मणिपुर: म्यांमार की दो महिलाओं की हिरासत में कोविड से मौत, पौष्टिक भोजन नहीं मिलने का आरोप

म्यांमार के 29 नागरिकों को कथित तौर पर बिना उचित दस्तावेज़ों के मणिपुर में प्रवेश करने के लिए एक महीने पहले गिरफ़्तार किया गया था. इनमें से दो महिलाओं की हिरासत के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण मौत हो गई है. मणिपुर एडीजीपी (जेल) ने कहा है कि क़ैदियों की बेहतर तरीके से देखभाल की गई थी. एक अधिकार समूह ने मामले की जांच की मांग की है.

मणिपुरः स्थानीय अख़बार की प्रतियां जलाने पर पत्रकार संगठनों की आपत्ति, शिकायत दर्ज कराई

घटना इंफाल पूर्वी ज़िले की है. एक स्थानीय अख़बार के स्तंभकार के घर के बाहर क़रीब 20 लोगों ने इकट्ठा होकर नारेबाज़ी की और समाचार पत्र की प्रतियां जलाई. इन स्तंभकार ने एक लेख में इंफाल के कांगला किले के अंदर कंगलाशा की प्रतिमा से प्रॉप्स हटाने के लिए उठाए गए क़दमों का उल्लेख किया था.

भाबेश कलीता असम भाजपा के अध्यक्ष नियुक्त, शारदा देवी को मणिपुर की कमान

भाबेश कलीता असम के कामरूप ज़िले की रंगिया विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि शारदा देवी इससे पहले प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष और प्रशिक्षण विभाग की मुखिया थीं. कलीता, रंजीत कुमार दास की जगह लेंगे और शारदा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एस. टिकेंद्र सिंह की जगह लेंगी, जिनका निधन बीते मई महीने में कोविड-19 संबंधी परेशानियों से हो गया था.

बढ़ती महंगाई पर अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगें मणिपुर के मुख्यमंत्री: कांग्रेस

पेट्रोल-डीज़ल के रिकॉर्ड तोड़ दामों को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि मोदी सरकार अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों के साथ लोगों को मुफ़्त चावल और कोविड टीके देने के लिए बहुत कुछ कर रही है. इसकी एक क़ीमत है. मुफ़्त मदद आसमान से नहीं गिरती है. इससे पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल के बढ़ते दामों पर कहा था कि केंद्र सरकार लाभकारी योजनाओं के लिए धन बचा रही है.

मणिपुर: असम राइफल्स के मेजर ने कथित तौर पर ग्रामीण को गोली मारी, पुलिस करेगी जांच

मणिपुर के कंगपोकपी ज़िले के चालवा गांव का मामला. बीते तीन जून की देर रात 44 असम राइफल्स के मेजर अपने तीन जवानों के साथ एक ऑपरेशन को अंजाम देने पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने गांव के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया, जो बाद में गोली लगने के कारण घायल अवस्था में मिले. अस्पताल ले जाते वक़्त उनकी मौत हो गई थी.

मणिपुर: इम्फाल पश्चिम ज़िले ने एनजीओ द्वारा सभी तरह के कोविड राहत कार्यों पर प्रतिबंध लगाया

आदेश में कहा गया है कि ज़िला प्रशासन परोपकार के कामों का स्वागत करता है. हालांकि दान या नकद के रूप में इस तरह के कार्यों में अक्सर लाउडस्पीकर, सार्वजनिक सभा, घर-घर का दौरा किया जाता है. साथ ही सोशल मीडिया कवरेज के लिए दानदाताओं के नाम के साथ विशेष रूप से बनाए गए राहत किट/पैकेट का उपयोग होता है. यह दान से जुड़े उद्देश्य और पवित्रता को कमज़ोर करती है.

मणिपुर: भाजपा नेता की मौत पर पोस्ट लिखने वाले पत्रकार-कार्यकर्ता रासुका के तहत फ़िर गिरफ़्तार

मणिपुर राज्य के भाजपा प्रमुख एस. टिकेंद्र सिंह का बीते 12 मई को कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से निधन हो गया था. पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक एकाउंट के ज़रिये अलग-अलग पोस्ट में श्रद्धांजलि देते हुए लिखा था कि गाय का गोबर या गोमूत्र कोविड-19 से बचाव नहीं करते हैं. उन्होंने कहा था कि इसका इलाज विज्ञान और कॉमन सेंस है.

