अनुचित तरीके से बनाए गए नए सोशल मीडिया नियम समाचार वेबसाइट्स को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के साथ खड़ा करते हैं. इन्हें वापस लिया ही जाना चाहिए.
वीडियो: मीडिया में सरकार की छवि को चमकाने और स्वतंत्र पत्रकारिता का दमन करने के लिए मोदी सरकार के मंत्रियों के समूह (जीओएम) की एक रिपोर्ट का खुलासा हुआ है. इस मुद्दे पर द कारवां के पोलिटिकल एडिटर हरतोष सिंह बल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कारवां पत्रिका ने नौ मंत्रियों के एक समूह की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि 2020 के मध्य में इन सभी ने स्वतंत्र मीडिया संस्थानों को प्रभावहीन बनाने के लिए ख़ाका तैयार किया था. इसमें ऐसे लोगों को ख़ामोश करने की योजना बनाई गई थी, जो सरकार के ख़िलाफ़ ख़बरें लिख रहे हैं या उसका एजेंडा नहीं मान रहे हैं.
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए नियमों के तहत सबसे पहली नोटिस मणिपुर के न्यूज पोर्टल द फ्रंटियर मणिपुर को उसके एक कार्यक्रम को लेकर जारी किया गया है. पोर्टल को सभी संबंधित दस्तावेज़ों की प्रति मुहैया कराने को कहा गया था, जो इन नियमों के पालन को सुनिश्चित करते हों.
सुप्रीम कोर्ट ने यह क़दम 25 फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस) नियम 2021 के तहत उठाया है. सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल कोर्ट सुनवाई के लिए एक मार्च से वॉट्सऐप के बजाय संबंधित वकीलों और पक्षकारों के पंजीकृत ईमेल आईडी और पंजीकृत मोबाइल नंबर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिंक भेजे जाएंगे.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा डिजिटल मीडिया के नियमन के लिए दिए गए नए दिशानिर्देशों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि नियम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व रचनात्कता के लिए ‘बेहद ख़तरनाक’ हैं, वहीं कई विशेषज्ञों ने इसके दुरूपयोग को लेकर भी आशंकाएं ज़ाहिर की हैं.
वीडियो: सरकार ने सोशल मीडिया, डिजिटल न्यूज़ प्लेटफार्म और ओटीटी के लिए जिस तरह के दिशानिर्देश जारी किए हैं, उससे देश में स्वतंत्र सूचना प्रवाह और लेखन पर अंकुश-सा लग जाएगा. मीडिया बोल में इस मुद्दे पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेण, सत्य हिंदी के संपादक आशुतोष और द हिंदू की एसोसिएट एडिटर अनुराधा प्रधान से उर्मिलेश की बातचीत.
डिजिटल पब्लिकेशन के एसोसिएशन डिजिपब ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस) नियम 2021 का विरोध किया है. उन्होंने नए नियमों को अनुचित और इसके क्रियान्वयन के तरीके को अभिव्यक्ति की आज़ादी का उल्लंघन बताया है.
सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग रोकने के लिए लाए गए केंद्र के नए दिशानिर्देश ऑनलाइन न्यूज़ और डिजिटल मीडिया इकाइयों भी पर भी लागू होंगे. सूचना एवं प्रसारण सचिव के अनुसार अब से न्यूज़ पोर्टल्स को अपने संपादकीय प्रमुख, स्वामित्त्व समेत अन्य कई जानकारियां सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को देनी होंगी.
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग रोकने के लिए नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की, जिनके तहत संबंधित कंपनियों के लिए एक पूरा शिकायत निवारण तंत्र बनाना होगा. साथ ही ख़बर प्रकाशकों, ओटीटी मंचों और डिजिटल मीडिया के लिए ‘आचार संहिता’ और त्रिस्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली लागू होगी.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मध्यस्थों और नेटफ्लिक्स व अमेज़न के प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी प्लेटफार्मों को उनके माध्यम से साझा की जाने वाली सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह बनाने के लिए आईटी अधिनियम में कुछ हिस्सों में बदलाव करना चाहता है.
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि सिनेमा उद्योग देश की संस्कृति का न सिर्फ अंतर्निहित हिस्सा है, बल्कि अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा भी है जिससे लाखों लोगों की आजीविका चलती है.
डिजिटली प्रसारित होने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आईटी मंत्रालय के तहत आते हैं. अब इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाले कंटेंट को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है.
कोरोना वायरस के मद्देनज़र लागू लॉकडाउन के बीच अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ सिनेमाघरों की बजाय सीधे ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो रही है. कुछ और फिल्में हैं, जो अब सीधे इन्हीं प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ होने वाली हैं. ऐसे में बंदी के दौर से गुज़र रहे सिनेमाघरों के सामने ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स ने नया संकट खड़ा कर दिया है.