गुजराती दैनिक दिव्य भास्कर ने एक रिपोर्ट में बताया है कि राज्य में 1 मार्च से 10 मई के बीच 1.23 लाख मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, लेकिन इस बीच सरकारी आंकड़ों में सिर्फ 4,218 कोरोना मौतें दर्ज हैं. इस पर गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने कहा है कि सर्टिफिकेट के आधार पर मौतों की संख्या बताना सही नहीं है.
बेंगलुरु के सभी सात कोविड शवदाहगृहों में पिछले तीन सप्ताह से चौबीसों घंटे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं. कई जगहों पर कर्मचारियों की कमी के चलते वालंटियर्स और अस्थायी कर्मचारी श्मशान में लगातार काम कर रहे हैं.
30 अप्रैल को गोरखपुर के राजघाट अंत्येष्टि स्थल के पास एक पुल की जालियों को फ्लैक्स से ढकते हुए नगर निगम ने आदेश दिया कि अंत्येष्टि की फोटो और वीडियो लेना क़ानूनन ठीक नहीं है और ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई होगी. मुखर विरोध के बाद अगले दिन ये फ्लैक्स फटे हुए मिले और नगर निगम की ओर से इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया.
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप की वजह से दिल्ली में मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. एक शवदाह गृह पर पिता के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे व्यक्ति ने कहा कि अगर अस्पताल में आप मरीज़ को ऑक्सीजन नहीं दे पा रहे हैं, तब कम से कम श्मशान घाट पर कुछ जगह उपलब्ध करा दीजिए, ताकि लोग आराम से दुनिया छोड़ सके.
उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक सुनील भराला का कहना है कि कुंभ की आस्था कोरोना वायरस से बहुत बड़ी है गंगा मां ही इस कोरोना का सर्वनाश करेंगी और पिछले साल निज़ामुद्दीन मरकज़ में जुटी भीड़ की तुलना कुंभ से नहीं की जानी चाहिए.
हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी स्थित थोरांग गांव में सिर्फ़ 42 लोग रहते हैं. इनमें से 41 लोग संक्रमित पाए गए हैं. लाहौल-स्पीति घाटी राज्य में जनसंख्या के अनुपात के आधार पर कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िला बन गया है.
शहीद भगत सिंह सेवा दल से जुड़े एंबुलेंस ड्राइवर आरिफ़ ख़ान बीते मार्च महीने से कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम कर रहे थे. काम ख़त्म कर वह घर नहीं जाते थे, बल्कि एबुंलेस के पार्किंग लॉट में ही सो जाया करते थे.
गुरुवार को सामने आए राजकोट के सिविल अस्पताल के वीडियो में एक मरीज़ के साथ अस्पताल का स्टाफ बदसलूकी करता दिख रहा है. अस्पताल का कहना है कि ऐसा उसे ‘काबू’ में करने के लिए किया गया. कोरोना संक्रमित इस मरीज़ की मौत 12 सितंबर को हो चुकी है.
महाराष्ट्र के पुणे में एक निजी समाचार चैनल में काम करने वाले पत्रकार के परिवार का आरोप है कि अहमदनगर के निजी अस्पताल ने 40,000 रुपये एडवांस जमा कराने तक उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया था. अगर उन्हें समय पर इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी. महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
घटना सूरत के एसएमआईएमईआर अस्पताल का है. परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने महिला को इलाज के दौरान ही डिस्चार्ज कर दिया. वहीं अस्पताल का कहना है कि इस घटना में उनकी कोई ग़लती नहीं है.
मामला बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल का है. यहां वेंटिलेटर पर रखे मरीज़ों की मृत्यु दर ब्रिटेन, अमेरिका और इटली जैसे देशों में हुई ऐसी स्थिति में हुई मौतों की तुलना में बहुत अधिक है. इटली में कोरोना के चरम पर होने पर वहां वेंटिलेटर पर मरीज़ों की मृत्यु दर 65 फीसदी थी.
मृतक हिंदू राव अस्पताल में बतौर वॉर्ड ब्वॉय काम करते थे, जिन्हें खांसी और सांस लेने में दिक्कत के बाद 26 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 27 जून को वे कोरोना संक्रमित पाए गए और अगले दिन किडनी फेल होने के बाद उनकी मौत हो गई.
भोपाल गैस पीड़ितों के लिए काम रहे चार एनजीओ ने शहर में कोविड-19 से हुई मौतों पर जारी रिपोर्ट में बताया है कि 11 जून तक भोपाल में कोरोना से 60 मौतें हुई थीं, जिनमें से 48 गैस पीड़ित थे.
दिल्ली के रहने वाले संदीप गर्ग को सांस लेने में तकलीफ के चलते जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी बेटी का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ का व्यवहार काफ़ी ख़राब था. उन्होंने तमाम औपचारिकताएं और पेपर वर्क पूरा करने का हवाला देकर मेरे पिता को भर्ती करने में बहुत देर कर दी.
एक समाचार चैनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों में से 1,207 डॉक्टर और नर्स दिल्ली के नौ बड़े कोरोना अस्पतालों के हैं. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब तक कोरोना से संक्रमित हुए स्वास्थ्यकर्मियों का कोई आंकड़ा नहीं दिया है.