लोकसभा में वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह टिप्पणी की. इस बीच कांग्रेस, टीएमसी, द्रमुक, राकांपा सहित विपक्षी दलों ने अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोज़गारी पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था अवरोधों से जूझ रही है, हर जगह संकट की स्थिति है और सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है.
पंजाब विधानसभा ने साल 2018 में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के संबंध में दो विधेयकों को पारित किया था, जिसमें आरोपियों को उम्रक़ैद की सज़ा देने का प्रावधान किया गया है. उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि राष्ट्रपति इन कानूनों को तत्काल मंज़ूरी प्रदान करें.
वर्तमान भारतीय राजनीति में प्रत्येक दल ख़ुद का सफल फॉर्मूला ईजाद करने की कवायद में दूसरे दल से कुछ न कुछ उधार लेने की कोशिश कर रहा है. आज भारतीय लोकतंत्र कम हो रहे राजनीतिक विकल्पों और इन विकल्पों के अभाव में अपने आप को ही विकल्प समझ लेने वालों से भरा पड़ा है.
वीडियो: वरिष्ठ पत्रकार और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय की नई किताब ‘द डिमोलिशन एंड द वर्डिक्ट: अयोध्या एंड द प्रोजेक्ट टू रिकन्फिगर इंडिया’ हाल ही में आई है. इस किताब के ज़रिये राम जन्मभूमि-अयोध्या आंदोलन के भारत की राजनीति और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर नीलांजन से महताब आलम की बातचीत.
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई विपक्षी नेताओं ने शिकायत की है कि केंद्र सरकार या तो संतोषजनक जवाब नहीं दे रही है या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसी वजहों का हवाला देते हुए सवालों को ही हटा दिया जा रहा है.
रिथिंक आधार, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, बहुजन इकोनॉमिस्ट्स, पीयूसीएल, द इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन, एमकेएसएस और नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स सहित 14 संगठनों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि इससे सामूहिक तौर पर मताधिकार से वंचित किया जा सकता है.
पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 18 दिसंबर को कथित तौर पर बेअदबी का प्रयास करने के आरोप में एक व्यक्ति के हत्या के बाद 19 दिसंबर को इसी तरह कपूरथला निजामपुर गांव के गुरुद्वारे में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. हालांकि कपूरथला में हुई घटना में पुलिस ने बेअदबी किए जाने के आरोप से इनकार किया. दोनों घटनाओं में मृतकों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है.
कांग्रेस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और उनके परिवार पर ऐसी 18 एकड़ ज़मीन हड़पने का आरोप लगाया जो भूमिहीनों के लिए चिह्नित थी. कांग्रेस ने शर्मा को तत्काल पद से हटाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल से जांच कराने की भी मांग उठाई है.
आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड की बिक्री और उन्हें भुनाने के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक और केंद्र को साल 2018 में सौंपी गई रिपोर्ट का खुलासा करने की मांग की थी.
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता केएस शान और भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवास की हत्या केरल के अलाप्पुझा ज़िले में हुई. भाजपा ने अपने नेता की हत्या का आरोप एसडीपीआई पर लगाया है, जबकि एसडीपीआई की केरल इकाई ने आरोपों का खंडन किया है.
चुनाव आयोग को बीते 15 नवंबर को कानून मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा मतदाता सूची को लेकर एक बैठक लेने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. इस ‘असामान्य’ पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, क्योंकि चुनाव आयोग आमतौर पर अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के समाचार.
एक्सक्लूसिव: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी रिनिकी भूयां शर्मा द्वारा शुरू की गई कंपनी आरबीएस रिएल्टर्स द्वारा 'सीलिंग सरप्लस' भूमि का अधिग्रहण राज्य सरकार की भूमि आवंटन नीति पर सवाल खड़े करता है.
चुनाव आयोग को बीते 15 नवंबर को कानून मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एकल मतदाता सूची को लेकर एक बैठक लेने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. यह पत्र बहुत ही असामान्य था, क्योंकि चुनाव आयोग आमतौर पर अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.
बीते 15 नवंबर को चुनाव आयोग को क़ानून मंत्रालय का एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एकल मतदाता सूची को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. इस पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.