पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने इंफाल से अंतिम पांच कुकी परिवारों को हटाने की ख़बर का हवाला देते हुए कहा कि एक राज्य सरकार ‘जातीय सफाये’ की अगुवाई करती है और केंद्र सरकार का दावा है कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार चल रही है... इससे ज़्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.
बीते हफ्ते इंफाल में दो मेईतेई वकीलों के घर पर सैकड़ों लोगों की एक भीड़ ने हमला किया. ये दोनों वकील कुकी समुदाय से आने वाले हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ख़ाम ख़ान सुआन हाउजिंग के ख़िलाफ़ द वायर को दिए एक इंटरव्यू के संबंध में दर्ज मामले को देख रहे थे. अब उन्होंने इस केस से नाम वापस ले लिया है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने पिछले महीने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया था. टीम द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर सरकार द्वारा इंटरनेट बैन का पत्रकारिता पर हानिकारक प्रभाव पड़ा, क्योंकि बिना किसी संचार के एकत्र की गईं स्थानीय ख़बरें स्थिति का संतुलित दृष्टिकोण देने के लिए पर्याप्त नहीं थीं.
असम राइफल्स के महानिदेशक (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने कहा है कि हमने इतिहास में कभी भी इस तरह की किसी स्थिति का सामना नहीं किया है. नागरिकों के पास ‘बड़ी संख्या में हथियार’ चिंता का एक प्रमुख विषय है. जब तक ये हथियार किसी भी तरह से वापस नहीं आ जाते, ये चुनौती सबसे बड़ी रहेगी.
मणिपुर में पिछले चार महीने से जातीय हिंसा लगातार जारी है. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य में बहुत सारे नागरिक समाज संगठन हैं, जो अलग-अलग तरह की बात करते हैं. उन्होंने हिंसा ख़त्म करने के लिए संगठनों से एक ठोस प्रस्ताव लाने और एक स्वर में बोलने की अपील की, ताकि इसे दिल्ली में केंद्र सरकार तक पहुंचाया जा सके.
हिंसाग्रस्त मणिपुर के चूड़ाचांदपुर और बिष्णुपुर ज़िलों की सीमा पर कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच बुधवार से रुक-रुककर फायरिंग हुई है. इसमें इंडिया रिज़र्व बटालियन के दो कर्मियों सहित कम से कम सात लोग घायल हुए हैं और 29 अगस्त से अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है.
मणिपुर में सौ दिन से अधिक समय से जारी हिंसा के बीच बुलाए गए विधानसभा के एकदिवसीय सत्र में कांग्रेस के विरोध के बीच सीएम एन. बीरेन सिंह ने कहा कि सरकार का हिंसा पर चर्चा कराने का कोई इरादा नहीं है. इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-3 के बारे में बोलते हुए वैज्ञानिकों और प्रधानमंत्री का 'आभार व्यक्त' किया.
असम राइफल्स ने अपने नोटिस में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता महेश्वर थौनाओजम द्वारा 30 जून को दिल्ली में एक शोकसभा के दौरान दिए गए बयानों का हवाला दिया है. थौनाओजम ने मणिपुर हिंसा में असम राइफल्स की भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे.
हिंसाग्रस्त मणिपुर में बीते रविवार को इंफाल पश्चिम जिले के न्यू लाम्बुलाने इलाके में अज्ञात लोगों ने तीन ख़ाली पड़े घरों में आग लगा दी थी. वहीं, सगोलबंद बिजॉय गोविंदा इलाके में अज्ञात लोगों ने राज्य के पूर्व स्वास्थ्य निदेशक के. राजो के सुरक्षा गार्डों से दो असॉल्ट राइफलें और एक कार्बाइन छीन ली थी.
असम के सिलचर में भाजपा सांसद राजदीप रॉय के आवास पर शनिवार शाम एक 10 वर्षीय लड़के का शव लटका हुआ पाया गया. वह पिछले कुछ वर्षों से अपनी मां और बड़ी बहन के साथ सांसद के घर पर रह रहा था. लड़के की मां सांसद के घर पर घरेलू सहायिका के रूप में काम करती हैं.
एक प्रेस बयान में कुकी-ज़ो-हमार विधायकों ने स्पष्ट किया कि बीते 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के साथ उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है. मुख्यमंत्री ने दावा किया था वह कुकी-ज़ो-हमार विधायकों के साथ ‘नियमित’ संपर्क में थे, जो पहाड़ी ज़िलों के लिए अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं.
घटना बुधवार सुबह क़रीब 11 बजे मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल से क़रीब 19 किलोमीटर दूर सैरांग में हुई. पुलिस ने 18 शवों को बरामद कर लिया है. हादसे के बाद पांच मज़दूर लापता हैं. अधिकारियों का कहना है कि उनके जीवित होने की संभावना कम ही है. सभी पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के रहने वाले थे.
कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) ने मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में कुकी-ज़ो समुदायों को आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति की मांग करते हुए दो राष्ट्रीय राजमार्गों एनएच-2 और एनएच-37 पर नाकाबंदी शुरू कर दी. एनएच-2 इंफाल को नगालैंड के दीमापुर से जोड़ता है और एनएच-37 जो इंफाल को असम के सिलचर से जोड़ता है.
घटना मणिपुर के उखरुल ज़िले के थोवई कुकी में शुक्रवार तड़के हुई. पुलिस ने कहा कि इस ज़िले ने राज्य के मेईतेई और कुकी-ज़ोमी समुदायों के बीच चल रही झड़पों में हिंसा नहीं देखी है. यह घटना राज्य में लगभग दो सप्ताह की अपेक्षाकृत शांति के बाद हुई है.
बीते 17 अगस्त को असम के दरांग और तामुलपुर ज़िलों में चोरी के संदह में दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. मृतकों की पहचान 45 वर्षीय मजीबुल हक़ और 27 वर्षीय बिनोद ब्रह्मा के रूप में हुई. इससे पहले बीते 12 अगस्त और 24 जुलाई को होजई और मोरीगांव ज़िलों में भी ऐसी घटनाएं हुई थीं.