उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के विरोध में बीते तीन अक्टूबर को वहां के आंदोलित किसानों ने ज़िले में स्थित उनके पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था. आरोप है कि इस दौरान केंद्रीय मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद द्वारा अपनी किताब ‘सनराइज़ ओवर अयोध्याः नेशनहुड इन आर टाइम्स’ में कथित तौर पर ‘हिदुत्व’ की तुलना जिहादी आतंकी संगठनों से की गई है, जिसके बाद विवाद छिड़ गया है. भाजपा के अलावा ख़ुर्शीद को इस किताब के कारण अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा है.
अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा द्वारा बुलाए गए बंद में जगह-जगह भीड़ ने पथराव किया था, जिसके बाद वहां तनाव की स्थिति बढ़ने पर कर्फ्यू लगा दिया गया था. इस मामले में बोंडे के अलावा शहर के मेयर सहित कई स्थानीय भाजपा नेताओं को गिरफ़्तार किया गया था, जिन्हें बाद में ज़मानत मिलने पर छोड़ा गया.
त्रिपुरा में हो रही हिंसा के संबंध में मस्जिदों पर हमले और तोड़फोड़ के मामलों को कवर कर रहीं एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क की इन दो महिला पत्रकारों के ख़िलाफ़ एक स्थानीय विहिप नेता की शिकायत पर राज्य के कुमारघाट थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई है. शिकायत में दावा किया गया है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिलने के दौरान पत्रकारों ने हिंदू समुदाय और त्रिपुरा सरकार के ख़िलाफ़ भड़काऊ बातें कही थीं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,44,56,401 हो गई है और मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 4,63,852 हो गया है. विश्व में संक्रमण के 25.38 करोड़ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं और अब तक 51.07 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
वीडियो: बीते दिनों अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक साक्षात्कार में दावा किया कि भारत को ‘1947 में आज़ादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’ और ‘आज़ादी 2014 में मिली है’, जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई. पहले भी विवादास्पद बयान देती रहीं कंगना के इस बयान से एक बार फ़िर नया विवाद खड़ा हो गया है.
उत्तराखंड के जोखिमग्रस्त पारिस्थितिक क्षेत्रों में सड़कों, ख़ासकर राजमार्ग का निर्माण अनिवार्य तौर पर इस तरह से होना चाहिए कि ये भारत के लिए अपने ही पांव में कुल्हाड़ी मारने वाले न साबित हों.
मन्नू भंडारी को ‘नई कहानी’ आंदोलन के अग्रदूतों में से एक माना जाता था, जो एक हिंदी साहित्यिक आंदोलन था. वह स्वतंत्रता बाद के उन लेखकों में से एक थीं, जिन्होंने महिलाओं के बारे में लिखा तथा अपने लेखन में मज़बूत और स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में उन पर एक नई रोशनी डाली थी. अपने लेखन से उन्होंने महिलाओं के यौन, भावनात्मक, मानसिक और वित्तीय शोषण को भी चुनौती दी थी.
इतालवी कंपनी लियोनार्दो एसपीए और उसकी सहायक अगस्ता वेस्टलैंड को 2014 में 3,500 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनज़र प्रतिबंधित कर दिया गया था. सौदे को हासिल करने के लिए कंपनी द्वारा रिश्वत के आरोपों पर भारत ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए अगस्ता वेस्टलैंड के साथ अनुबंध को समाप्त कर दिया था.
पणजी के एक मॉल में होने वाले कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी के शो के आयोजकों ने बताया कि पांच सौ से अधिक लोगों द्वारा आत्मदाह की धमकी दिए जाने के बाद शो रद्द कर दिए गए हैं. बीते हफ़्ते विहिप और बजरंग दल द्वारा स्थानीय प्रशासन को धमकी देने के बाद छत्तीसगढ़ में फ़ारूक़ी का शो रद्द कर दिया गया था.
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों ने केंद्र सरकार पर संसद का मज़ाक उड़ाने का आरोप लगाया और उसकी मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि उसने आगामी शीतकालीन सत्र का इंतज़ार क्यों नहीं किया.
साल 2016 में भाजपा के पूर्व सांसद हुकुम सिंह ने दावा किया था कि 2013 के दंगों से प्रभावित शहरों में से एक कैराना से क़रीब 350 हिंदुओं को अपराधियों की धमकी मिली थी. इसके बाद शामली ज़िला प्रशासन ने एक सर्वेक्षण कर कहा था कि कथित जबरन वसूली की धमकी के बाद केवल तीन परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया था.
वीडियो: भारत के संविधान के अनुच्छेद 24 के अनुसार, 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के ख़तरे भरे कामों में रोज़गार पर नहीं लगाया जा सकता. इस अनुच्छेद में ख़तरे वाले कामों को कैसे परिभाषित किया गया है और सुप्रीम कोर्ट ने बाल श्रम पर क्या कहा है, समझा रही हैं अधिवक्ता अवनि बंसल.
वीडियो: मध्य प्रदेश के विमुक्त समुदायों पर आबकारी पुलिस के प्रभावों का अध्ययन किया गया है, जो अपनी सांस्कृतिक परंपराओं के एक हिस्से के रूप में महुआ पीते हैं. इससे संबंधित एक वीडियो द क्रिमिनल जस्टिस एंड पुलिस एकाउंटेबिलिटी प्रोजेक्ट ने जारी किया है. इसमें मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के बारे में बात की गई है. इसमें बताया गया है कि कैसे इस क़ानून का इस्तेमाल माफिया और बड़े बार तथा होटलों के ख़िलाफ़ न करके उत्पीड़ित जाति समूहों
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हम एक कल्याणकारी राज्य का हिस्सा हैं, उसके बावजूद लाभ इच्छित स्तर पर लाभान्वितों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. सम्मानजनक जीवन जीने की लोगों की आकांक्षाओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इनमें से ग़रीबी एक मुख्य चुनौती है.