पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन और नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है. उधर, मेघालय में एनपीपी को 25 सीटें मिली हैं, लेकिन बहुमत से दूर होने के चलते गठबंधन सरकार बनने की उम्मीद है.
1963 में राज्य का दर्जा पाने वाले नगालैंड में अब तक चौदह विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन आज तक कोई भी महिला विधायक नहीं बनी है. आगामी विधानसभा चुनाव में चार महिला प्रत्याशी मैदान में हैं.
मेघालय में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने कहा कि मेघालय में सभी बीफ खाते हैं, मैं भी खाता हूं. यहां कोई पाबंदी नहीं है. यह लोगों की जीवनशैली है, कोई नहीं इसे रोक सकता.
असम के सिवसागर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने गौहाटी उच्च न्यायालय के 9 फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी, जिसमें राज्य की एक विशेष एनआईए अदालत को दो मामलों में से एक में आरोप तय करने के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी गई थी.
असम की हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में बाल विवाह के ख़िलाफ़ अभियान चला रही है. इसके तहत हज़ारों की संख्या में लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गौहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामलों में हिरासत में लेकर आरोपियों से पूछताछ की कोई ज़रूरत नहीं है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 16 फरवरी को होगा.
ऑल-मणिपुर हेल्थ सर्विसेज डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार द्वारा पदोन्नति, रिटायरमेंट की उम्र समेत उनकी चार सूत्रीय मांग न मानने को लेकर अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है. चिकित्सकों की हड़ताल के कारण राज्य भर में सैकड़ों मरीज़ों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
मिज़ोरम विधानसभा में समान नागरिक संहिता लागू करने के किसी भी प्रयास का विरोध करने का प्रस्ताव पेश करते हुए गृह मंत्री लालचमलियाना ने कहा कि यूसीसी देश को विघटित कर देगा क्योंकि यह मिज़ो समेत धार्मिक अल्पसंख्यकों की धार्मिक, सामाजिक प्रथाओं, संस्कृतियों व परंपराओं को ख़त्म करने की कोशिश है.
केंंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में बताया है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) क़ानून के तहत लंबित मामलों की संख्या असम में पिछले तीन वर्षों के दौरान तीन गुना बढ़ी है. वहीं, एक अन्य पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में पूरे देश में सबसे कम 36 मामले लंबित पाए गए.
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एनआईए को असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई और उनके तीन सहयोगियों पर सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों और माओवादियों से संदिग्ध संबंधों के सिलसिले में आरोप तय करने की अनुमति दे दी. विशेष एनआईए अदालत ने जुलाई 2021 में उन्हें आरोपमुक्त कर दिया था, जिसे एनआईए ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में टैक्स छूट से जुड़े अपने एक निर्णय में सिक्किमी नेपाली समुदाय का ज़िक्र करते हुए उन्हें ‘विदेशी मूल’ का बताया था. इसे लेकर सिक्किमी नेपाली समुदाय ने कड़ी आपत्ति जताई थी और राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन हुए थे. कोर्ट ने इस संदर्भ को फैसले से हटाते हुए कहा कि त्रुटि इसलिए हुई क्योंकि मूल रिट याचिकाकर्ताओं ने इस तथ्य को अदालत के संज्ञान में नहीं लाया.
13 जनवरी को टैक्स में छूट से जुड़े एक मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिक्किमी नेपाली समुदाय का उल्लेख करते हुए उन्हें 'विदेशी मूल' का बताया था. इसे लेकर राज्य में भारी जनाक्रोश के बीच स्वास्थ्य मंत्री और राज्य के महाधिवक्ता इस्तीफ़ा दे चुके हैं. वहीं, मुख्य विपक्षी दल सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने राज्यभर में शनिवार से 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है.
असम की भाजपा सरकार ने बीते 23 जनवरी को फैसला किया था कि बाल विवाह में शामिल लोगों को गिरफ़्तार करने के साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं. महिलाएं का कहना है कि केवल परिवार के पुरुषों को ही क्यों पकड़ा जा रहा है? हम और हमारे बच्चे कैसे जिएंगे? हमारे पास आय के साधन नहीं हैं.
असम में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल द्वारा 'विदेशी' घोषित किए गए और अदालत द्वारा वीज़ा उल्लंघन के दोषी ठहराए गए 45 पुरुष, 21 महिलाएं और दो बच्चों को गोआलपाड़ा में केंद्र के निर्देश पर बने देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर- मटिया ट्रांजिट कैंप में भेजा गया है.
बीते वर्ष मणिपुर पर लिखित एक किताब पर विवाद खड़ा होने के बाद राज्य की भाजपा सरकार ने आदेश जारी किया था कि मणिपुर को लेकर लिखी गई किसी भी किताब के प्रकाशन से पहले एक समिति कि मंज़ूरी लेनी होगी. इस आदेश के ख़िलाफ़ एक पत्रकार ने मणिपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.