‘मुंह फेर कर गुज़र जाने’ का वक़्त अब नहीं रहा, कठुआ के बाद तो बिल्कुल नहीं

इस तरह के पागलपन और दरिंदगी के आलम में हमारा पूरा वजूद सुन्न पड़ जाता है. एक मायूसी भरा सन्नाटा सबको अपनी चपेट में ले लेता है. मगर फिर एक मुकाम वो भी आता है, जहां यही मायूसी एक भयानक गुस्से में तब्दील हो जाती है.

‘राहुल सांकृत्यायन घुमक्कड़ लेखक भर नहीं, बल्कि शिक्षक थे’

वीडियो: 9 अप्रैल को लेखक और विचारक राहुल सांकृत्यायन का 125वां जन्मदिन था. दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में उनके जीवन और कृतित्व पर लगी प्रदर्शनी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश से बातचीत.

कठुआ बलात्कार-हत्या मामले में जो कुछ हो रहा है, वो हमारी इंसानियत पर सवाल खड़ा करता है

जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की मासूम से सामूहिक बलात्कार और जघन्य हत्या के मामले में पुलिस, वकील और राजनेताओं की भूमिका ने संवेदनहीनता के नए प्रतिमान गढ़ने का काम किया है.

सेना द्वारा मानव ढाल बनाए गए फ़ारूक़ को वोट डालने पर सामाजिक बहिष्कार भी सहना पड़ा

कश्मीर में पिछले साल नौ अप्रैल को सेना ने फ़ारूक़ को पत्थरबाज़ बताते हुए जीप की बोनट से बांधकर कई गांवों में घुमाया था. घटना के एक साल बाद भी फ़ारूक़ अवसाद में हैं.

चुप रहोगे तो ज़माना इससे बदतर आएगा

भारत बंद पर सोशल मीडिया के हाई वोल्टेज ड्रामा को देखते हुए ये महसूस हुआ कि पुलिस और सरकार की विफलता पर बात नहीं करने की होशियारी और हिंसा के नाम पर असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की चालाकी ज़्यादा ख़तरनाक हिंसा है.

नाथ संप्रदाय: धार्मिक मेल-जोल की राजनीति से हिंदुत्व की राजनीति तक

आज भले ही योगी आदित्यनाथ सियासी फ़ायदे के लिए संप्रदायों का ध्रुवीकरण करते हों, लेकिन हाल ही में सामने आए दो अप्रकाशित सिद्धांत बताते हैं कि 20वीं शताब्दी से पहले, नाथ संप्रदाय के सदस्य सत्ता पाने के लिए धार्मिक मेलजोल का सहारा लिया करते थे.

एक साल बीतने के बाद भी सेना के ‘मानव ढाल’ को इंसाफ़ का इंतज़ार है

9 अप्रैल 2017 को सेना द्वारा जीप पर बांधकर घुमाए गए फ़ारूक़ अहमद डार साल भर बाद भी अपनी सामान्य ज़िंदगी में लौटने के लिए जूझ रहे हैं.

काला हिरण शिकार मामले में सलमान को पांच साल की सज़ा, जोधपुर केंद्रीय कारागार भेजे गए

फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान 2 अक्टूबर 1998 को हुई थी घटना. अभिनेता सैफ़ अली ख़ान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम भी आरोपी थे, जिन्हें बरी कर दिया गया.

सिंगल मदर के लिए पिता के नाम की ज़रूरत नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया है कि टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया से जन्मी एक बच्ची को वह एक नया जन्म प्रमाण पत्र जारी करे जिसमें उसके जैविक पिता का नाम न हो.

2017 में सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान 12 लोगों की मौत: दिल्ली सरकार

दिल्ली विधानसभा में शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मरने वाले कोई भी नगर निगम या सरकार के किसी अन्य नगर निकाय से संबद्ध नहीं था.

टीवी पर संबित को देखा तो बचपन का वो ‘मूर्ख मौलाना’ याद आ गया

बचपन में होली खेलने के लिए मस्जिद से पानी लेने गया तो मौलाना ने ग़ैर-मुस्लिम होने का सर्टिफिकेट दे दिया. गुरुवार को टीवी पर संबित को सुना तो बचपन की यादें ताज़ा हो गईं.

बिहार से ग्राउंड रिपोर्ट: नीतीश कुमार की शराबबंदी का नशा गरीबों को भारी पड़ रहा है

शराबबंदी क़ानून के तहत अब तक कुल 1 लाख 21 हज़ार 586 लोगों की ग़िरफ्तारी हुई है, जिनमें से अधिकांश बेहद ग़रीब तबके से आते हैं.

बद्री विशाल पित्ती: हैदराबाद की पांचवीं मीनार

जन्मदिन विशेष: कार्ल मार्क्स और मार्क्सवाद के संदर्भ में जो महत्व फ्रेडरिक एंगेल्स का है, डाॅ. राममनोहर लोहिया और समाजवाद के लिए वही महत्व बद्री विशाल पित्ती का है.

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