पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर अपनी अक्षम्य विफलता को छिपाने के लिए मोदी सरकार सैन्य बलों के शौर्य के पीछे छिप रही है. यह अपमानजनक और अस्वीकार्य है.
बीते मार्च में डीजी वंजारा और एनके अमीन ने सीबीआई की विशेष अदालत में एक याचिका दाखिल करते हुए उन्हें तत्काल इस मामले में बरी करने की मांग की थी. इससे पहले गुजरात सरकार ने सीबीआई को दोनों पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.
मालेगांव बम धमाके की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव अभियान पर लगी चुनाव आयोग की रोक गुरुवार सुबह से लागू हो गई है. आयोग ने उनके बयानों की कड़ी निंदा करते हुए भविष्य में इसे न दोहराने की चेतावनी दी है.
लोकसभा चुनाव में वाराणसी से प्रत्याशी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में सैनिकों और शहीदों का लगातार ज़िक्र कर रहे हैं. वाराणसी ज़िले के ही तोफापुर गांव के सीआरपीएफ जवान रमेश यादव पुलवामा हमले में शहीद हुए थे. चुनाव में प्रधानमंत्री और भाजपा द्वारा सेना और पुलवामा हमले के इस्तेमाल पर क्या सोचते हैं शहीद के परिजन और ग्रामीण.
नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने कहा कि मेरा नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है. मुझे सबूत देने के लिए कहा गया था, मैंने सबूत दिए भी. इसके बावजूद मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. हम इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
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भाजपा के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि भारत में नए रोज़गार चाहने वालों की संख्या बहुत अधिक है. इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को नई सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती. इसीलिए हमारा ज़ोर उद्यमिता और स्व-रोज़गार पर है.
केंद्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि शौर्य डोभाल को उनके पिता के विरोधियों से ख़तरा है, इसलिए ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई. उनके अलावा पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे भाजपा के कई उम्मीदवारों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.
अगर भाजपा पिछली बार जीती गई 282 सीटों से कम सीटें पाती है, तो पार्टी को सहयोगियों की ज़रूरत होगी. समीकरण जैसे भी बनें, यह निश्चित है कि अगली सरकार गठबंधन की या खिचड़ी सरकार होगी, जिसे मोदी बिल्कुल पसंद नहीं करते.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित रूप से कहा था कि विपक्षी दल लोकसभा की उन सीटों से अपने नेताओं को खड़ा करने से डरता है जहां बहुसंख्यकों का प्रभुत्व है.
आज भारतीय राजनीति एक ऐसे दौर में है जब कोई भी राजनीतिक पार्टी मुस्लिम समुदाय की बात नहीं करना चाहती. वे राजनीतिक रूप से अछूत बना दिए गए हैं. अब उनका इस्तेमाल बहुसंख्यक आबादी को वोट बैंक में तब्दील करने के लिए किया जा रहा है.
द वायर एक्सक्लूसिव: एक जुलाई, 2017 को कृषि कल्याण सेस ख़त्म कर दिया गया था, लेकिन आरटीआई से मिली जानकारी बताती है कि जनता से अब भी यह टैक्स वसूला जा रहा है.
गंगा सफाई के लिए मिली राशि पर मोदी सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये का ब्याज कमाने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण खबरें
पुुदुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के बीच अधिकारों को लेकर लंबे समय से टकराव चल रहा है. इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी और कहा गया था कि सरकार के दैनिक कामकाज में उपराज्यपाल का दख़ल केंद्र शासित प्रदेश प्रतिनिधित्व अधिकार के ख़िलाफ़ है.
देश के ग़रीब प्रधानमंत्री ने चुनावी ख़र्चे का इतिहास ही बदल दिया है, इसलिए कॉरपोरेट को भी ज्यादा चंदा देना होगा. कॉरपोरेट नहीं बताना चाहते हैं कि वे किसे और कितना चंदा दे रहे हैं. उनकी सुविधा के लिए प्रधानमंत्री ने इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने का चतुर क़ानून बनाया और बड़ी आसानी से जनता को बेच दिया कि चुनावी प्रक्रिया को क्लीन किया जा रहा है.