असम सरकार ने भविष्य में आधार कार्ड जारी करने के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) आवेदन नंबर अनिवार्य कर दिया है, जो असम के लोगों को 2015 में एनआरसी के लिए आवेदन करते समय प्रदान किया गया था.
मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में शनिवार को हिंसा भड़क उठी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई. मृतकों में चार हथियारबंद लोग भी शामिल हैं. इससे पहले शुक्रवार को विष्णुपुर ज़िले के गांवों पर पास की पहाड़ियों से रॉकेट दागे गए, जिसमें एक 70 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम पांच लोग घायल हुए.
पुलिस ने बताया कि हथियारबंद लोगों ने जिरीबाम ज़िले के जकुरधोर गांव में एक घर को आग लगा दी. यह घर बोरोबेक्रा थाने के पूर्व प्रभारी का था, जिनका परिवार जून में हिंसा भड़कने के बाद इस घर को खाली कर चला गया था.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी से भी शांति कायम नहीं हो पा रही है, इसलिए ऐसे बलों को हटाना बेहतर है जो मूकदर्शक बने हुए हैं.
इंफाल पश्चिम के कोत्रुक में यह हमला द वायर द्वारा उन ऑडियो टेप को सार्वजनिक किए जाने के बाद हुआ है, जो मणिपुर हिंसा की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित आयोग को सौंपे गए हैं. टेप से संकेत मिलता है कि सीएम एन. बीरेन सिंह और उनका प्रशासन सीधे तौर पर हिंसा में शामिल रहे हैं.
असम विधानसभा ने ब्रिटिश काल से चली आ रही उस प्रथा को ख़त्म कर दिया, जिसके तहत मुस्लिम नेता शुक्रवार को नमाज़ अदा कर सकते थे. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि यह निर्णय विधानसभा की उत्पादकता को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है.
असम के मुख्यमंत्री कार्यालय ने करीमगंज ज़िला कलेक्टर द्वारा भेजे गए एक पत्र को साझा किया है, जिसमें दावा किया गया है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति महबूबुल हक़ को 1992 में एक ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किया गया था, जिसे 1996 में रद्द कर दिया गया था.
मणिपुर टेप्स पड़ताल के तीसरे हिस्से में कथित तौर पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह कहते हैं कि राज्य की सरकारी नौकरियों में अधिकतर कुकी हैं, जो एसटी कोटे की मदद वहां पहुंचे हैं. वे कथित तौर पर पंद्रह महीने से जारी जातीय संघर्ष को शुरू करने का दावा भी करते हैं.
मणिपुर टेप्स पड़ताल के दूसरे हिस्से में कथित तौर पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह यह कहते हैं कि उन्हें राज्य में जातीय हिंसा के दौरान यौन शोषण का शिकार हुई दो कुकी-ज़ो महिलाओं के वायरल वीडियो को लेकर बचाव में नहीं आना चाहिए था और मेईतेई लोगों को उन्हें बचाने, कपड़े देकर घर भेजने का श्रेय लेना चाहिए था.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा मेघालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पर फिर हमला करते हुए कहा कि उनकी सरकार इस संभावना पर चर्चा कर रही है कि विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हुए छात्र असम सरकार द्वारा निकाली नौकरियों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.
मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह की कथित आवाज़ वाले ऑडियो टेप के संबंध में द वायर के ख़ुलासे के बाद राज्य के दस कुकी विधायकों ने एक संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि राज्य प्रायोजित जातीय नरसंहार में मुख्यमंत्री की मिलीभगत अब बिना किसी संदेह के स्थापित हो चुकी है.
मणिपुर में सालभर से चल रहे संघर्ष की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग, जिसे हिंसा की जांच कर रहे आयोग के सामने भी रखा गया है, सीएम के तौर पर उनके आचरण और इरादों पर सवाल खड़े करती है. मणिपुर सरकार ने रिकॉर्डिंग को 'फ़र्ज़ी' कहा है.
मुख्यमंत्री पेमा खांडूका कहना है कि आईएलपी प्रणाली को मज़बूत करने का मुख्य उद्देश्य मूल जनजातियों को बाहरी घुसपैठ से बचाना है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस मनाते समय हमें मणिपुर की दुर्दशा पर भी विचार करना चाहिए, जहां सच्ची आज़ादी अभी भी दूर है.
बीते सप्ताह हिमंता बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में अचानक आई बाढ़ के लिए मेघालय के री-भोई ज़िले में स्थित मेघालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए निर्माण कार्य को ज़िम्मेदार ठहराया था. अब उन्होंने कहा है कि यूनिवर्सिटी का गेट 'मक्का' जैसा बना है.