झारखंड: आश्रयगृह में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और उत्पीड़न के मामले में जांच के आदेश

मामला जमशेदपुर ज़िले के राज्य पंजीकृत महिला आश्रयगृह का है, जहां दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर चार सालों से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के अनुसार, मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है और आश्रयगृह के बच्चों को स्थानांतरित किया जा रहा है.

आसाराम की ज़मानत याचिका के ख़िलाफ़ पीड़िता के पिता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, कहा- परिवार को ख़तरा

जोधपुर की एक अदालत ने साल 2018 को आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार करने का दोषी पाने के बाद उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. अब आसाराम ने अपनी विभिन्न बीमारियों का हवाला देते हुए याचिका दायर कर सज़ा निरस्त करने और अंतरिम ज़मानत की मांग की है.

मेघालय: बारह दिनों से खदान में फंसे हैं पांच श्रमिक, सरकार ने नौसेना से मदद मांगी

मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स ज़िले के एक अवैध कोयला खदान में पांच श्रमिक बीते 31 मई से फंसे हुए हैं. ज़िला प्रशासन ने बताया कि खदान में पानी भरा हुआ है और बचावकर्मी जलस्तर कम होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अवैध खनन के आरोप में खदान के मालिक को गिरफ़्तार किया गया है.

दो दशक में पहली बार दुनियाभर में बाल श्रमिकों की संख्या बढ़ी, कोविड के चलते बढ़ेगा जोखिम: रिपोर्ट

आईएलओ और यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में बाल मज़दूरों की संख्या 16 करोड़ हो गई है. यह चेतावनी भी दी गई है कि कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप 2022 के अंत तक वैश्विक स्तर पर 90 लाख और बच्चों को बाल श्रम में धकेल दिए जाने का ख़तरा है.

घृणा और हिंसा के प्रति समाज के रवैये से उसकी सभ्यता का स्तर मालूम होता है

मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा सिर्फ भारत में नहीं है. यह एक प्रकार की विश्वव्यापी बीमारी है और यह कनाडा में भी पाई जाती है. लेकिन इस हिंसा पर समाज, सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया क्या है, कनाडा और भारत में यही तुलना का संदर्भ है.

हमारा संविधान: अनुच्छेद-17 और 18, अस्पृश्यता और उपाधियों का उन्मूलन

वीडियो: संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत जातिवाद के आधार पर होने वाली छुआछूत या अस्पृश्यता के भेदभाव को गैर-संविधानिक माना गया है. वहीं, अनुच्छेद 18 के तहत सभी प्रकार की उपाधि देने की व्यवस्था को ख़त्म कर दिया गया. इनके बारे में विस्तार से बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के फैसले का मूल्यांकन करना अदालत का काम नहीं: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही 17 साल की लड़की और 20 साल के लड़के को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देते हुए कहा है कि उत्तर भारत में ख़ासकर हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ‘ऑनर किलिंग’ की घटनाएं होती रहती हैं, ऐसे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी राज्य की है.

समान नागरिकता की मांग पर देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को गिरफ़्तार किया गया: पिंजरा तोड़

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में बीते साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा होने के आरोप में महिला संगठन पिंजड़ा तोड़ की नताशा नरवाल और देवांगना कलीता की गिरफ़्तारी के एक साल पूरे हो चुके हैं. इसे लेकर हुए कार्यक्रम में कहा गया कि यह उन आवाज़ों को दबाने का तरीका है, जो सरकार को पसंद नहीं है.

कार्बी-आंगलोंग प्रादेशिक परिषद के तहत भूमि हस्तांतरण स्वीकार्य नहीं: एनएससीएन-आईएम

नगा संगठन एनएससीएन-आईएम ने कार्बी-आंगलोंग स्वायत्त प्रादेशिक परिषद को अंतिम रूप देने की केंद्र और असम सरकार की प्रस्तावित योजना को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि यह असम में रेंगमा नगाओं की पैतृक भूमि को अलग करती है. उन्होंने यह भी कहा कि यह भारत सरकार और उनके संगठन के बीच हुई नगा शांति वार्ता का महत्वपूर्ण एजेंडा भी है, जिस पर अंतिम निर्णय लंबित है.

क्या हिंदू समाज हत्यारों का साझीदार हुआ?

यह भारत का सामाजिक स्वभाव बनता जा रहा है कि मुसलमानों को खुलेआम मारा जा सकता है, उनके ख़िलाफ़ हिंसक प्रचार किया जा सकता है और पुलिस-प्रशासन से लेकर राजनीतिक दलों तक कोई भी इसे गंभीर मामला मानने को तैयार नहीं.

पुलिस प्रताड़ना के ख़िलाफ़ कोर्ट का आदेश, कहा- एलजीबीटी समुदाय को हाशिए पर नहीं छोड़ सकते

पुलिस प्रताड़ना के ख़िलाफ़ दो समलैंगिक महिलाओं द्वारा दायर याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि एलजीबीटी समुदाय के संबंधों के प्रति समाज में परिवर्तन की ज़रूरत है. असली समस्या क़ानूनी मान्यता की नहीं बल्कि सामाजिक स्वीकृति की है. हमारा मानना है कि सामाजिक स्तर पर बदलाव होने चाहिए.

यूएन के 17 सतत विकास लक्ष्यों में दो रैंक नीचे पहुंचा भारत, नेपाल-बांग्लादेश से पीछे

संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों की ओर से 2015 में 2030 एजेंडा के रूप में अपनाए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों में पिछले साल भारत 115वें स्थान पर था. हालिया रिपोर्ट में यह दो पायदान नीचे आया है, जहां इसका स्थान चार और दक्षिण एशियाई देशों- भूटान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश के बाद है.

त्रिपुरा: विवाहेतर संबंध की अफ़वाह के बाद महिला की मौत के मामले में एसआईटी जांच के आदेश

बीते चार मई को स्थानीय व्यापारी के साथ संबंध की अफ़वाहों को लेकर ग्रामीणों द्वारा अपमानित और मारपीट के बाद एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी. इसके क़रीब दो सप्ताह बाद अवसाद से जूझ रहे उनके पति ने भी आत्महत्या कर ली. हाईकोर्ट ने एसआईटी का गठन करते हुए दोनों मामलों की जांच रिपोर्ट देने को कहा है.

उत्तर प्रदेशः अधिकारियों के साथ बैठक में दलित ग्राम प्रधान को कुर्सी से खींचा, एफआईआर दर्ज

घटना महोबा की है, जहां हाल ही में ग्राम प्रधान बनीं एक दलित महिला ने आरोप लगाया है कि गांव के पंचायत भवन में ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. उन्हें कुर्सी से उतरने को कहते हुए जातिसूचक टिप्पणियां भी की गईं.

हाईकोर्ट के लिव-इन संबंध को अस्वीकार्य बताने के बाद शीर्ष अदालत से युवक-युवती को मिली सुरक्षा

पिछले महीने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे युवक-युवती को सुरक्षा देने से इनकार करते हुए कहा था कि यह नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है. शीर्ष अदालत ने इस आदेश को ख़ारिज करते हुए पुलिस से याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा देने को कहा है.

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