दृष्टिहीन को दया नहीं बराबरी का मौका चाहिए. एक सामाजिक मुद्दे पर बेहद गंभीरता और शालीनता से बनी यह फिल्म प्रेरणा देती है.
पेशे से डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक थे और अपनी संस्था के माध्यम से वह अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाते थे. 20 अगस्त, 2013 को पुणे में दो बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी.
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा पहले ही मुस्लिम विरोधी अभियान चला रही है. पीएम-ईएसी की रिपोर्ट आने के बाद मीडिया इसके कुछ हिस्सों का हवाला देकर सनसनीख़ेज़ ख़बरें चला रहा है, जो भाजपा की झूठी कहानी को आगे बढ़ाने जैसा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने एक चुनावी रैली में मुसलमानों को 'ज़्यादा बच्चा पैदा करने वाले' कहा था.
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि वैवाहिक कर्तव्यों के प्रति उदासीनता ने संभवतः लिव-इन रिश्तों को जन्म दिया है. यह भारतीय सिद्धांतों के विपरीत एक आयातित सोच है.
छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िला स्थित छिंदबहार गांव के निवासी ईश्वर कोर्राम की मृत्यु अप्रैल के अंतिम सप्ताह में हुई थी, लेकिन ग्रामीणों ने यह कहकर गांव में उनका अंतिम संस्कार नहीं होने दिया कि वह ईसाई धर्म अपना चुके थे. इस तरह के मामले पूरे छत्तीसगढ़ से सामने आ रहे हैं, जहां ईसाई आदिवासियों की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार होने से रोका जा रहा है.
कथा-लेखन की इस वार्षिक कार्यशाला ने बहुत कम समय में अपनी जगह बना ली है, और इस भ्रान्ति को भी तोड़ दिया है कि लेखकीय प्रतिभा जन्मजात होती है, उसे सिखाया नहीं जा सकता.
मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा संचालित एक अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा सेलफोन टॉर्च का उपयोग करके सिजेरियन डिलीवरी करने के बाद एक गर्भवती और उसके शिशुकी मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि प्रसूति गृह में बिजली चली गई और तीन घंटे तक जेनरेटर चालू नहीं किया गया.
कर्नाटक के चिक्काबल्लापुरा ज़िले का मामला. आदि कर्नाटक समुदाय से आने वाली एक महिला की मृत्यु के बाद स्थानीय मंदिर के पदाधिकारियों ने उनके परिजनों को अंतिम संस्कार की अनुमति देने से पहले 25,000 रुपये देने को कहा था. परिवार के क़र्ज़ लेकर 3,000 रुपये चुकाने के बाद उन्हें अंतिम संस्कार करने दिया गया.
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन. आनंद वेंकटेश ने अपने ही एक पुराने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर कोई गलती करता है और एक बार जब आपको पता चल जाए कि गलती हो गई है, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप तुरंत इस तथ्य को स्वीकारें कि आपने गलती की है और इसे बदलने का प्रयास करें.
कर्नाटक के बेलगावी में रविवार को युवकों के एक समूह ने मवेशी ले जा रहे एक ट्रक को रोका और ड्राइवर से मारपीट की. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में यह भीड़ 'जय श्री राम' के नारे लगाती नज़र आ रही है.
भोपाल से प्रकाशित बच्चों की मासिक पत्रिका 'चकमक' हिंदी की अब तक की इकलौती 'बाल विज्ञान पत्रिका' है. इसका एक स्तंभ है- 'क्यों क्यों '. इसमें बच्चों से हर महीने एक सवाल पूछा जाता है और अगले महीने उसके जवाब प्रकाशित किए जाते हैं.
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महाराष्ट्र के नागपुर में रामनवमी जुलूस के दौरान झंडा फाड़ने की अफवाह पर दो समूह आपस में भिड़ गए और एक-दूसरे पर पथराव किया. वहीं, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी के दौरान झड़पों में पुलिसकर्मियों सहित 18 लोग घायल हो गए.
पुस्तक समीक्षा: डॉ. बीआर आंबेडकर की पत्नी डॉ. सविता आंबेडकर की मूल रूप से मराठी में लिखी गई आत्मकथा का अंग्रेज़ी अनुवाद 'बाबासाहेब माई लाइफ विद डॉ. आंबेडकर' के नाम से आया है. यह किताब बाबासाहेब को विशिष्ट विद्वेता या युगांतरकारी छवि से उतारकर एक सामान्य, गृहस्थ के तौर पर सामने रखती है.
प्रासंगिक: अपनी किताब ‘वेटिंग फॉर अ वीज़ा’ में भीमराव आंबेडकर ने 1901 में कोरेगांव यात्रा के दौरान हुए छुआछूत के कटु अनुभव पर विस्तार से चर्चा की है.