श्रीदेवी एहसासों में हैं, खिलखिलाहट में हैं, चुलबुलेपन में हैं. वो ख़ुद ही एक नृत्य हैं, एक पेंटिंग हैं. वो हम में ही कहीं भरी हुई हैं.
भतीजे की शादी में शामिल होने के लिए दुबई गई हुई थीं. दुबई में ही दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत.
केरल के आदिवासी बहुल इलाके अट्टाप्पदी में हुई घटना. आदिवासी युवक को बांधकर पीटते हुए लोगों ने ली थी सेल्फी. मुख्यमंत्री ने घटना की निंदा की.
निराला के देखने का दायरा बहुत बड़ा था. ‘देखना’ वेदना से गुज़रना है. उन्होंने अपने शहर के रास्ते पर ‘गुरु हथौड़ा हाथ लिए’ पत्थर तोड़ती हुई औरत देखी. सभ्यता की वह राह देखी जहां से ‘जनता को पोथियों में बांधे हुए ऋषि-मुनि’ आराम से गुज़र गए. चुपके से प्रेम करने वाला ‘बम्हन लड़का’ और उसकी ‘कहारिन’ प्रेमिका देखी.
देश के झंडे को भी क्यों सांप्रदायिक आधार पर बांटा जा रहा है? क्या हम लड़ते-लड़ते इतने दूर आ गए हैं कि देश के झंडे का भी बंटवारा कर देंगे?
यदि सरकारों ने बच्चों की प्रारंभिक देखरेख और सुरक्षा पर ध्यान दिया होता, तो आज राखी, मीनू और सीता ज़िंदा होतीं.
अगर विनय कटियार और उन जैसे बेरोजगार बैठे दूसरे भाजपा नेताओं ने अपने संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पढ़ा होता तो बैसिर-पैर के दावे नहीं करते.
गृह मंत्रालय के अनुसार 10 हजार से कम लोगों द्वारा बोली जाने वाली 42 भाषाएं को लुप्तप्राय माना जा रहा है और ये ख़त्म होने के कगार पर हैं.
नीति आयोग द्वारा जारी 'स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत' नामक यह रिपोर्ट 2015-16 की अवधि के लिए तीन श्रेणियों बड़े राज्य, छोटे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के आधार पर तैयार की गई है.
पाटण ज़िले के दूधका गांव के दलितों को पैसा जमा करने के बाद भी लगभग तीन साल से ज़मीन आवंटित नहीं की गई है. निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने वणकर की आत्महत्या को ‘सरकारी हत्या’ क़रार दिया है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार देश में दलित महिलाओं के लिए मृत्यु का जोखिम उचित साफ-सफाई, पानी की कमी और समुचित स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में बढ़ जाता है.
पुलिस ने कहा, सामाजिक ज़िम्मेदारी समझें गायक. गानों में शराब, हथियार आदि के महिमामंडन से युवाओं में बढ़ रही हैं आपराधिक प्रवृत्तियां.
व्यंग्य: हे पकौड़ा! तुम चाय की तरह हमेशा के लिए अमर हो जाते अगर मोदीजी कह देते, ‘मैं चाय के साथ पकौड़ा भी बेचता था, इसलिए मैं चाहता हूं भाइयों-बहनों की पूरा हिंदुस्तान चाय-पकौड़ा बेचे’.
राजस्थान में सर्व ब्राह्मण महासभा फिल्म में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को एक विदेशी की प्रेमिका बताए जाने को लेकर फिल्म का विरोध कर रही है. करणी सेना के संयोजक ने कहा कि अगर ब्राह्मण का ख़ून बहेगा तो राजपूत क्या चुप रहेगा.
दो हफ़्ते पुरानी कंपनी को हज़ारों करोड़ रुपये का डिफेंस डील मिल जाए ये सिर्फ और सिर्फ उसी दौर में हो सकता है जब देश हिंदू-मुस्लिम में डूबा हुआ हो, वरना जनता को उल्लू बनाने का कोई चांस ही नहीं था.