बीते 26 मई को झांसी से गोरखपुर जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार आज़मगढ़ के 45 वर्षीय प्रवासी श्रमिक रामभवन मुंबई से अपने परिवार सहित घर लौट रहे थे, जब रास्ते में अचानक उनकी तबियत ख़राब होने लगी. परिजनों का कहना है कि समय पर उचित मेडिकल सहायता न मिलने के कारण उन्होंने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दम तोड़ दिया.
बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार शाम तक राज्य में कोरोना संक्रमण से 25 मौतें हुई हैं. सरकार द्वारा क्वारंटीन सेंटर्स में हुई मौतों के बारे में कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक 10 ज़िलों के क्वारंटीन सेंटर्स में 20 से अधिक जानें जा चुकी हैं.
पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से लोगों द्वारा आत्महत्या की ख़बरें आ रही हैं. कोरोना वायरस से जुड़े कारणों की वजह से उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में एक पखवाड़े के दौरान छह से सात लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने की ख़बरें आई हैं.
कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. आरती लालचंदानी का अप्रैल में बनाया गया एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे दिल्ली में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करती नज़र आती हैं. डॉ. आरती का कहना है कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई है.
लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह का आदेश दिखाता है कि जिन डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स कहा जा रहा है, उन पर प्रशासन वास्तव में विश्वास ही नहीं करता.
30 मई को हुई बारिश और आंधी-तूफान में लखनऊ सहित विभिन्न क्षेत्रों में घर ढहने की घटनाएं सामने आई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को तत्काल प्रभाव से चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं.
मौसम विभाग अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव बारिश और आंधी-तूफान से संबंधित घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की, जबकि कन्नौज में पांच लोगों की मौत हुई है. तेज़ हवाओं के कारण ताजमहल को हल्का नुकसान पहुंचा है. आगरा ज़िले में तीन लोगों की मौत हुई है.
मामला उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का है. लॉकडाउन से पहले एक रेस्टोरेंट में काम करने वाले 50 वर्षीय भानु प्रकाश गुप्ता की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने अपनी गरीबी और बेरोजगारी का जिक्र किया है. उनके परिवार में बूढ़ी मां, पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा हैं.
एक अन्य घटना में उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले में दिल्ली से गांव लौटे एक प्रवासी मज़दूर की घर से कुछ दूरी पर मौत हो गई. गुजरात के राजकोट शहर में घर जाने के लिए बस का इंतज़ार कर रहे एक कृषि मज़दूर की मौत वाहन की चपेट में आ जाने से हो गई.
पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय मज़दूर छह माह पहले गुजरात के सूरत में मज़दूरी करने चले गए थे. 20 मई को वापस आने पर उन्हें उनके गांव में बने सरकारी क्वारंटीन सेंटर में ठहराया गया था.
एक अन्य घटना में मुंबई से किराये के एक वाहन से बनारस लौट रहे एक प्रवासी मज़दूर की 27 मई की रात उत्तर प्रदेश के बांदा में मौत हो गई. उन्हें तीन दिन से खांसी और जुकाम की शिकायत थी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि राज्य ट्रेनों में सवार ग़रीब मज़दूरों के जीवन की रक्षा करने में विफल रहे हैं. आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव, रेलवे और गुजरात और बिहार की सरकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत जवाब देने को कहा है.
लॉकडाउन के चलते बांदा ज़िले के लोहरा गांव के 22 वर्षीय सुरेश पिछले हफ़्ते दिल्ली से आए थे, वहीं पैलानी थाना क्षेत्र के 20 साल के मनोज दस दिन पहले मुंबई से लौटे थे. इन दोनों ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि वे पैसे की कमी से परेशान थे.
ये नौ मौतें उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली अलग-अलग ट्रेनों में हुईं. रेलवे की ओर से कहा गया है कि अधिकतर मौतों के मामले में मृतक पहले से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे थे.
इस संबंध में इलाहाबाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है. एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी युवक ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये देश में शांति बाधित करने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपमान करने की कोशिश की है.