तकरीबन 150 विज्ञापन फिल्में बना चुके ऐड मेकर देब मेढ़ेकर से उनकी पहली फिल्म बाइस्कोपवाला को लेकर प्रशांत वर्मा की बातचीत.
जब मुंबई में दंगे भड़के, तब सुनील दत्त ने अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलते हुए संसद से इस्तीफ़ा दे दिया. उनका मानना था कि कांग्रेस ने हालात को सही से नहीं संभाला है और एक सांसद की हैसियत से वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं.
श्रीकांत वर्मा के साहित्य में जीवन-मरण का स्मरण किसी प्रकार के रहस्यवाद से परे है. बात सीधी-सपाट है. आदमी अपने ‘रक्तचाप’ से मरता है, अपने ‘पाप’ से नहीं.
रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी ‘काबुलीवाला’ पर आधारित फिल्म ‘बाइस्कोपवाला’ में अभिनेता डैनी डेनजोंग्पा मुख्य किरदार निभा रहे हैं. फिल्म 25 मई को रिलीज़ हो रही है.
चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टरों ने एक अध्ययन में दावा किया है माइकल जैक्सन के डांस की नकल की वजह से डांसरों में मांसपेशियों का फटना और डिस्क संबंधी समस्याएं हो रही हैं.
गोलमाल, धमाल, आॅल द बेस्ट, वन टू थ्री, फंस गए रे ओबामा में यादगार किरदार निभाने के बाद आंखों देखी, मसान, कड़वी हवा और अंग्रेज़ी में कहते हैं जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले अभिनेता संजय मिश्रा से प्रशांत वर्मा की बातचीत.
हनुमान की यह छवि रचने वाले कलाकार करण आचार्य का कहना है कि उनके हनुमान शक्तिशाली हैं न कि दमनकारी. लेकिन जो इसे गर्व के साथ जोड़कर देख रहे हैं, वे शायद बिल्कुल ऐसा नहीं सोचते.
अभिनेता सुमीत राघवन ने कहा कि मराठी फिल्म में कथानक महत्वपूर्ण है, जिसमें दर्शकों को थियेटर तक लाने का माद्दा होता है.
पूरब और पश्चिम के गाने को कर्नाटक के संदर्भ में समझते हुए दिखता है कि प्रणय निवेदन हेतु मनोज कुमार के हाथों में एक फाइल है, जिसमें विधायकों के दस्तख़त की कल्पना सहज ही की जा सकती है.
बस्तर की एक नाबालिग ने सैन्य बलों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था.
आरोपियों के पक्ष में रैली निकालने के चलते कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे चुके भाजपा नेता लाल सिंह ने मामले की सीबीआई जांच के लिए सोमवार को जम्मू में एक रैली निकाली.
कुछेक अपवाद छोड़ दिए जाएं तो संविधान लागू होने के बाद से आज तक किसी भी राज्य के राज्यपाल ने पांचवीं अनुसूची के तहत मिले अपने अधिकारों और दायित्वों का निर्वहन आदिवासियों के पक्ष में करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है.
आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2017 में सबसे अधिक 36 जवानों ने आत्महत्या की. वहीं, 2009 में 13 जवानों ने, 2016 में 12 जवानों ने तथा 2011 में 11 जवानों ने आत्महत्या की है.
उर्दू में लंबी कहानियां कहने की कला ‘दास्तानगोई’ की प्रस्तुति देने के लिए अंकित पुणे गए हुए थे.
यह विडंबना है कि ज़िंदगी भर अपने लिखे हुए के लिए कोर्ट के चक्कर लगाने वाला, मुफ़लिसी में जीने और समाज की नफ़रत झेलने वाला मंटो आज ख़ूब चर्चा में है. इसी मंटो ने लिखा था कि मैं ऐसे समाज पर हज़ार लानत भेजता हूं जहां यह उसूल हो कि मरने के बाद हर शख़्स के किरदार को लॉन्ड्री में भेज दिया जाए जहां से वो धुल-धुलाकर आए.