केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में बताया कि 2021-22 में छह दिसंबर 2021 की स्थिति के अनुसार 32,147 आरटीआई अनुरोध लंबित थे. इससे पहले सतर्क नागरिक संगठन द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि केंद्रीय सूचना आयोग में अपील/शिकायत के निपटारे के लिए औसतन एक साल 11 महीने का समय लग रहा है.
यौनकर्मियों को राशन मुहैया कराने को लेकर दिए गए निर्देश का पालन न करने पर कोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि गरिमा का अधिकार एक मौलिक हक़ है जो देश के प्रत्येक नागरिक को उसके व्यवसाय की परवाह किए बिना दिया जाना चाहिए.
गुजरात हाईकोर्ट ने वडोदरा के एक शख्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया. आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के अपवाद-2 में कहा गया है कि एक पुरुष का अपनी पत्नी के साथ उसकी सहमति के बिना यौन संबंध बनाना ‘बलात्कार’ नहीं है.
कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान यह विवादित टिप्पणी की. सदन की कार्यवाही के इस वीडियो में कुमार की इस टिप्पणी पर विधानसभा अध्यक्ष को हंसते देखा जा सकता है. बैकग्राउंड में अन्य विधायकों को भी हंसते सुना जा सकता है.
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने पूछा गया था कि देश में भीड़ द्वारा पिछले पांच वर्षों में कितने मुस्लिमों और दलितों पर सार्वजनिक रूप से हमला किया गया या गंभीर रूप से घायल किया गया है, जिनकी इसकी वजह से मौत हो गई. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि पुलिस और लोक व्यव्यवस्था राज्य के विषय हैं.
वीडियो: आगामी चुनावों के कारण उग्र राजनीतिक हितों के बीच उत्तराखंड में भाजपा नेतृत्व अब भूमि जिहाद के अपने सिद्धांत के नाम पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर रही है. द वायर ने इस मुद्दे और भाजपा के लिए इसके महत्व के बारे में विशेषज्ञों से बातचीत की.
दरांग ज़िले की 55 वर्षीय महिला को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने साल 2016 में भारतीय बताया था लेकिन 2021 में उन्हें इसी ट्रिब्यूनल ने 'विदेशी' घोषित कर दिया. इसके बाद से वे 19 अक्टूबर से तेजपुर जेल में बने डिटेंशन केंद्र में बंद हैं. कोर्ट ने 2021 के निर्णय को ख़ारिज करते हुए कहा कि दोनों फ़ैसलों में याचिकाकर्ता की पहचान समान है और एक ही व्यक्ति के संबंध में दूसरी राय क़ायम नहीं रखी जा सकती.
इससे पहले जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से आतंकी हमलों में मरने वाले नागरिकों की संख्या बढ़ने की बात सामने आई थी. केंद्र ने बताया था कि मई 2014 से पांच अगस्त 2019 के बीच हुए आतंकी हमलों में 177 नागरिक मारे गए थे. उसके बाद नवंबर 2021 तक 27 महीनों में 87 नागरिकों की मौत हुई. इनमें से 40 से अधिक की मृत्यु इसी साल हुई है.
केरल हाईकोर्ट मलयाली एलजीबीटीआईक्यू समुदाय के ‘क्वीराला’ और लिंग-परिवर्तन से गुज़रे एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस व्यक्ति ने उसका जबरन लिंग-परिवर्तन किए जाने का आरोप लगाया है. अदालत ने केरल सरकार को लिंग परिवर्तन संबंधी प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया है.
केरल के तिरुवनंतपुरम ज़िले के पोथनकोड इलाके में बीते 11 दिसंबर को 12 हमलावरों ने एक शख़्स की हत्या कर उसका पैर काट दिया था. ये शख़्स हत्या के आरोप में वांछित था. अस्पताल में इलाज के दौरान इसकी मौत हो गई थी. अदालत ने कहा कि हमलावर संभवत: नशीले पदार्थों के आदी रहे होंगे. हम किस दिशा में बढ़ रहे हैं.
‘पाकिस्तान फूड फेस्टिवल’ गुजरात के सूरत स्थित ‘टेस्ट ऑफ़ इंडिया’ रेस्टोरेंट में 12 से 22 दिसंबर के बीच आयोजित किया जाना था. अभी इस संबंध में कोई मुक़दमा दर्ज नहीं किया गया है. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बताया कि रेस्तरां के मालिक ने माफ़ी मांग ली है.
गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के तहत मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी के वडोदरा में संचालित एक शेल्टर होम के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, संगठन ने धर्मांतरण के आरोपों से इनकार किया है. आरोप है कि संगठन के शेल्टर होम में रह रहीं लड़कियों को ईसाई धर्म के ग्रंथों को पढ़ने और इसकी प्रार्थनाओं में भाग लेने को मजबूर किया जा रहा था.
बिहार के औरंगाबाद ज़िले के अंबा थाना क्षेत्र का मामला है. आरोपी बलवंत सिंह ने डुमरी पंचायत के मुखिया पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आरोपी कथित तौर पर कुछ लोगों को ज़मीन पर थूकने और चाटने के लिए मजबूर करते, जूतों से पीटते हुए जातिसूचक अपशब्द कहते नज़र आ रहे हैं.
साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्वामित्व योजना' की शुरुआत की थी. तब बताया गया था कि ग्रामीण ज़मीनों का सर्वेक्षण करने के बाद उनका मालिकाना हक़ ग्रामीण आबादी को दिया जाएगा. इस साल जुलाई में संसद में बताया गया कि दिल्ली की ग्रामीण क्षेत्र में यह योजना लागू नहीं होगी, जिसके बाद से यहां के लोगों ने केंद्र की इस उपेक्षा पर सवाल उठाए हैं.
राष्ट्रमंडल देशों में रहने वालों के अधिकारों के लिए काम करने वाली ग़ैर-सरकारी संस्था कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव ने हाल ही में सुरक्षा बलों के हाथों 14 नागरिकों की मौत को लेकर राज्य में तत्काल मानवाधिकार आयोग के गठन की मांग की है.