अखिलेश ने कहा, बसपा प्रमुख ने ईवीएम पर उठाए सवाल, सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए.
अमित शाह ने जीत के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस, नरेंद्र मोदी को बताया आज़ादी के बाद भारत का सबसे लोकप्रिय नेता.
इरोम पीपुल्स रिइंसर्जेंस एंड जस्टिस अलाएंस नाम की पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरी थीं. इरोम से ज़्यादा नोटा को मिले वोट.
मायावती ने आरोप लगाया, 'वोटिंग मशीन ने बीजेपी के सिवाय किसी दूसरी पार्टी के वोट को स्वीकार नहीं किया है. या फिर अन्य पार्टियों के वोट भी बीजेपी के खाते में चले गए हैं.'
देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजे की गिनती शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के साथ मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में भी वोटों की गिनती का काम चल रहा है. देश के राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से ये राज्य बेहद महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में इन पर सबकी निगाहें हैं. इन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम को आगामी आम चुनाव के लिहाज से सेमीफाइनल माना जा रहा है. एक्ज़िट पोल्स में पंजाब को छोड़कर
‘जन की बात’ की 16वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव पर चर्चा कर रहे हैं.
चुनाव संपन्न होने के बाद चैनलों और एजेंसियों ने एक्ज़िट पोल सर्वे पेश किए तो फेसबुकिए क्यों पीछे रहते, उन्होंने भी गहन मंथन किया.
यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर कोई जानना चाह रहा है. अब तक यह सवाल आपसे इतनी बार पूछा जा चुका होगा कि आपको जवाब रट गया होगा. फिलहाल अगले कुछ घंटे आप इन समीकरणों पर भी विचार कीजिए.
शीर्ष अदालत ने कहा, यह मीडिया की स्वतंत्रता और आज़ादी को सीमित करने का चोरी-छिपे किया जा रहा प्रयास है. यह मीडिया पर हमला है.
यह तो साफ है कि दैनिक जागरण द्वारा उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले चरण के ठीक बाद उस एग्ज़िट पोल का प्रकाशन भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए बनाई गयी एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था, पर इस ‘चुनावी पटकथा’ का लेखक कौन था, इस पर अब तक रहस्य बना हुआ है.
भोपाल में पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी के लिए काम करने वाले 11 भाजपा कार्यकर्ता पकड़े गए हैं. उन आरोपियों के माता-पिताओं ने उनसे अपना नाता तोड़ लिया है? अगर नहीं, तो वे माता-पिता, भारतीय होने के नाते, क्या अब नाज़ करने के क़ाबिल नहीं रहे, क्योंकि उनकी संतानें 'ग़द्दार' निकलीं?
'मिले मुलायम काशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम', क़रीब ढाई दशक पहले भाजपा का रथ रोकने वाले इस नारे के फिर से वजूद में आने के संकेत मिले हैं.
संसदीय समिति ने देश के रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पर कड़ी टिप्पणी की है. समिति ने कहा कि रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमलों के बावज़ूद सरकार ने इसे रोकने के लिए ज़रूरी कदम नहीं उठाए हैं.
गृह मंत्री ने लोकसभा में बजट सत्र के दौरान कहा, ‘मैं सैफ़ुल्लाह के पिता के प्रति सरकार की तरफ से सहानुभूति व्यक्त करता हूं... बेटे की देशद्रोही हरकतों के कारण उन्हें उसे खोना पड़ा.’
क्या ज़्यादातर न्यूज़ चैनलों ने चुनाव के दिन जान-बूझकर ‘आईएसआईएस के कथित इंदौर-उज्जैन या लखनऊ मॉड्यूल’ का हौव्वा खड़ा किया ताकि मतदान को प्रभावित किया जा सके!