मणिपुरः सेना की गोलीबारी से लोगों की मौत पर प्रदर्शन, आफ़स्पा हटाने के लिए पीएम मोदी को ज्ञापन

बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन ज़िले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छह दिसंबर को संसद में कहा था कि सैन्यबल के इशारे पर गाड़ी न रुकने के बाद फायरिंग की गई थी. विभिन्न संगठन उनके इस बयान को झूठ बताते हुए इसकी निंदा कर रहे हैं.

मणिपुर में उग्रवादी हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग अफसर समेत सात की मौत

मणिपुर के चूड़ाचांदपुर ज़िले में बीते शनिवार को अर्द्धसैन्य बल पर आईईडी विस्फोटकों और गोलियों से हुए हमले की ज़िम्मेदारी दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट ने ली है.

मणिपुरः ड्रग्स मामले के आरोपी के बरी होने पर पदक लौटाने वाली अधिकारी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी

मणिपुर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टी. बृंदा ने 2018 के ड्रग्स मामले के एक मुख्य आरोपी लुखाउसी जू को अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद राज्य के पुलिस वीरता पदक को लौटा दिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर लुखाउसी को बचाने का आरोप लगाया था. वे राज्य के नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर ब्यूरो की पहली अधिकारी थीं, जिन्हें राज्य वीरता पुरस्कार दिया गया था.

मणिपुर की भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए 11 विपक्षी दल साथ आए

केंद्र में भाजपा सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ 19 विपक्षी दलों द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी आंदोलन के समर्थन में मणिपुर के विपक्षी दलों ने 11 दिवसीय विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की है. विरोध में शामिल माकपा, भाकपा, कांग्रेस, टीएमसी आदि दलों ने आरोप लगाया है कि  भाजपा सरकार कॉरपोरेट समर्थक है, जो आम लोगों की कम परवाह करती है. 

नागरिक संगठनों ने मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 पर विरोध जताया

संगठनों का विरोध पहाड़ी ज़िलों में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर द्वारा बुलाए गए 24 घंटे के बंद के मद्देनज़र हुआ है. रविवार आधी रात से प्रभावी बंद का आह्वान विधानसभा में मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 न पेश करने के विरोध में किया गया था.

मणिपुर मानवाधिकार आयोग ने राज्य से ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा वापस लेने के लिए कहा

मणिपुर मानवाधिकार आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि आयोग ने आफ्स्पा की आड़ में सुरक्षा बलों द्वारा किए गए मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा वापस लेने की सिफ़ारिश की है. ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा दिए जाने से आफ्स्पा लागू करने की अनुमति मिलती है, जो कथित तौर पर सैन्य बलों को विशेष सुरक्षा देता है.

दिल्लीः मणिपुर के पत्रकार ने पड़ोसियों पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, केस दर्ज

मामला दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके का है. मणिपुर के पत्रकार रोनेंद्र सिंह सपम ने अपनी शिकायत में कहा है कि पूरी तरह तैयार हुए बिना और साज-सज्जा के बग़ैर फ्लैट देने पर बिल्डर के ख़िलाफ़ जब उन्होंने आवाज उठाने की कोशिश की, तब उनके पड़ोसियों ने उन्हें धमकी दी और उत्पीड़न किया.

मणिपुर: ‘गोबर से कोविड का इलाज न होने’ की बात कहने के चलते जेल में डाले गए पत्रकार रिहा

मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम ने भाजपा अध्यक्ष एस. टिकेंद्र सिंह की कोविड-19 महामारी से निधन के बाद फेसबुक पर एक व्यंगात्मक पोस्ट करते हुए लिखा था कि गोमूत्र और गोबर काम नहीं आया. बीते मई महीने में गिरफ़्तारी के तुरंत बाद उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें जेल में डालकर एनएसए लगा दिया था.

मणिपुर: कंटेंट की निगरानी के लिए सभी ज़िलों को सोशल मीडिया सेल स्थापित करने का निर्देश

मणिपुर के सभी ज़िला पुलिस अधीक्षकों को 15 जुलाई को जारी विभागीय संदेश में मणिपुर के अतिरिक्त डीजीपी (खुफिया) ने राज्य की सभी बोलियों में लिखे गए सभी पोस्ट्स/अपलोड्स/टिप्पणियों की लगातार निगरानी करने और निष्कर्षों पर 15 दिन में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.

मणिपुरः कार्यकर्ता को हिरासत में रखने के मामले में कोर्ट ने मुआवज़े पर राज्य से जवाब मांगा

मणिपुर के कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम पर कोविड-19 संक्रमण के उपचार के तौर पर गौमूत्र एवं गोबर के इस्तेमाल को लेकर भाजपा नेताओं की आलोचना करने पर एनएसए के तहत मामला दर्ज कर गिरफ़्तार किया गया था. ज़मानत मिलने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया गया था. बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी तत्काल रिहाई को आदेश जारी किया था.

एनएसए के तहत गिरफ़्तार मणिपुर के कार्यकर्ता को रिहा करेः सुप्रीम कोर्ट

मणिपुर के कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम को कोरोना वायरस से मणिपुर भाजपा अध्यक्ष की मौत के संबंध में आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में बीते 13 मई को गिरफ़्तार किया गया था. इस पोस्ट में कोविड-19 के इलाज के लिए गोबर तथा गोमूत्र के इस्तेमाल की आलोचना की गई थी. मई महीने में ही उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन उन्हें अब तक रिहा नहीं किया गया है.

मणिपुर: कोरोना प्रतिबंध संबंधी ढील में टीका लगवाने वालों को प्राथमिकता के ख़िलाफ़ याचिका

मणिपुर के गृह विभाग द्वारा जारी इस अधिसूचना के ख़िलाफ़ दायर याचिका में कहा गया है कि अभी तक टीका नहीं लगवा पाए व्यक्तियों को संस्थानों, संगठनों, कारखानों और दुकानों को खोलने से दूर करना उनकी आजीविका से वंचित करना होगा, जो अगर असंवैधानिक नहीं तो गै़र-क़ानूनी है.

मणिपुर: ‘गोबर से कोविड का इलाज न होने’ की बात कहने वाले कार्यकर्ता और पत्रकार दो महीने से जेल में

मणिपुर भाजपा अध्यक्ष सैखोम टिकेंद्र सिंह की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक पोस्ट के ज़रिये सरकार को निशाना साधते हुए लिखा था कि कोरोना का इलाज गोमूत्र या गोबर नहीं, बल्कि विज्ञान है.

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