337 थी, जो 2023 में बढ़कर 8,92,989 हो गई. सबसे अधिक भारतीय छात्र अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में हैं.
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड की वन और जेल भर्ती परीक्षा 2023 के परिणामों को लेकर इंदौर में युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि एक उम्मीदवार को 100 में से 101.66 अंक मिले हैं. प्रदर्शनकारी नौजवान इसे परीक्षा प्रक्रिया में गड़बड़ी का नतीजा बता रहे हैं.
इमिग्रेशन, रेफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा ने विदेशी छात्रों से स्टडी परमिट, वीजा और एजुकेशन रिकॉर्ड जैसे कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को फिर से जमा करने के लिए कहा है.
पीड़ित छात्रा आरोपियों को जमानत मिलने के बाद कैंपस छोड़कर अपने घर चली गई हैं. उनके करीबियों का कहना है कि उन्हें कैंपस में डर और तनाव का सामना करना पड़ रहा था. उन्हें सुनवाई के लिए अदालत जाने में भी काफी दिक्कतें आ रही थीं. इस दौरान उन्होंने अपनी परीक्षाओं को लेकर भी बहुत संघर्ष किया है. उनके वकील ने अदालत से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराने का अनुरोध भी किया है.
16 नवंबर को गुजरात के एक मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के कारण छात्र की मौत के मामले की पुलिस जांच में सामने आया है कि कॉलेज के अधिकारी कॉलेज में बड़े पैमाने पर हो रही रैगिंग से कथित तौर पर वाक़िफ़ थे, मगर उन्होंने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया.
वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज परिसर में स्थित मस्जिद को लेकर विवाद गहरा रहा है. जहां मंगलवार को कुछ छात्रों ने मस्जिद में नमाज़ के समय हनुमान चालीसा पढ़ी थी,वहीं जुमे के रोज़ छात्रों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर मस्जिद को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
आईआईटी खड़गपुर के शिक्षक संघ ने सितंबर में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजे एक पत्र में निदेशक वीके तिवारी पर अनियमितताओं के आरोप लगाए थे. इसके लिए चार शिक्षकों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई. जब अन्य फैकल्टी ने उनका समर्थन किया, तो उन्हें भी नोटिस भेजे गए.
आईआईटी और आईआईएम सहित लगभग सभी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में 27 प्रतिशत फैकल्टी पद ओबीसी, 15% एससी और 7.5 % एसटी के लिए आरक्षित हैं. हालांकि, सामने आया है कि कम से कम दो आईआईटी और तीन आईआईएम में 90% से अधिक फैकल्टी पदों पर सामान्य वर्ग के लोग काबिज़ हैं.
जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद आलोक कुमार सुमन ने शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति और जनजाति (एसटी) के लोगों ख़िलाफ़ होने वाले भेदभाव को लेकर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार से सवाल पूछा, जिसके जवाब में बताया गया कि ऐसा कोई केंद्रीय डेटा रखा ही नहीं जाता.
राज्यसभा में शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक लिखित जवाब में बताया कि 31 अक्टूबर तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 5,182 शैक्षणिक पद रिक्त थे.
इस महीने 11 नवंबर को जेएनयू द्वारा आयोजित एक सेमिनार में मुंबई में अवैध आप्रवासन के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिणामों का विश्लेषण किया गया. जेएनयूटीए का आरोप है कि यह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रहों को पुष्ट करने का प्रयास था.
घटना पाटन ज़िले के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की है, जहां सीनियर्स द्वारा कथित रैगिंग के बाद एक 18 वर्षीय छात्र की मौत हो गई. कॉलेज ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है. 15 छात्रों के ख़िलाफ़ गैर इरादतन हत्या और अन्य अपराधों के तहत केस दर्ज किया गया है.
हरियाणा के गुरुग्राम विश्वविद्यालय द्वारा प्रोफेसर ज़ोया हसन की फ़िलिस्तीन पर वार्ता रद्द करना किसी भारतीय संस्थान में हुई ऐसी पहली घटना नहीं है. इससे पहले जेएनयू और आईआईटी बॉम्बे द्वारा ऐसे सेमिनार और व्याख्यान रद्द किए जा चुके हैं.
शीर्ष अदालत ने साल 1967 के एस. अज़ीज़ बाशा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में दिए गए अपने फैसले को पलटा है. हालांकि, अभी यह तय होना बाकी है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा प्राप्त होगा या नहीं.