देश भर में पांच करोड़ से अधिक लंबित प्रकरण: चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के सामने प्रमुख चुनौती

सुप्रीम कोर्ट के प्रत्येक जज पर 2,575 केस, उच्च अदालत के हर जज पर 8,008 केस और निचली अदालतों के प्रति जज पर 2,218 केस की सुनवाई की ज़िम्मेदारी है. इस तरह देश प्रत्येक जज की डेस्क पर 2,427 प्रकरण लंबित पड़े हैं.

दिल्ली: वायु प्रदूषण से बिगड़े हालात के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सरकारों से जीआरएपी-4 को सख़्ती से लागू करने को कहा है. साथ ही यह जोड़ा है कि बिना अदालत की अनुमति के इसे नहीं हटाया जाएगा.

अर्जक संघ: हिंदी पट्टी में 1968 से ब्राह्मणवाद से लड़ता नास्तिकों का एक संगठन

अर्जक संघ मानवतावाद, बुद्धिवाद, वैज्ञानिक सोच और सभी के लिए समान शिक्षा की वकालत करता है, ताकि समाज से जाति का भेदभाव खत्म हो जाए. संगठन का मानना है कि समाज की सभी बुराइयों की जड़ ‘शिक्षा की कमी’ और ‘पाखंड’ (धार्मिक पाखंड) है.

विकास यादव ने जान का खतरा बताकर अदालत से सुनवाई में शामिल न होने की मांगी छूट

खालिस्तान समर्थक अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप की वजह से चर्चा में आए विकास यादव ने दावा किया है कि उनकी जान को खतरा है क्योंकि उनकी तस्वीरें, घर का पता और उनके ठिकानों की जानकारी सार्वजनिक हो चुकी हैं.

गुजरात: अनावश्यक एंजियोप्लास्टी के चलते दो मरीज़ों की मौत, आयुष्मान भारत के तहत हुई थी सर्जरी

गुजरात के एक अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी दो मरीज़ों की एंजियोप्लास्टी के बाद मौत हुई थी. मामले की जांच में पता चला है कि इन मरीजों को एंजियोप्लास्टी की ज़रूरत नहीं थी पर अस्पताल ने पैसा बनाने के उद्देश्य से इस सर्जरी की योजना बनाई थी.

देवांगना कलीता की केस डायरी से छेड़छाड़ से जुड़ी याचिका पर दिल्ली पुलिस को हाईकोर्ट का नोटिस

दिल्ली दंगा मामले में जून 2021 में तिहाड़ जेल से ज़मानत पर रिहा हुईं देवांगना कलीता केस डायरी को सुरक्षित रखने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने केस डायरी में ‘पूर्ववर्ती’ बयान जोड़े हैं और सबूतों से छेड़छाड़ की है.

‘भंगी’ और ‘नीच’ जैसे शब्द एससी-एसटी क़ानून लगाने का आधार नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के जस्टिस बीरेंद्र कुमार ने सरकारी अधिकारियों के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के चार आरोपियों को यह कहते हुए बरी किया है कि 'भंगी', 'नीच', 'भिखारी', ‘मंगनी’ शब्द जाति के नाम नहीं हैं.

झांसी: सरकारी अस्पताल में आग लगने के कारण 10 नवजात शिशुओं की मौत

झांसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने मीडिया को बताया कि एनआईसीयू के कर्मचारियों के अनुसार आग रात 10.30 से 10.45 बजे के बीच में लगी थी. 

बिहार: हाईकोर्ट ने शराबबंदी को उद्देश्य से भटका क़ानून बताया, कहा- पुलिस की मिलीभगत

बिहार में आठ साल पहले अप्रैल 2016 में शराबबंदी क़ानून लागू हुआ था. एक मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिसवालों समेत कई विभाग के अधिकारियों को यह क़ानून पसंद है क्योंकि इससे मोटी कमाई होती है

राजनाथ सिंह का दावा: अग्निपथ योजना 158 संगठनों के सुझावों से लागू हुई; सेना अनजान

1 जुलाई 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में दावा किया था कि अग्निवीर योजना को 158 संगठनों से चर्चा के बाद लागू किया गया था. लेकिन रक्षा मंत्रालय ने आरटीआई आवेदन के जवाब में एक भी संगठन का नाम नहीं बताया, और कहा कि यह प्रश्न 'अस्पष्ट और काल्पनिक' है. 

यूपी: विधान मंडल में अधिकारियों के क़रीबियों को नौकरी, हाईकोर्ट ने ‘घोटाला’ बताया

उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद में प्रशासनिक पदों के लिए साल 2020-21 में परीक्षा हुई थी, जिसमें क़रीब 2.5 लाख लोगों ने आवेदन किया था. अब एक पड़ताल में सामने आया है कि इस परीक्षा में नियुक्त हर 5 में से 1 उम्मीदवार किसी अधिकारी या नेता के रिश्तेदार हैं.

उत्तराखंड में जलविद्युत परियोजनाओं को जलवायु परिवर्तन के चलते नुक़सान का ख़तरा: अध्ययन

क्लाइमेट रिस्क हॉराइजंस के अध्ययन में कहा गया है कि उत्तराखंड के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में 10,678 मेगावाट की क्षमता वाली कम से कम 15 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिसमें क़रीब 70 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और वे जगहें भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं की ज़द में आ सकती हैं.

महाराष्ट्र: बीड के चीनी उद्योगों पर अमेरिकी श्रम विभाग ने लगाया जबरन मजदूरी कराने का आरोप

अमेरिकी सरकार के श्रम विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि महाराष्ट्र के बीड में ‘श्रमिक नियमित रूप से बिना आराम के 12 से 14 घंटे तक खेतों में काम करते हैं और कुछ को 3-4 महीने तक बिना छुट्टी के काम करना पड़ता है.’

अभिव्यक्ति की आज़ादी का अर्थ दूसरों के ख़िलाफ़ ग़लत बोलने का अधिकार नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट

भाजपा की एक पूर्व नेता की कथित वैमनस्य बढ़ाने वाली टिप्पणी से जुड़े मामले को सुनते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी को दुर्व्यवहार करने का लाइसेंस नहीं देती, न ही इसमें दूसरों के ख़िलाफ़ ग़लत बोलने या आक्षेप लगाने का अधिकार शामिल है.

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