बस्तर के लिए लोकतंत्र क्या है? सरकार, मीडिया और कुछ एनजीओ के दावों से लगता है कि यहां विकास की ऐसी बयार आई हैं, जिसमें नागरिकों को ज़मीन पर ही मोक्ष मिल गया है.
शुरुआती अनुमान के अनुसार, केंद्र सरकार में कई हज़ार पद पांच साल या अधिक समय से खाली पड़े हैं.
1857 की बग़ावत के सदमे से अंग्रेज़ कभी उबर नहीं सके. भारतीयों के दमन और अपने औपनिवेशिक लक्ष्यों को पूरा करने के उद्देश्य से उन्होंने पुलिस एक्ट, 1861 बनाया, जो आज भी वर्तमान पुलिस प्रणाली का आधार बना हुआ है.
हम भी भारत की 19वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा कर रही हैं.
आईपीएल की नीलामी में खिलाड़ियों के करोड़ों रुपये में बिकने की सुर्ख़ियों के बीच बॉम्बे उच्च न्यायालय ने आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस टूर्नामेंट के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया है.
कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की मुख्य वजह 2013-14 में दुर्व्यवहार की विभिन्न घटनाओं को लेकर बर्खास्त किए गए आठ वर्कमैन का लंबित मुद्दे को बताया है.
शीर्ष अदालत ने नाराज़गी ज़ाहिर की कि गोवा, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, मिज़ोरम, मध्य प्रदेश और केंद्रशासित दमन एवं दीव तथा लक्षदीप के वकील वृद्धों की स्थिति से संबंधित याचिका की सुनवाई के दौरान उपस्थित ही नहीं हुए.
नौजवानों को हिंदू मुस्लिम टॉपिक की गोली दे दो, वो अपनी जवानी बिना किसी कहानी के काट देगा.
जन गण मन की बात की 188वीं कड़ी में विनोद दुआ आगामी बजट और उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई से यह भी पूछा कि वह क्यों नहीं चाहती कि मामले की सुनवाई जल्द हो.
सच तो ये है कि आप हिंदुओं के पक्ष में भी नहीं बोल रहे हैं. आप सिर्फ़ एक राजनीतिक दल के अघोषित प्रवक्ता बने हुए हैं. हिंदू-मुस्लिम तनाव पैदा करके आप उनके राजनीतिक हित साध रहे हैं.
केंद्रीय सूचना आयोग ने आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय पर जुर्माना नहीं लगाया क्योंकि उसके अधिकारियों ने आरटीआई आवेदन का जवाब देने में देरी के लिए माफी मांग ली है.
गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर अंकुश लगाने के न्यायिक आदेश पर अमल नहीं करने पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने तीनों सरकारों के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दाख़िल की है.
जिलाधिकारी की सोशल मीडिया पोस्ट पर भाजपा विधायक ने कहा करूंगा योगी-मोदी से शिक़ायत, उपमुख्यमंत्री बोले होगी उचित कार्रवाई.
साल 1921 में गांधीजी ने फ़ैज़ाबाद में निकले जुलूस में देखा कि ख़िलाफ़त आंदोलन के अनुयायी हाथों में नंगी तलवारें लिए उनके स्वागत में खड़े हैं. जिसकी उन्होंने सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी.