नरेंद्र मोदी सरकार कई अहम मोर्चों, मसलन रोज़गार और निवेश पर नाकाम रही है. जैसा कि हमने उत्तर प्रदेश और अब गुजरात में देखा, जब बाकी सारी चीज़ें चुक जाती हैं, तब हिंदुत्व काम आता है.
विशेष सीबीआई अदालत ने क़ैद के साथ 10 लाख रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया.
राष्ट्रीय किसान मंच ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार किसान विरोधी है, किसानों के मुद्दे उठाने से रोक रही है. पंजाब में सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं पूर्व मुख्यमंत्री बादल के गृह ज़िले में.
गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर ख़ालिद ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में भड़काऊ भाषण देने के आरोपों को नकारा.
सीताराम येचुरी ने कहा, कृषि विकास दर 4.5 प्रतिशत से घटकर 2.1 प्रतिशत हुई, किसान आत्महत्याएं ख़तरनाक स्तर पर पहुंचीं, क़र्ज़माफ़ी सिर्फ़ बड़े कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स के लिए.
महाराष्ट्र में पुणे ज़िले के भीमा-कोरेगांव के लोगों ने हिंसा के लिए बाहरी लोगों को दोषी बताया, मुआवज़े की मांग, भिड़े का हिंसा में शामिल होने से इनकार.
विपक्ष ने कहा, तलाक़ एक दीवानी मामला, यह फौज़दारी अपराध नहीं हो सकता. इसे आपराधिक जुर्म बनाने का उद्देश्य महिलाओं का संरक्षण नहीं, मुस्लिमों को प्रताड़ित करना और राजनीतिक लाभ लेना है.
बाबा साहब आंबेडकर के पोते ने भाजपा पर साधा निशाना. कहा- यह सरकार दोबारा आई तो हम जो बात कर रहे हैं, यह करने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा.
जन गण मन की बात की 176वीं कड़ी में विनोद दुआ विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर चर्चा कर रहे हैं.
अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा, भगवा रंग उजाले, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है, यह भगवान का तोहफ़ा है.
बैंकों ने 200 रुपये के नये नोट के लिए एटीएम मशीनों को पुनर्व्यवस्थित करना शुरू किया, ख़र्च होंगे 120 करोड़ रुपये.
संसद की स्थायी समिति ने कहा, लक्जरी ट्रेनें 70 प्रतिशत ख़ाली सीटों के साथ क्यों चलाई जा रही हैं. यात्रियों की कमी के मामले को गंभीरता से न लेने के लिए रेल मंत्रालय की आलोचना की.
लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्ष की अवधि के दौरान बैंकों के 2,30,287 करोड़ रुपये के क़र्ज़ को बट्टे खाते में डाल दिया गया.
शीतकालीन सत्र की 13 बैठकों के दौरान 41 घंटे से अधिक समय तक उच्च सदन की कार्यवाही चली तो हंगामे के कारण कामकाज के 34 घंटों का नुकसान हुआ.
विशेष साक्षात्कार: पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा से मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों, कृषि संकट और बेरोज़गारी जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु.