जन गण मन की बात की 155वीं कड़ी में विनोद दुआ ईवीएम से छेड़छाड़ की हालिया ख़बर और सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज बृजगोपाल लोया की 'संदिग्ध' मौत पर उठे सवालों के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव के दौरान कई जगह ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है. कानपुर और मेरठ में लोगों ने हंगामा किया.
लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस को मिली राजनीतिक संजीवनी, भाजपा छह सीटों पर सिमटी, शिवसेना को एक सीट मिली.
महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िला परिषद के चुनाव में ईवीएम की इस गड़बड़ी को कलेक्टर ने एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है.
केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर चुनाव आयोग ने अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 में बदलाव करने की मांग की है.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने ईवीएम चुनौती के मौजूदा स्वरूप पर सवाल करते हुए हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, पार्टियों को चुनौती देंगे कि वे 5 राज्यों के चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम में गड़बड़ी के अपने दावे को सच साबित करके दिखाएं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने सरकार से आग्रह किया है कि वह पेपर ट्रेल मशीनों की समयबद्ध खरीद के लिए तुरंत धन जारी करे ताकि लोकसभा चुनाव में इन मशीनों को उपयोग में लाया जा सके.
जन गण मन की बात की 32वीं कड़ी में विनोद दुआ ईवीएम पर उठ रहे सवाल और गोरक्षा के नाम पर नेताओं की ज़ुबानी हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग अपने बेटे दुर्योधन को साम, दाम, दंड, भेद करके सत्ता दिलवाना चाहता है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में छेड़छाड़ किए जाने के आरोपों की सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों से जांच कराने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा.
कुछ राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जाने के बीच निर्वाचन आयोग के पूर्व प्रमुखों ने इस बात पर जोर दिया है कि मशीनों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथमदृष्टया गड़बड़ी के पुख़्ता सबूत मिले हैं. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि वे ईवीएम से छेड़छाड़ के मामले को लेकर अदालत जाएंगी.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के मुताबिक ईवीएम में धांधली के आरोप पूरी तरह निराधार हैं. यदि इसमें छेड़छाड़ की गुंजाइश होती तो किसी सरकार की हार नहीं होती.
कुछ विश्लेषकों का मानना था कि बसपा इस चुनाव में डार्क हॉर्स साबित होगी. पार्टी का आधार वोट बैंक दलित और मुस्लिम मतदाता मिलकर उसे भारी जीत दिलाएंगे.