भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि किसानों की स्थिति पहले कभी इतनी दयनीय नहीं थी. सरकार को महज़ 24 फसलों का ही नहीं बल्कि सारी फसलों का एमएसपी निर्धारित करना चाहिए.
सरकार ने महंगाई दर कम करने और आंकड़ों की कलाबाज़ी करने के लिए जो नीति बनाई उसमें वह सफल रही है क्योंकि किसान की फसल के दाम कम हो गए और बाकि सभी चीज़ें महंगी हो गईं.
स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर किसानों ने अपना आंदोलन वापस तो ले लिया है, लेकिन यह कभी भी राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के गले की फांस बन सकता है.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में किसानों की आवाजाही रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को 84 किसान नेताओं की गिरफ़्तारी से किसानों में आक्रोश है.
राजस्थान के बूंदी ज़िले के किसानों का कहना है कि कई बार प्रशासन से नहर का पानी पहुंचाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. फसलों को पानी की ज़रूरत है. अगर पानी नहीं मिला तो वे सूख जाएंगी.
बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल उत्पादन लागत का डेढ़ गुना तक बढ़ाने के प्रस्ताव में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की अनदेखी के चलते किसान संगठनों ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी.
विशेष साक्षात्कार: पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा से मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों, कृषि संकट और बेरोज़गारी जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु.
साल 2017 एक तरह से किसान आंदोलनों का साल रहा. पूरे बरस भर देश के किसी न किसी हिस्से में किसान आंदोलन करते रहे.
मध्य प्रदेश के किसान उपज में नुकसान को लेकर फिर भड़के, श्योपुर में अर्द्धनग्न होकर किया प्रदर्शन.
राजस्व मंत्री ने विधानसभा में कहा, आत्महत्या करने वाले कुल किसानों में से 12,805 किसानों ने क़र्ज़, बंजर ज़मीन और ऋण के भुगतान को लेकर दबाव के चलते यह क़दम उठाया.
भाजपा नेता यशवंत सिन्हा को सोमवार शाम विदर्भ के किसानों के प्रति राज्य सरकार की बेरुख़ी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते वक़्त हिरासत में लिया गया था.
देश भर के किसान एकजुट होकर लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर पूरे देश में किसान आत्महत्याएं भी जारी हैं. महाराष्ट्र में क़र्ज़ माफ़ी के बाद 5 महीने में 1,020 किसान आत्महत्या कर चुके हैं.
किसान संसद ने कहा, देश भर के 184 किसान संगठन बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य के एक भी बोरा अनाज बिकने नहीं देंगे.
देश भर के 184 किसान संगठनों की किसान मुक्ति संसद में कृषि क़र्ज़ से पूर्ण मुक्ति और कृषि उत्पाद के लाभकारी मूल्य को लेकर दो विधेयकों के मसौदे पारित.
वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर 184 किसान संगठनों ने मिलकर लगाई किसान मुक्ति संसद. कहा- सरकार को हमारी बात सुननी पड़ेगी.