हसदेव में अडानी का पैंतरा: आदिवासी को फुसलाकर प्रतिरोध को बुझाते आदिवासी

छत्तीसगढ़ में कोयला खदानों के प्रति आदिवासियों के प्रतिरोध को थामने के लिए अडानी समूह ने उनके ही इलाके के निवासी कोऑर्डिनेटर बतौर नियुक्त किए हैं. वे गांवों में कंपनी का पक्ष रखते हैं, ग्रामीणों को बिना विरोध मुआवज़ा लेने और आंदोलन से दूर रहने के लिए राजी करते हैं. इसने आदिवासी समाज को विभाजित कर दिया है.

विचाराधीन क़ैदियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचना चाहिए

जेलों में बंद विचाराधीन बंदियों की रिहाई संबंधी प्रावधानों को लागू करने पर ज़ोर देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर एक भी पात्र व्यक्ति रिहा होने के अधिकार के बावजूद क़ैद में है, तो इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि अन्य 500 ​​या 5,000 कैदियों को रिहा किया गया.

नीति परामर्श निकाय की राष्ट्रपति से मांग, सरकारी कर्मियों के आरएसएस में शामिल होने पर फिर रोक लगे

नीति परामर्श निकाय- पीपुल्स कमीशन ऑन पब्लिक सेक्टर एंड पब्लिक सर्विस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर नौकरशाहों और सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस या किसी अन्य राजनीतिक रूप से संबद्ध संगठन से जुड़ने पर फिर से प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

लड्डू विवाद के बाद तिरुपति बोर्ड ने ग़ैर-हिंदुओं को हटाने, राजनीतिक बयानों पर रोक जैसे निर्णय लिए

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने लड्डू विवाद के बाद हुई पहली बैठक में मंदिर परिसर में नेताओं आदि की राजनीतिक बयानबाज़ी पर प्रतिबंध लगाने, प्रसाद के लड्डू के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले घी की खरीद और मंदिर कर्मियों में से ग़ैर-हिंदुओं को हटाने जैसे कई फैसले लिए हैं.

छत्तीसगढ़: भाजपा सरकार ने बस्तर के मूलवासी बचाओ मंच पर प्रतिबंध लगाया

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों सुरक्षा बलों के कैंप की ख़िलाफ़त करने वाले बस्तर के 'मूलवासी बचाओ मंच' पर पाबंदी लगाई है. आदिवासी नेताओं ने इस प्रतिबंध का विरोध करते हुए कहा कि सरकार को मंच के साथ संवाद करना चाहिए.

देश भर में पांच करोड़ से अधिक लंबित प्रकरण: चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के सामने प्रमुख चुनौती

सुप्रीम कोर्ट के प्रत्येक जज पर 2,575 केस, उच्च अदालत के हर जज पर 8,008 केस और निचली अदालतों के प्रति जज पर 2,218 केस की सुनवाई की ज़िम्मेदारी है. इस तरह देश प्रत्येक जज की डेस्क पर 2,427 प्रकरण लंबित पड़े हैं.

दिल्ली: वायु प्रदूषण से बिगड़े हालात के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सरकारों से जीआरएपी-4 को सख़्ती से लागू करने को कहा है. साथ ही यह जोड़ा है कि बिना अदालत की अनुमति के इसे नहीं हटाया जाएगा.

अर्जक संघ: हिंदी पट्टी में 1968 से ब्राह्मणवाद से लड़ता नास्तिकों का एक संगठन

अर्जक संघ मानवतावाद, बुद्धिवाद, वैज्ञानिक सोच और सभी के लिए समान शिक्षा की वकालत करता है, ताकि समाज से जाति का भेदभाव खत्म हो जाए. संगठन का मानना है कि समाज की सभी बुराइयों की जड़ ‘शिक्षा की कमी’ और ‘पाखंड’ (धार्मिक पाखंड) है.

विकास यादव ने जान का खतरा बताकर अदालत से सुनवाई में शामिल न होने की मांगी छूट

खालिस्तान समर्थक अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप की वजह से चर्चा में आए विकास यादव ने दावा किया है कि उनकी जान को खतरा है क्योंकि उनकी तस्वीरें, घर का पता और उनके ठिकानों की जानकारी सार्वजनिक हो चुकी हैं.

गुजरात: अनावश्यक एंजियोप्लास्टी के चलते दो मरीज़ों की मौत, आयुष्मान भारत के तहत हुई थी सर्जरी

गुजरात के एक अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी दो मरीज़ों की एंजियोप्लास्टी के बाद मौत हुई थी. मामले की जांच में पता चला है कि इन मरीजों को एंजियोप्लास्टी की ज़रूरत नहीं थी पर अस्पताल ने पैसा बनाने के उद्देश्य से इस सर्जरी की योजना बनाई थी.

देवांगना कलीता की केस डायरी से छेड़छाड़ से जुड़ी याचिका पर दिल्ली पुलिस को हाईकोर्ट का नोटिस

दिल्ली दंगा मामले में जून 2021 में तिहाड़ जेल से ज़मानत पर रिहा हुईं देवांगना कलीता केस डायरी को सुरक्षित रखने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने केस डायरी में ‘पूर्ववर्ती’ बयान जोड़े हैं और सबूतों से छेड़छाड़ की है.

‘भंगी’ और ‘नीच’ जैसे शब्द एससी-एसटी क़ानून लगाने का आधार नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के जस्टिस बीरेंद्र कुमार ने सरकारी अधिकारियों के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के चार आरोपियों को यह कहते हुए बरी किया है कि 'भंगी', 'नीच', 'भिखारी', ‘मंगनी’ शब्द जाति के नाम नहीं हैं.

झांसी: सरकारी अस्पताल में आग लगने के कारण 10 नवजात शिशुओं की मौत

झांसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने मीडिया को बताया कि एनआईसीयू के कर्मचारियों के अनुसार आग रात 10.30 से 10.45 बजे के बीच में लगी थी. 

बिहार: हाईकोर्ट ने शराबबंदी को उद्देश्य से भटका क़ानून बताया, कहा- पुलिस की मिलीभगत

बिहार में आठ साल पहले अप्रैल 2016 में शराबबंदी क़ानून लागू हुआ था. एक मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिसवालों समेत कई विभाग के अधिकारियों को यह क़ानून पसंद है क्योंकि इससे मोटी कमाई होती है