मणिपुर: भाजपा नेता की मौत पर फेसबुक पोस्ट के चलते पत्रकार और कार्यकर्ता गिरफ़्तार

राज्य भाजपा अध्यक्ष सैखोम टिकेंद्र सिंह की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक पोस्ट के ज़रिये सरकार को निशाना साधते हुए लिखा था कि कोरोना का इलाज गोमूत्र या गोबर नहीं, बल्कि विज्ञान है.

मणिपुर पत्रकार संगठन का राज्य सरकार से आग्रह, म्यांमार से भागकर आए पत्रकारों को सुरक्षा दें

ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन ने मिजिमा न्यूज़ म्यांमार से जुड़े तीन पत्रकारों को नई दिल्ली में शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त तक सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने की अपील की है. म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट के बाद तीनों पत्रकारों ने मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में शरण ली है.

मणिपुर की आज़ादी की घोषणा करने वाले अलगाववादी नेता को लंदन से वापस लाई एनआईए

अक्टूबर, 2019 में लंदन में मणिपुर के महाराजा लेशेम्बा सनाजाओबा का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले मणिपुर के दो अलगाववादी नेताओं- याम्बेन बीरेन और नरेंगबाम समरजीत सिंह ने ब्रिटेन से ‘निर्वासन में मणिपुर सरकार’ की घोषणा कर दी थी. इसके बाद मणिपुर सरकार ने एक मामला दर्ज किया था, जिसे बाद में एनआईए को सौंप दिया था.

मणिपुर: आलोचना के बाद राज्य सरकार ने वापस लिया म्यांमार शरणार्थियों को रोकने संबंधी आदेश

मणिपुर सरकार द्वारा म्यांमार की सीमा से सटे ज़िलों के उपायुक्तों को 26 मार्च को जारी एक आदेश में सैन्य तख़्तापलट के बाद म्यांमार से भागकर आ रहे शरणार्थियों को आश्रय और खाना देने से इनकार और उन्हें 'शांतिपूर्वक' लौटाने की बात कही गई थी. कड़ी आलोचना के बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया.

मणिपुरः उग्रवादी समूहों से धमकी के बीच पत्रकार हड़ताल पर, नहीं छपे अख़बार

एक महीने से भी कम समय में यह तीसरी बार है, जब मणिपुर में समाचार पत्रों का प्रकाशन और ख़बरों का प्रसारण नहीं हुआ. छह दिन पहले भी इसी तरह का विरोध जताया गया था, जब इम्फाल से प्रकाशित होने वाले एक स्थानीय अख़बार को आतंकी समूह ने धमकी दी थी.

मणिपुर: विवादित डिजिटल मीडिया नियम के तहत न्यूज़ पोर्टल को जारी नोटिस वापस लिया गया

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए नियमों के तहत सबसे पहली नोटिस मणिपुर के न्यूज पोर्टल द फ्रंटियर मणिपुर को उसके एक कार्यक्रम को लेकर जारी किया गया है. पोर्टल को सभी संबंधित दस्तावेज़ों की प्रति मुहैया कराने को कहा गया था, जो इन नियमों के पालन को सुनिश्चित करते हों.

मणिपुर: ‘लाभ के पद’ मामले में चुनाव आयोग ने 12 भाजपा विधायकों के पक्ष में विचार रखा

कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि 2017 में जिन 12 विधायकों ने पाला बदला था, उन्हें मणिपुर में संसदीय सचिव बनाया गया, लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया, क्योंकि वे ‘लाभ के पद’ पर थे. 2017 में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला था, लेकिन मार्च 2017 में ‘ख़रीद फ़रोख़्त और गंदी गतिविधियों’ द्वारा 28 विधायकों वाले स्पष्ट बहुमत को एक कृत्रिम अल्पमत में तब्दील कर दिया गया और भाजपा ने अपनी सरकार बना ली.

मणिपुर: अख़बार को धमकी मिलने के बाद मीडिया संस्थानों ने काम बंद किया

मणिपुर के एक स्थानीय अखबार पोकनाफाम को बंद किए जाने की धमकी मिलने के बाद विरोध के तौर पर यहां के मीडिया संस्थानों ने शुक्रवार से 48 घंटे तक काम न करने का निर्णय लिया है. बीते 13 फरवरी को इसी अख़बार के दफ़्तर पर अज्ञात हमलावरों ने ग्रेनेड फेंका था.

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