झारखंड में आधार लिंक न होने के चलते राशन नहीं मिलने से अक्टूबर महीने में कथित तौर पर भूख से तीन मौतें हो चुकी हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: सरकारी दावों के इतर झारखंड में ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि आधार और नेटवर्क जैसी तकनीकी दिक्कतों और प्रशासन की लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में गरीब-मज़दूर भूख से जूझने को विवश हैं.
मराठवाड़ा के नांदेड ज़िले का एक अन्य किसान क़र्ज़ की वजह से परेशान था, वहीं ओडिशा में आत्महत्या करने वाले किसान की फसल ख़राब हो गई थी.
जन गण मन की बात की 142वीं कड़ी में विनोद दुआ भाजपा द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी का जश्न मनाते हुए कालाधन विरोधी दिवस मनाने और महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज़ माफ़ी में हुए फर्ज़ीवाड़े पर चर्चा कर रहे हैं.
ताजमहल को कलंक बताने वालों को समझ नहीं आता कि इतिहास के 800 साल हटाने पर हिंदुस्तान में जो बचेगा, वह अखंड नहीं बल्कि खंडित भारत होगा.
स्टार प्लस ने अपने नए शो द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में शामिल हुए राजस्थान के कॉमेडियन श्याम रंगीला के मोदी के मिमिक्री वाले एक्ट का प्रसारण नहीं किया.
हम भी भारत की छठी कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी लव जिहाद और केरल की हादिया मामले पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण और वरिष्ठ पत्रकार नेहा दीक्षित के साथ चर्चा कर रही हैं.
समाजवाद में मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में घरों से भगा दिए गए परिवारों के बच्चे कैंपों में ठंड से मर रहे थे वहीं रामराज में बच्चे अस्पताल में मर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 141वीं कड़ी में विनोद दुआ गुजरात विधानसभा चुनाव और सरकारी बैंकों में पूंजी निवेश पर चर्चा कर रहे हैं.
कांग्रेस ने कहा, जेटली अर्थव्यवस्था की गलत तस्वीर पेश कर देश को गुमराह कर रहे, कालाधन विरोधी दिवस मनाने की बजाय देश को आहत करने के लिए माफ़ी मांगें.
जिस टीपू सुल्तान की पहचान बहादुर शासक के तौर पर होती रही है उसे अब एक धड़े द्वारा क्रूर, सांप्रदायिक और हिंदू विरोधी बताया जा रहा है.
जन गण मन की बात की 140वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था पर अरुण जेटली की प्रेस कॉन्फ्रेंस और गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रो-रो फेरी सेवा शुरू करने पर चर्चा कर रहे हैं.
लोढ़ा कमेटी के मुताबिक दोनों को पद छोड़ देना चाहिए, लेकिन एसोसिएशन में शाह परिवार का दबदबा कायम है.
राहुल गांधी ने कहा, नरेंद्र मोदी जी ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया. इससे छोटे दुकानदार समाप्त हो गए हैं और लाखों युवक बेरोज़गार हो गए हैं.
भारत के इतिहास को सेक्युलर और मार्क्सवादी इतिहासकारों द्वारा गढ़ा बताने वाले ओक दावा करते हैं कि क्रिश्चियनिटी और इस्लाम ‘वैदिक’ विश्वासों की विकृतियों के तौर पर पैदा हुए हैं.