अप्रैल 2019 में बिश्वनाथ ज़िले के 48 वर्षीय शौक़त अली को भीड़ ने उनकी दुकान पर पका हुआ गोमांस बेचने के आरोप में पीटा था और सुअर का मांस खिलाया था. एनएचआरसी ने असम सरकार को अली के मानवाधिकार उल्लंघन के लिए एक लाख रुपये मुआवज़ा देने का आदेश दिया है.
मामला जालना ज़िले का है. परिजनों का दावा है कि लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद के कारण 4 सितंबर को दो भाइयों, 22 वर्षीय राहुल बोराडे और 25 वर्षीय प्रदीप बोराडे की अनुसूचित जनजाति के पचास से अधिक लोगों की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई.
मामला बरेली ज़िले के शाही थाना इलाके के एक गांव का है. कुछ लोगों ने युवक के साथ कथित तौर पर दूसरी जाति की एक लड़की को देख लिया था. पीड़ित की शिकायत पर गांव प्रधान के पति समेत 13 लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
पद्म विभूषण से सम्मानित देश की प्रख्यात कलाविद् एवं राज्यसभा की पूर्व मनोनीत सदस्य कपिला वात्स्यायन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक सदस्य और इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की आजीवन ट्रस्टी भी थीं.
कोरोना महामारी के रोकथाम के मद्देनज़र देश में सिनेमाघर बंद हैं. मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार से इन्हें खोलने की अपील करते हुए कहा है कि इस क्षेत्र को पिछले छह महीने में 9,000 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है.
बस्तर में हर साल दशहरे के पर्व पर एक आठ पहियों का रथ निकलता है, जिसे ककालगुर गांव की लकड़ी से तैयार किया जाता है. इस बार यहां के ग्रामीणों ने सदियों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन करने से इनकार कर दिया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग में एडहॉक शिक्षक डॉ. ऋतु सिंह ने दावा किया है कि बीते अगस्त महीने में पढ़ाने के लिए उनकी जॉइनिंग हो गई थी, लेकिन जातिगत आधार पर उन्हें पढ़ाने से मना कर दिया गया. वहीं कॉलेज की प्रिंसिपल का कहना है कि अगर ऐसा है तो वे प्रमाण दिखाएं. विवाद के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने डीयू के कुलपति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
सुदर्शन न्यूज़ के बिंदास बोल कार्यक्रम के 'नौकरशाही जिहाद' एपिसोड के प्रसारण को रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत होने के नाते यह कहने की इजाज़त नहीं दे सकते कि मुस्लिम सिविल सेवाओं में घुसपैठ कर रहे हैं. और यह नहीं कहा जा सकता कि पत्रकार को ऐसा करने की पूरी आज़ादी है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने एक कार्यक्रम में कहा कि बोलने की आज़ादी को कुचलने के लिए सरकार फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने के आरोप का तरीका भी अपना रही है. कोरोना के मामलों और इससे संबंधित अव्यवस्थाओं की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर फेक न्यूज़ देने के आरोप लगाए जा रहे हैं.
दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे बसी 48 हज़ार झुग्गियों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने पुनर्वास की याचिका दायर की थी. इस पर केंद्र के यह कहने कि अंतिम निर्णय लेने तक झुग्गियां नहीं हटेंगी, कोर्ट ने कहा कि बस्तियों के ख़िलाफ़ चार सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.
मीडिया के पास कुछ हद तक जनमत निर्माण की ताक़त हमेशा से थी, मगर उसकी एक सीमा थी, उनके द्वारा उठाए मुद्दे में कुछ दम होना ज़रूरी होता था. आज हाल यह है कि मीडिया में भारत-चीन सीमा विवाद से ज़्यादा तवज्जो कंगना रनौत विवाद को दी जा रही है.
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि हमारे क़ानून, हमारी न्याय प्रणाली, हमारा समाज और हमारे मूल्य समलैंगिकों के बीच विवाह को मान्यता नहीं देते. हिंदू मैरिज एक्ट के तहत विवाह के लिए महिला और पुरुष होना जरूरी है.
मध्यकालीन यूरोप में स्त्रियों को जादूगरनी बताकर ‘विच ट्रायल’ हुआ करते थे, जिनके बाद पचासों हज़ार स्त्रियों को खंभे से बांधकर जीवित जला दिया गया था. उस समय यंत्रणा देकर सभी स्त्रियों से अपराध स्वीकृति करवा ली जाती थी. रिया का भी ‘मीडिया ट्रायल’ नहीं हुआ है, ‘विच ट्रायल’ हुआ है.
बीते 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में रेलवे पटरी के किनारे बसी 48 हज़ार झुग्गियों को तीन महीने के अंदर हटाने का आदेश दिया है. 50 से अधिक ग़ैर-सरकारी संगठनों ने एक बयान जारी कर कहा कि इस क़दम का ढाई लाख लोगों के जीवन, आजीविका, गरिमा और अधिकारों पर विनाशकारी परिणाम पड़ेगा.
आधुनिक शिक्षा का पूरा ढांचा वर्चस्ववादी संस्कृति और मानसिकता से खड़ा किया गया है, जिसमें आदिवासी समाज कहीं फिट नहीं बैठता. उसकी पूरी जीवन शैली, जीवन दर्शन और दुनिया अलग है, जिसे वर्चस्ववादी नज़रिये से नहीं समझा जा सकता.