अयोध्या विवाद: रामलला के वकील ने अदालत से कहा, विवादित स्थल पर देवताओं की आकृतियां मिली हैं

विवादित भूमि पर मंदिर के अस्तित्व के सवाल पर रामलला के वकील की ओर से 1950 की निरीक्षण रिपोर्ट और ढांचे के भीतर देवताओं की तस्वीरों का एक एलबम भी पीठ को सौंपते हुए कहा गया कि इस तरह के चित्र मस्जिदों में नहीं बल्कि मंदिरों में होते हैं.

महबूबा मुफ्ती की बेटी का गृहमंत्री अमित शाह से सवाल, किस क़ानून के तहत मुझे हिरासत में रखा गया है

महबूबा मुफ्ती की छोटी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि मैं यह समझने में असफल हूं कि मुझे कश्मीरियों की आवाज़ बुलंद करने के लिए क्यों सज़ा दी जा रही है. क्या कश्मीरियों के दर्द, यातना और रोष को व्यक्त करना अपराध है?

पहलू खान लिंचिंग: अदालत ने कहा, पुलिस ने वीडियो और तस्वीरों को पेश नहीं किया

राजस्थान की अदालत ने अपने फैसले में मामले की एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी पर पुलिस को फटकार लगाई और कहा कि यह जांच अधिकारी की ओर से बरती गई गंभीर लापरवाही दिखाता है. इससे पहले बुधवार को अदालत ने मामले में छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था.

जम्मू कश्मीर: दक्षिण एशियाई शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं ने ‘अमानवीय बर्ताव’ की निंदा की

250 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं ने बयान जारी कर कहा कि जम्मू कश्मीर में भारत सरकार के फैसले दिखाते हैं कि उनके मन में संविधान, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कोई सम्मान नहीं है.

पाकिस्तान ने भारतीय कलाकारों को दिखाने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक ने भारतीय उत्पादों और भारतीय कलाकारों वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के साथ भारतीय फिल्मों की बिक्री पर रोक लगा दी है. कई दुकानों में छापे मारकर भारतीय फिल्मों की सीडी जब्त की गई हैं.

जम्मू कश्मीर में पाबंदी पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- सरकार के सिर पर बंदूक रखना सही नहीं

सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की राज्य में संचार माध्यमों से पाबंदी हटाने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जहां केंद्र ने अदालत से कहा कि राज्य में किसी भी प्रकाशन पर कोई रोक नहीं है.

छत्तीसगढ़: कांग्रेस सरकार ने ओबीसी के लिए आरक्षण सीमा दोगुनी की, एससी का भी कोटा बढ़ा

छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जाति को 13 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही राज्य में आरक्षण की सीमा कुल 72 फीसदी हो जाएगी, जो कि देश में सबसे अधिक होने के साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई 50 फीसदी की सीमा से 22 फीसदी अधिक होगी.

असमः बीफ पर दो साल पुरानी पोस्ट को लेकर छात्रा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

छात्रा का कहना है कि उन्होंने यह पोस्ट जून 2017 में लिखी थी और उसे तुरंत डिलीट भी कर दिया था. इस संबंध में असम पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

कश्मीरी पत्रकार को आधी रात में हिरासत में लिया गया, परिवार को आरोपों की जानकारी नहीं

सुरक्षाबलों ने बुधवार रात लगभग 11 बजे ग्रेटर कश्मीर अखबार के पत्रकार इरफान अमीन मलिक के पुलवामा के त्राल स्थित घर पर छापा मारने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया. अनुच्छेद 370 हटने के बाद हिरासत में लिए गए मलिक पहले पत्रकार हैं.

बंटवारे के बाद हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत हमेशा के लिए बदल गया

आज़ादी के 75 साल: जब सत्ता यह तय करती है कि जनता क्या सुन सकती है, क्या गा सकती है, तब संगीत और संगीतकारों को अपना रास्ता बदलना पड़ता है या ख़त्म हो जाना पड़ता है.

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने श्रीनगर में फहराया तिरंगा, कहा- दांव पर नहीं राज्य के लोगों की पहचान

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म होने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पहले स्वतंत्रता दिवस पर शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में समारोह को संबोधित किया. इस समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हुए.

बंटवारे के बाद हमेशा के लिए बदल गया भारतीय ज़ायक़ा

आज़ादी के 75 साल: बंटवारे के बाद नए ज़ायक़ों ने जगह बनानी शुरू कर दी. ‘तंदूरी’ दिल्ली का खाना बन गई और शाहजहानाबाद यानी पुरानी दिल्ली के मुग़लई व्यंजन थाली से बाहर होते गए. बंटवारे के पहले के कई व्यंजन अब भुलाए जा चुके हैं, लेकिन यह भी सच है कि उस प्रलयकारी अध्याय ने भारत का परिचय नए ज़ायक़ों से भी कराया.

जब गांधी ने ज़रूरत पड़ने पर ‘हिंसक साधनों’ का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी

आज़ादी के 75 साल: स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका के बारे में काफी कुछ लिखा गया है, मगर उत्तर-पूर्व को आज़ाद भारत के साथ जोड़ने में उन्होंने जिस तरह से नेतृत्व किया, इस बारे में काफी कम लिखा गया है.

हिंदी साहित्य ने विभाजन को कैसे देखा

जहां हिंदी लेखकों ने विभाजन पर बार-बार लिखा, हिंदी कवि इस पर तटस्थ बने रहे. कइयों ने आज़ादी मिलने के जश्न की कविताएं तो लिखीं, लेकिन देश बंटने के पीड़ादायी अनुभव पर उनकी चुप्पी बनी रही.