अस्थायी पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी जवाब मांगा है. उक्त याचिका में विशेष रूप से यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार का मामला उठाया गया है, जिनके बारे में कहा गया है कि उन्हें वरिष्ठता सूची में 19वें नंबर पर होने के बावजूद पुलिस प्रमुख बनाया गया था.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते मई माह में पुलिस ने फैज़ान नामक युवक को 'पाकिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद' नारा लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया था. तब से वह हिरासत में है. एमपी हाईकोर्ट ने फैज़ान को जमानत देते हुए कहा कि वह महीने के पहले और चौथे मंगलवार को स्थानीय पुलिस थाने के राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार सलामी देंगे और 'भारत माता की जय' का नारा देंगे.
कर्नाटक में पिछले साल सितंबर में दो लोगों ने स्थानीय मस्जिद में घुसकर 'जय श्री राम' के नारे लगाए थे. इससे जुड़ी याचिका सुनते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आईपीसी की धारा 295 ए के तहत तब तक अपराध नहीं माना जाता, जब तक उससे क़ानून-व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर से एक किशोरी के साथ भागे 16 वर्षीय किशोर की पुलिस हिरासत में मौत हो गई. एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मामले में स्थानीय एसएचओ सहित चार पुलिसकर्मियों को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उपनिरीक्षक ने किशोर को बिजनौर लाने के बजाय अपने घर पर अवैध रूप से हिरासत में रखा था, जहां उसकी मौत हो गई.
उत्तर प्रदेश की कुछ परियोजनाओं से जुड़ी जनहित याचिकाओं को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में एक रेल परियोजना पर रोक लगाने का निर्देश भी दिया. कोर्ट का कहना था कि 2022 के आदेश के अनुसार, रेल विकास निगम लिमिटेड ने 50,000 से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा नहीं किया.
भारतीय पुलिस का मानना है कि बिश्नोई गैंग के शुभम लोणकर ने बाबा सिद्दीकी की हत्या का काम पुणे के एक कबाड़खाने में काम करने वाले तीन शूटरों को सौंपा था, और कनाडा पुलिस का दावा है कि यह गिरोह उनके देश में हिंसा भड़का रहा है.
देश के सत्ताधारी आदिवासी के सवाल और माओवाद को एक आईने से देखते हैं. आदिवासी संघर्ष माओवाद की राजनीति के लिए स्पेस जरूर देते हैं, पर आदिवासी प्रश्न का अर्थ माओवाद नहीं है और आदिवासी होना माओवादी होना नहीं है.
आरोप है कि लखनऊ के विकास नगर में हिरासत में लिए गए व्यक्ति अमन गौतम की पुलिस द्वारा गंभीर पिटाई की गई थी, जिसके चलते उनकी मौत हुई. पुलिस ने इससे इनकार किया है, हालांकि मृतक के परिजनों की शिकायत पर चार पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ है.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में ख़राब प्रदर्शन जारी रखते हुए भारत 127 देशों की सूची में 105वें स्थान पर है और पड़ोसी पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के साथ उन 42 देशों में शामिल है जो 'गंभीर' श्रेणी में आते हैं. 2023 के इंडेक्स में भारत 125 देशों की सूची में 111वें स्थान पर आया था.
स्मृति शेष: दस सालों तक क़ैद में अलग-थलग और कठोरतम जीवन परिस्थितियों के बीच भी जीएन साईबाबा की जिजीविषा और हौसला अटूट रहा. शायद इन्हीं जीवन मूल्यों के सहारे उन्होंने सदियों से उत्पीड़ित समुदायों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए अपनी असंदिग्ध प्रतिबद्धता को कायम रखा होगा.
घटना नासिक ज़िले में स्थित आर्टिलरी सेंटर की है, जब अग्निवीरों का एक दल तोप से गोले दागने का अभ्यास कर रहा था तभी एक गोले के फटने से अग्निवीर गोहिल विश्वराज सिंह और सैफ़त शित गंभीर रूप से घायल हो गए.
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा 57 वर्ष के थे. उनका 90 प्रतिशत शरीर काम नहीं करता था. माओवादियों से कथित संबंध के आरोप में उन्हें 10 साल जेल में बिताने पड़े थे और इसी साल मार्च में अदालत ने उन्हें आरोपों से मुक्त किया था.
12 अक्टूबर, 2024 को देश में आरटीआई अधिनियम लागू होने के 18 वर्ष पूरे हुए हैं. सतर्क नागरिक संगठन की रिपोर्ट बताती है कि देश के सूचना आयोगों में चार लाख से अधिक शिकायतें लंबित हैं. सूचना आयुक्तों के पद रिक्त पड़े हैं और कई आयोग निष्क्रिय हो चुके हैं.
दुर्घटना तिरुवल्लूर में में हुई है. बताया गया है कि ट्रेन नंबर 12578 मैसूरु-दरभंगा एक्सप्रेस को मेन लाइन से गुजरने के लिए हरी झंडी दी गई थी. पर 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन लूप लाइन पर चली गई और वहां खड़ी एक मालगाड़ी के पिछले हिस्से से टकरा गई, जिसके चलते ये हादसा हुआ.
11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित सीएए के नियमों को गृह मंत्रालय ने 2024 के आम चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले अधिसूचित किया था. अब एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इसके लाभार्थियों की जानकारी सहज उपलब्ध नहीं है.