पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राजनीतिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाते हुए कहा है कि यदि वरिष्ठ नेता ऐसा व्यवहार करेंगे तो लोगों से बीमारी के बारे में गंभीर होने की कैसे उम्मीद कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस रोक का उल्लंघन करने वाले नेता पर आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.
घटना इंदौर के परदेशीपुरा क्षेत्र की है, जहां मास्क न लगाने को लेकर दो पुलिसकर्मियों द्वारा एक व्यक्ति को सड़क पर गिराकर बुरी तरह पीटने का वीडियो सामने आया है. एसपी ने बताया कि वीडियो में दिख रहे दोनों आरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है और एक शहर पुलिस अधीक्षक को जांच का ज़िम्मा सौंपा गया है.
महाराष्ट्र के मंत्री बच्चू कडू ने सोमवार को कुछ शिकायतें मिलने के बाद अकोला के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का औचक दौरा किया था. उन्होंने कोविड-19 के मरीज़ों समेत विभिन्न रोगियों को उपलब्ध कराए जा रहे भोजन की जांच की और यह पता चलने पर नाराज़ हो गए कि इसकी गुणवत्ता कथित तौर पर ख़राब थी.
देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 संक्रमण के 1,15,736 मामले सामने आए हैं. ये देश में वैश्विक महामारी फैलने की शुरुआत होने के बाद से अब तक के सर्वाधिक दैनिक मामले हैं. देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1.28 करोड़ से ज़्यादा और मृतकों की संख्या 1.66 लाख से अधिक हो गई है.
दिल्ली सरकार ने राजधानी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू लगाया है. इसके तहत ज़रूरी सेवाओं और वाहनों की आपात आवाजाही जारी रहेगी. राशन, किराना, फल-सब्जी, दूध, दवा से जुड़े दुकानदारों को ई-पास बनवाना होगा, जिसके बाद वो अपनी सेवाएं जारी रख सकेंगे.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 12,686,049 हो गई है और 165,547 जान गंवा चुके हैं. दुनियाभर में संक्रमण के मामले 13.18 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 28.61 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि संक्रमण की दूसरी लहर में तेज़ी से हो रहे प्रसार के मद्देनज़र टीकाकरण अभियान की रणनीति को तत्काल प्रभाव से युद्ध स्तर पर बढ़ाया जाए. देश में पिछले तीन दिन से प्रत्येक दिन कोरोना वायरस संक्रमण के 90 हज़ार से अधिक नए मामले सामने आए हैं.
नई दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान के छात्रों का कहना है कि पहला सेमेस्टर ऑनलाइन कर लिया है पर दूसरे सेमेस्टर से कैंपस में बुलाया जाना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन पढ़ने की कुछ सीमाएं हैं. प्रशासन द्वारा मांगों पर ध्यान न देने की बात कहते हुए छात्रों ने सोमवार से कैंपस में धरना शुरू कर दिया है.
देश में लगातार 26 दिनों से कोरोना वायरस के नए मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही उपचाराधीन यानी सक्रिय मामलों की संख्या भी बढ़कर 741,830 हो गई है. एक लाख 65 हज़ार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. दुनियाभर में मामले 13.13 करोड़ से ज़्यादा हैं, 28.53 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 12,485,509 हो चुकी है, जबकि अब तक 164,623 लोग इस महामारी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 13.08 करोड़ से ज़्यादा है और 28.47 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
महाराष्ट्र के दो वकीलों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कोरोना टीकाकरण की दिशा में सरकार सराहनीय काम कर रही है, लेकिन घर से बाहर निकलने में असमर्थ लोगों को टीका लगाने पर कोई ठोस क़दम नहीं उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यदि ऐसे लोगों को घर पर टीका नहीं लगाया जाता है तो यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन होगा.
बीते साल 21 अक्टूबर के बाद से कोविड-19 संक्रमण से एक दिन में सर्वाधिक 714 लोगों की जान गई है और क़रीब साढ़े छह महीने में संक्रमण के एक दिन में आए सर्वाधिक मामले सामने आए हैं. देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1.23 करोड़ से अधिक हो गए हैं और 1.64 लाख से अधिक लोगों की जान गई है. विश्व में 28.38 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
वैश्विक लैंगिक भेद अनुपात रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया में केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान इस सूची में भारत से नीचे हैं. भारत के पड़ोसी मुल्कों में से बांग्लादेश इस सूची में 65, नेपाल 106, पाकिस्तान 153, अफगानिस्तान 156, भूटान 130 और श्रीलंका 116वें स्थान पर हैं.
देश में लगातार 23वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई. कुल मामलों की संख्या 12,303,131 हो गई और 163,396 लोगों की जान गई. दुनियाभर में कुल मामले 12.96 करोड़ से ज़्यादा हो गई और 28.29 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
बीते साल अप्रत्याशित तरीके से लागू लॉकडाउन के चलते करोड़ों दिहाड़ी मज़दूर अपने गांव लौटने को मजबूर हुए थे, जहां ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा उनकी आजीविका का एकमात्र ज़रिया बनी. आंकड़े दर्शाते हैं कि इससे पहले 2013-14 से 2019-20 के बीच 6.21 से 7.88 करोड़ लोगों ने मनरेगा के तहत रोज़गार पाया था.